नए आपराधिक कानून
आपराधिक न्याय प्रणाली में और अधिक पीड़ित-केन्द्रित दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 की धारा 360 के तहत एक प्रावधान जोड़ा गया है ताकि अभियोजन वापस लेने से पहले, अदालत द्वारा पीड़ितों को अपनी बात रखने का अवसर दिया जाएगा। यह प्रावधान पीड़ितों की चिंताओं को स्वीकार करता है और उनका समावेश करता है, जिससे आपराधिक न्याय प्रक्रिया की समग्र निष्पक्षता और जवाबदेही बढ़ती है।
यह जानकारी गृह राज्यमंत्री श्री बंदी संजय कुमार ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।