केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोक शिकायतों के प्रभावी निवारण 2024 की वर्षांत समीक्षा की अध्यक्षता की
डॉ. जितेंद्र सिंह ने सरकार के संपूर्ण दृष्टिकोण को राष्ट्र के संपूर्ण दृष्टिकोण के साथ सम्मेलित करने की वकालत की
डॉ. सिंह ने कहा कि हमारा ध्यान शिकायत निवारण के साथ ही नागरिक संतुष्टि पर भी होना चाहिए
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-मशीन लर्निंग टूल्स को इंटेलिजेंट शिकायत निगरानी प्रणाली (आईजीएमएस) द्वितीय डैशबोर्ड में शामिल किया गया है जो शिकायतों के पूर्वानुमानित विश्लेषण की सुविधा के साथ ही प्रणालीगत बदलाव और नीतिगत हस्तक्षेप में सक्षम बनाता है
प्रधानमंत्री मोदी के शासन में अगली पीढ़ी के केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली पोर्टल को एआई-एमएल सक्षम सुधारों के लिए 270 करोड़ रूपए की मंजूरी से बढ़ावा मिला
2024 में शासन में क्रांतिकारी बदलाव:44 प्रतिशत संतुष्टि दर के साथ 28 लाख लोग केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली से जुड़े
डॉ. जितेंद्र सिंह ने 2024 में शिकायत निवारण समय घटकर 12 दिन रह जाने का उल्लेख किया
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान तथा कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारतीय लोक प्रशासन संस्थान में आयोजित व्यापक वर्षांत समीक्षा में प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के तहत लोक शिकायत निवारण में किए गए परिवर्तनकारी उपायों का उल्लेख किया।
डॉ. सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृष्टिकल्पना के अनुरूप संपूर्ण सरकार और संपूर्ण राष्ट्र के दृष्टिकोण को सम्मेलित करने का आह्वान किया जिसका उद्देश्य प्रभावी शासन प्रदान करना और नागरिक संतुष्टि बढ़ाना है।
डॉ. सिंह ने ज्ञान भागीदार के रूप में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के साथ विकसित द्वितीय इंटेलिजेंट शिकायत निगरानी प्रणाली (आईजीएमएस) की उन्नत क्षमताओं का उल्लेख किया। इसमें केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली प्लेटफॉर्म पर शिकायत प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) का इस्तेमाल किया गया है। पूर्वानुमानित विश्लेषण और प्रणालीगत अंतर्दृष्टि को सक्षम बनाकर इंटेलिजेंट शिकायत निगरानी प्रणाली 2- नागरिकों को बेहतर परिणाम सुनिश्चित करता है और उन्हें जानकारी द्वारा नीति हस्तक्षेप की सुविधा प्रदान करता है।
प्रौद्योगिकी-संचालित सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाते हुए डॉ. सिंह ने केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली में अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए 270 करोड़ रूपए की सरकारी मंजूरी की घोषणा की। दुनिया के सबसे बड़े नागरिक इंटरफेस प्लेटफॉर्म के रूप में केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली को उन्नत, बहुभाषी, शिकायत संबंधी अद्यतन जानकारी हासिल करने और कुशल प्रतिपुष्टि तंत्र से लैस किया गया है। इससे शिकायत निवारण समय में काफी कमी आई है।
डॉ. सिंह ने कहा कि शिकायत सुलझाने के समय में उल्लेखनीय कमी आई है और अब यह घटकर केवल 12 दिन रह गया है। वर्ष 2024 में शिकायत निपटान नागरिक संतुष्टि स्तर 44 प्रतिशत पहुंच गया है। नवंबर 2024 तक 28 लाख से अधिक नागरिक केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली पर पंजीकृत हुए हैं। डॉ. सिंह ने 2022 में मानव डेस्क की स्थापना की भी सराहना की जिसकी व्यक्तिगत प्रतिक्रिया प्राप्त करने और नागरिक संतुष्टि बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
डॉ. सिंह ने शिकायत निवारण तंत्र का मूल्यांकन करने और उसे बेहतर बनाने के लिए अप्रैल 2022 से 18 समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता की है। इसके अतिरिक्त, हितपक्षों के साथ पांच मासिक समीक्षा बैठकों से सर्वोत्तम प्रचलनों को संस्थागत बनाया गया है और निरंतर सीखने की संस्कृति को बढ़ावा मिला है।
वर्षांत समीक्षा में 500 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों, प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों और वित्तीय सेवाओं, डाक विभाग, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, रेलवे, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, कृषि और ग्रामीण विकास जैसे प्रमुख विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए। भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के महानिदेशक श्री एसएन त्रिपाठी, और प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने अपने अनुभव साझा किए और शिकायत निवारण और सार्वजनिक सेवा वितरण में आगे की प्रगति की भविष्य रूपरेखा प्रस्तुत की। प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग की संयुक्त सचिव श्रीमती जया दुबे ने भी समीक्षा में अपनी बात रखी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगामी वर्ष के लिए उच्च लक्ष्य निर्धारित करने की आवश्यकता पर जोर दिया जिससे शिकायत निवारण प्रणालियों को अधिक सुदृढ़, कुशल और नागरिक-अनुकूल बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को बल मिले। उन्होंने फिर दोहराया कि इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के केंद्र में प्रौद्योगिकी और हितपक्षों के सहयोग को सम्मेलित किया जाएगा जिससे निर्बाध और संतोषजनक सार्वजनिक सेवा वितरण सुनिश्चित हो।
पारदर्शी, उत्तरदायी और कुशल शासन व्यव्स्था द्वारा नागरिक विश्वास को मजबूत करने की साझा प्रतिबद्धता के साथ वर्षांत समीक्षा संपन्न हुई।