"हाई-टेक रेल-कम-रोड निरीक्षण वाहन और अत्याधुनिक रेलवे ट्रैक हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम से भारत में सुरक्षित हो रही रेल यात्रा": रेल मंत्री
“नई तकनीक से कार्यशैली में बदलाव के द्वारा ट्रैकमैन का बेहतर हो रहा है जीवन”: रेल मंत्री
“अगले पांच वर्षों में सभी रेल ज़ोन में इस नई प्रणाली को लागू करने का लक्ष्य”: रेल मंत्री
“हर चार महीने में होने वाले इस रखरखाव को रेलवे अब हर दो महीने में करने का रख रहा है लक्ष्य”: रेल मंत्री
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इंटीग्रेटेड ट्रैक मॉनिटरिंग सिस्टम (ITMS) और रोड सह रेल निरीक्षण वाहन (RCRIV) का अवलोकन किया। यह अत्याधुनिक प्रणाली भारतीय रेलवे की ट्रैक सुरक्षा और संचालन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने इस मौके पर पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा, कि RCRIV ने हमारे ट्रैकमैन, गैंगमैन, कीमैन और पीडब्ल्यूआई (स्थायी पथ निरीक्षक) के कार्य करने के तरीके में बड़े बदलाव किए हैं। इन बदलावों से न केवल सुरक्षा में सुधार होगा बल्कि उनके कामकाज और जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। आने वाले पांच वर्षों में सभी रेल ज़ोन में इस नई प्रणाली को लागू करने का लक्ष्य है। यह विशेष रूप से ट्रैक निरीक्षण और रखरखाव के आधुनिकीकरण में रेलवे विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगा।
यह तकनीकी प्रणाली न केवल ट्रेक की निगरानी और माप करने में मदद करेगी, बल्कि रेलवे संचालन को भी और अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाएगी। उन्होंने बताया कि यह प्रणाली प्रत्येक रेलवे जोन में उपलब्ध कराई जाएगी। रेलवे का लक्ष्य है कि हर चार महीने में होने वाले इस रखरखाव को अब हर दो महीने में किया जाए। यह नवीन टेक्नोलॉजी भारतीय रेल से हर रोज यात्रा करनेवाले लगभग 2.3 करोड़ यात्रियों की सुरक्षा में बढ़ोतरी करेगी।
ITMS और इसका कार्य
इंटीग्रेटेड ट्रैक मॉनिटरिंग सिस्टम (ITMS) एक उच्च-प्रदर्शन प्रणाली है, जो ट्रैक की निगरानी, माप और सुरक्षा के लिए नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल करती है। ITMS ट्रैक रिकॉर्डिंग कार (टीआरसी) पर स्थापित है, जो 20 से 200 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रैक का विश्लेषण कर सकता है। इसमें लेजर सेंसर, हाई-स्पीड कैमरे, GPS और अन्य सेंसर शामिल होते हैं, जो ट्रैक की स्थिति और संभावित दोषों का पता लगाते हैं।
प्रमुख विशेषताएँ
त्वरण माप: ITMS प्रणाली में एक्सेलेरोमीटर का उपयोग किया जाता है, जो कोच और एक्सल बॉक्स पर त्वरण (acceleration) को मापता है। यह सिस्टम सवारी की गुणवत्ता की निगरानी करता है और ऐसे स्थानों की पहचान करता है जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
उल्लंघन माप प्रणाली: यह प्रणाली LiDAR तकनीक का उपयोग करती है, जिससे किसी भी ट्रैक उल्लंघन (infringement) या बाधा का तुरंत पता लगाया जा सकता है। यह रेलवे ट्रैक के आसपास की सुरक्षा को और भी मजबूत बनाता है।
RCRIV की विशेषताएँ
रोड सह रेल निरीक्षण वाहन(RCRIV) टाटा योद्धा मॉडल से रूपांतरित करके बनाया गया है, जिसमे आगे 250 mm के दो लोहे के पहिए और पीछे 750 mm के दो लोहे के पहिए जुड़े है, जो कि इस गाड़ी को सड़क के साथ-साथ रेलवे ट्रेक पर चलने में सक्षम बनाता है । इसमें 3 कैमरे है जो 15 दिन के बैकअप के साथ ट्रेक का रेकॉर्डिंग करेंगे ।