भारतीय मानक ब्यूरो ने 78वां स्थापना दिवस मनाया
गुणवत्ता केवल पैमाना नहीं, बल्कि जीवन जीने की शैली है जो नवाचार को बढ़ावा देता है: श्री प्रल्हाद जोशी
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री ने शून्य दोष, न्यूनतम प्रतिकूल प्रभाव के उच्च गुणवत्ता वाले लंबे समय तक चलने वाले उत्पादों पर जोर दिया
श्री जोशी ने बढ़ती उपभोक्ता मांग के बीच भारतीय मानक ब्यूरो से चांदी की हॉलमार्किंग करने पर विचार करने का आग्रह किया
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने आज नई दिल्ली में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के 78वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि गुणवत्ता केवल एक पैमाना नहीं है बल्कि यह प्रतिबद्धता और जीवन जीने की शैली है। यह विश्वास की बुनियाद रखती है तथा प्रगति और नवाचार को बढ़ावा देती है।
श्री जोशी ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार ने सुनिश्चित किया है कि सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास और सबका प्रयास के मार्गदर्शक सिद्धांत के अनुरूप लोगों को सुरक्षित, विश्वसनीय और उच्च गुणवत्तायुक्त उत्पाद मिले। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र का आधार गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (क्यूसीओ) का कार्यान्वयन है जिसमें विशेष उत्पाद या उत्पाद श्रेणी के लिए गुणवत्ता मानक तय होते हैं। उन्होंने कहा कि क्यूसीओ का निरंतर विस्तार किया जा रहा है जो प्रगतिशील गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रधानमंत्री के 'जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट' के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए श्री जोशी ने शून्य दोष वाले गुणवत्तापूर्ण उत्पाद बनाने पर जोर दिया जो सतत, पर्यावरण अनुकूल हों और ये पर्यावरण पर न्यूनतम प्रतिकूल प्रभाव डालें । उन्होंने कहा कि भारत की प्रगति उसके अपने मानकों से तय होगी जो विश्व स्तरीय होने के साथ ही स्थानीय स्तर पर भी प्रभावकारी हों।
श्री जोशी ने कहा कि बैग से लेकर मशीनों और इंजीनियरिंग से लेकर मेडिकल साजो-सामान तक के क्षेत्र में 23,500 से ज़्यादा मानक लागू किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 94 प्रतिशत भारतीय मानकों को अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) और अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (आईईसी) मानकों के अनुरूप बनाया गया है। उन्होंने कहा कि 2014 में अनिवार्य भारतीय मानक ब्यूरो प्रमाणन (बीआईएस) और भारतीय मानकों के कार्यान्वयन के लिए 106 उत्पादों में 14 क्यूसीओ अधिसूचित किए गए थे पर आज 760 उत्पादों के लिए 186 क्यूसीओ अधिसूचित किए गए हैं। अब तक सोने, आभूषणों/कलाकृतियों की 44.28 करोड़ से अधिक वस्तुओं की हॉलमार्किंग की गई है। श्री जोशी ने कहा कि चांदी की हॉलमार्किंग की भी उपभोक्ता मांग कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय मानक ब्यूरो से इस पर विचार करने का आग्रह किया। केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्री ने गुणवत्ता, विश्वास और उत्कृष्टता बनाए रखने की ब्यूरो की विरासत और अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि बीआईएस गुणवत्ता चिह्न कृषि, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने वाले कई क्षेत्रों में विश्वास का प्रतीक बन गए हैं।
इस अवसर पर उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव श्रीमती निधि खरे ने भारतीय मानक ब्यूरो के योगदान की सराहना करते हुए इसके 78वां स्थापना दिवस को महत्वपूर्ण बताया। बीआईएस के महानिदेशक श्री प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि नवीन तकनीक और रचनात्मकता अपनाकर, भारतीय मानक ब्यूरो उत्कृष्टता के साथ काम करते हुए देश की प्रगति को आगे बढ़ा रहा है और उसकी आकांक्षाएं पूरी कर रहा है।
श्री प्रल्हाद जोशी ने अत्याधुनिक स्टूडियो आरंभ करते हुए आउटरीच सामग्री तथा परीक्षण विधि वीडियो जारी किया। इस अवसर पर बीआईएस ने आईआईटी तिरुपति, आईआईटी भुवनेश्वर, आईआईएम नागपुर, एनआईटी वारंगल और भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) दिल्ली जैसे शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग को औपचारिक रूप देते हुए उनके साथ समझौता ज्ञापन किए। इसका उद्देश्य नवाचार बढ़ाना, उद्योग प्रचलनों में सुधार और सतत विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाना है।