आयोग ने चरण 2 के 250 से अधिक पर्यवेक्षकों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस की, उन्हें सुचारु, स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए
दूसरे चरण में 12 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के 88 संसदीय क्षेत्रों में 26 अप्रैल, 2024 को मतदान होगा
मतदान केन्द्रों पर सभी सुविधाओं, विशेष रूप से गर्मी से निपटने की व्यवस्था करने का निर्देश
26 अप्रैल, 2024 को 12 राज्यों के 88 संसदीय क्षेत्रों में मतदान होना है जिसमें 89 सामान्य पर्यवेक्षक, 53 पुलिस पर्यवेक्षक और 109 व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। सभी ने नामांकन की अंतिम तिथि यानी 3 अप्रैल, 2024 से पहले निर्वाचन क्षेत्रों में सूचित कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्तों श्री ज्ञानेश कुमार और श्री सुखबीर सिंह संधू के साथ सभी पर्यवेक्षकों से सख्ती से यह सुनिश्चित करने को कहा कि मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए विशेष रूप से गर्मी से निपटने के लिए सभी सुविधाएं हों, दूसरे चरण के मतदान के करीब कोई प्रलोभन न दिया जाए, सुरक्षा बलों का किफायती तरीके से उपयोग किया जाए और कानून व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
केन्द्रीय पर्यवेक्षकों को अन्य बातों के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया:
सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान के लिए पहले से तैयारी करना और सभी हितधारकों यानी उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना।
संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के भीतर स्वयं उपलब्ध रहने के लिए पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान उन्हें जिम्मेदारी सौंपी जाती है।
उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के बीच मोबाइल/लैंडलाइन/ई-मेल/रहने के स्थान और प्रसार का व्यापक प्रकाशन ताकि वे आम जनता/उम्मीदवार और राजनीतिक दलों के लिए दैनिक आधार पर निर्दिष्ट नंबरों/पते पर उपलब्ध हों।
उनकी उपस्थिति में सुरक्षा बलों की रैंडम तरीके से तैनाती।
यह कि केन्द्रीय बलों/राज्य पुलिस बलों का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से किया जा रहा है और तटस्थता बनाए रखी जा रही है तथा उनकी तैनाती किसी भी राजनीतिक दल/उम्मीदवार के पक्ष में नहीं है।
उनकी उपस्थिति में ईवीएम/वीवीपैट एवं मतदान कर्मियों की रैंडम तरीके से तैनाती।
85 वर्ष से अधिक उम्र और दिव्यांगजनों के लिए घर पर मतदान की सुचारु प्रक्रिया और चुनाव ड्यूटी, आवश्यक कर्तव्यों और सेवा मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया।
यह कि मतदाता सूची राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को दी जाती है।
जिला प्रशासन ने मौजूदा अतिसंवेदनशीलता की पहचान करने के लिए क्षेत्र का नक्शा तैयार किया है और उसके अनुसार परिवहन और संचार योजना तैयार की गई है।
माइक्रो पर्यवेक्षकों की तैनाती
सभी उम्मीदवारों/उनके प्रतिनिधियों के समक्ष ईवीएम/वीवीपैट चालू करना।
ईवीएम स्ट्रांग रूम में मजबूत सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी की जाए और सभी उम्मीदवारों के अधिकृत एजेंटों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
सभी शिकायत निवारण तंत्र मौजूद हैं।
समय पर सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए अधिकृत अधिकारी की सम्पूर्ण निगरानी में जिलों में एकीकृत नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।
मतदान दिवस के पूर्व मतदाता सूचना पर्चियों का शत-प्रतिशत वितरण कर लिया गया है।
सभी आईटी एप्लिकेशन जैसे सी-विजिल, वोटर हेल्पलाइन ऐप, सक्षम ऐप, एनकोर, सुविधा ऐप आदि का उपयोग चुनाव कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है और उन्हें इन ऐप का उपयोग करने के लिए उचित प्रशिक्षित किया गया है।
मतगणना कर्मियों, माइक्रो ऑब्जर्वर आदि सहित सभी मतदान कर्मियों का प्रशिक्षण व्यवस्थित तरीके से आयोजित किया जा रहा है/किया गया है।
निर्वाचन क्षेत्र में मतदान केन्द्रों का दौरा करना और यह सुनिश्चित करना कि सभी मतदान केंद्रों पर निश्चित न्यूनतम सुविधाएं मौजूद हैं।
मतदाताओं की सुविधा के लिए सभी मतदान केन्द्रों पर मतदाता सहायता बूथ की स्थापना, दिव्यांगों, शारीरिक रूप से अक्षम, महिलाओं, बुजुर्गों और कुष्ठ रोग से प्रभावित मतदाताओं के लिए विशेष सुविधा आदि।
मतदान के दौरान मतदान केन्द्रों के बाहर कतार में इंतजार कर रहे मतदाताओं के लिए पीने का पानी, शेड/शामियाना की सुविधाएं और बैठने की उचित व्यवस्था।
उड़न दस्ते, सांख्यिकी निगरानी दल, वीडियो देखने वाले दल, सीमा जांच चौकियां, नाके आदि चौबीसों घंटे अपना काम कर रहे हैं और प्रयास किए जा रहे हैं कि नकदी, शराब, मुफ्त उपहारों, ड्रग्स/मादक पदार्थों की आवाजाही और वितरण न हो।
राजनीतिक विज्ञापन और पेड न्यूज के पूर्व-प्रमाणन के लिए मीडिया प्रमाणन व निगरानी समितियों द्वारा उचित कार्य करना।
फर्जी समाचार/गलत सूचना पर समय पर अंकुश लगाना, और सकारात्मक जानकारी को आगे बढ़ाने के लिए सूचना का सक्रिय प्रसार करना।