लोकसभा अध्यक्ष ने विकास और स्थिरता के बीच संतुलन रखने का आह्वान किया
लोकसभा अध्यक्ष ने हितपक्षों से प्रधानमंत्री के परिकल्पित ‘लाइफ’ मिशन अपनाने का आह्वान किया, कहा बेहतर विश्व के लिए यह एकमात्र समाधान
जलवायु परिवर्तन की चुनौती कम करने की भारतीय वन सेवा की अंतर्निहित जिम्मेदारी
वन उत्पादों का वैज्ञानिक तरीके से उपयोग और उचित मूल्य पर बिक्री होनी चाहिए: लोकसभा अध्यक्ष
लोकसभा अध्यक्ष ने भारतीय वन सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया
लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने नई दिल्ली में आज (18 दिसंबर 2024) जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए विकास और स्थिरता के बीच संतुलन बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन विश्व की बड़ी चुनौतियों में से एक है और इससे निपटने में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित मिशन लाइफ-लाइफ़ फॉर एनवायरनमेंट सबसे सक्षम रणनीति है।
श्री बिरला आज संसद भवन परिसर में भारतीय वन सेवा के 2023-25 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों के समूह को संसदीय प्रक्रियाओं और कार्यपद्धतियों से अवगत कराने के पाठ्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। यह पाठ्यक्रम लोकसभा सचिवालय के संसदीय लोकतंत्र अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (पीआरआईडीई) द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
श्री बिरला ने कहा कि भारतीय वन सेवा की जलवायु परिवर्तन की चुनौती कम करने के अभियान के नेतृत्व की अंतर्निहित जिम्मेदारी है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से देश के वन क्षेत्र को विस्तारित करने और वन्यजीवों की सुरक्षा के दृढ़ता से प्रयास करने को प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रकृति का सम्मान होता है, हम पेड़ों को पूजते हैं और धरती को अपनी मां समझते हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति के प्रति इसी गहरे सम्मान ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी प्रथाओं और नीतियों को स्वरूप दिया है। इससे देश में अधिक संख्या में वन उद्यान बने हैं और वन क्षेत्रों को विकसित करने के विभिन्न नीतिगत प्रयास किए गए हैं। इनसे इन क्षेत्रों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है।
श्री बिरला ने बताया कि संसद में वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण असंतुलन से संबंधित मुद्दों पर नियमित रूप से चर्चा होती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आत्मविश्वास, नए विचार और तकनीकी जानकारी से भरे युवा अधिकारी इन चुनौतियों से निपटने के लिए पूर्णत: तैयार हैं। श्री बिरला ने प्रशिक्षु वन सेवा अधिकारियों को सलाह दी कि वे संसद द्वारा पारित अधिनियमों का अध्ययन करें और इससे समझ उत्पन्न करें कि उभरती चुनौतियों का समाधान कैसे किया जाए। श्री बिरला ने अधिकारियों को यह भी सुझाव दिया कि वन उपज सामग्रियों का वैज्ञानिक उपयोग हो और इनका उचित मूल्य निर्धारित किया जाए।
इस वर्ष संविधान अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि भारतीय संविधान आज पूरी दुनिया के लिए मार्गदर्शक बन गया है। उन्होंने राष्ट्र निर्माताओं की दूरदर्शिता की सराहना करते हुए कहा कि उनकी उल्लेखनीय दूरदर्शिता से भारतीय संविधान में न्याय, समानता, बंधुत्व और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मूल्य शामिल किए जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
श्री बिरला ने प्रशिक्षु अधिकारियों को भारतीय संविधान की प्रस्तावना पढ़ने के लिए प्रेरित किया।
आयोजन में लोक सभा महासचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने स्वागत भाषण दिया जबकि लोक सभा सचिवालय के संयुक्त सचिव श्री गौरव गोयल ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
लोसभा के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में 22 महिला प्रशिक्षु सहित भारतीय वन सेवा के 112 प्रशिक्षु अधिकारी भाग ले रहे हैं। इसमें रॉयल भूटान सेवा के दो अधिकारी भी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।