दबंग लोग ट्रैक्टर भर ले गए खाद, गरीब किसान टापते रहे
सचिन का दावा - नियमानुसार हुआ खाद का वितरण
Report : विजय द्विवेदी
जगम्मनपुर ,जालौन । जिला जालौन सहित पूरे प्रदेश में खाद ना मिल पानी की समस्या से आहत किसान सरकार की गलत नीतियों को दोषी ठहराते हुए दबंगों को नियम विरुद्ध सीमा से अधिक खाद दे दिए जाने का आरोप लगा रहे हैं ।
माधौगढ़ तहसील अंतर्गत साधन सहकारी समिति लिमिटेड जगम्मनपुर पर खाद न मिल पाने से आक्रोशित किसान दबंगो एवं प्रभावशाली लोगों के चहेते लोगों को सीमा से अधिक खाद दिए जाने एवं जरूरतमंदों को एक भी बोरी खाद न दिए जाने का आरोप लगा रहे हैं। साधन सहकारी समिति लिमिटेड जगम्मनपुर पर खाद मिलने की आशा में भटकते किसानों ने बताया कि इस वर्ष खाद वितरण में भरपूर धांधली हुई है । गरीब व छोटा किसान एक दो बोरी के लिए अपना आधारकार्ड दिखा दिखा बाबूजी एक बोरी दे दो जैसी मिन्नतें करते गिडगिड़ाता रहा और उसे खाद नहीं दी गई उसके विपरीत दबंग एवं चहेते लोगों को ट्रैक्टर में भरकर 50-50 बोरी खाद दे दी गई है। नाम न छापने की शर्त पर अनेक किसानों ने कुछ ऐजेन्टों के माध्यम से खाद ब्लैक कराए जाने का भी आरोप लगाया है। हालांकि समिति के सचिव महेंद्र प्रताप ने किसानों के द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए बताया कि हमारे यहां खाद का वितरण ईमानदारी व नियमानुसार पारदर्शिता से हुआ है । सचिन ने बताया कि जगम्मनपुर सहकारी समिति को डीएपी उर्वरक 80 टन आवंटित हुई थी जिसका शत प्रतिशत वितरण किया गया है । यूरिया खाद 20 टन आवंटित हुई जिसमें 10 टन यूरिया खाद का वितरण हो चुका है शेष दस टन यूरिया अभी भी स्टॉक में वितरण के लिए रखी है । एपीएस उर्वरक भी 20 टन उपलब्ध कराई गई थी जिसमें 11 टन का वितरण हो चुका है शेष 9 टन खाद का वितरण जारी है जो संभवता मंगलवार की शाम तक पूरी वितरित हो जाएगी। नैनो डीएपी 24 बोतल के 10 कार्टून में पांच कार्टून का वितरण हो चुका है शेष स्टाक में उपलब्ध रहते हुए वितरण की जा रही है , इसी प्रकार यूरिया नैनो के नए पुराने स्टॉक में 14 कार्टून अर्थात 350 बोतल में पांच कार्टून अर्थात 120 बोतल का वितरण हो चुका है । डीएपी खाद की डिमांड की गई है जैसे ही डीएपी खाद प्राप्त होगी जरूरतमंद किसानों को नियमानुसार वितरित कर दी जाएगी । इस अवसर पर साधन सहकारी समिति के अध्यक्ष हरेंद्र सिंह चंदेल किसानों को आश्वस्त करते नजर आ रहे थे कि चिंता ना करो किसानों को जरूरत के हिसाब से पर्याप्त खाद उपलब्ध कराए जाने के प्रयास किये जा रहे हैं ।