अनुसूचित जाति के परिवारों के लिए जल कनेक्शन
पेयजल राज्य का विषय है। पेयजल आपूर्ति योजनाओं/परियोजनाओं की योजना बनाने, डिजाइन करने, अनुमोदन करने और कार्यान्वयन करने की शक्ति महाराष्ट्र सहित राज्य सरकारों के पास है। भारत सरकार तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करके राज्यों के प्रयासों को पूरा करती है।
जेजेएम दूरदराज के ग्रामीण परिवारों सहित सभी ग्रामीण परिवारों को कवर करने के लिए एक सार्वभौमिक दृष्टिकोण अपनाता है। 'कोई भी छूट न जाए' के सिद्धांत का पालन करते हुए, जल जीवन मिशन के तहत, देश के सभी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति ग्रामीण परिवारों सहित प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल का जल उपलब्ध कराने की परिकल्पना की गई है। इसके अलावा, जल गुणवत्ता प्रभावित बस्तियों, रेगिस्तान और सूखाग्रस्त क्षेत्रों, एससी/एसटी ग्रामीण क्षेत्रों, आकांक्षी और जेई-एईएस प्रभावित जिलों, सांसद आदर्श ग्रामीण योजना गांवों आदि में नल का पानी उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी जाती है।
जेजेएम-आईएमआईएस पर महाराष्ट्र द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, अनुसूचित जाति बहुल बस्तियों में कुल 4.11 लाख घर मौजूद हैं। इसमें से 20.03.2025 तक 3.62 लाख घरों (88.11 प्रतिशत) को ल से जल आपूर्ति हो रही है।
पिछले तीन वर्षों में 2022-23 से अब तक महाराष्ट्र की अनुसूचित जाति बहुल बस्तियों में 1.13 लाख घरों को नल के जल कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं।
यह जानकारी जल शक्ति राज्य मंत्री श्री वी. सोमन्ना ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।