मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव श्री बागेश्वर धाम में सामूहिक कन्या विवाह महोत्सव में शामिल हुए
नव दंपत्तियों को दिया आशीर्वाद
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव महाशिवरात्रि पर्व पर छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा स्थित बागेश्वर धाम में विशाल सामूहिक कन्या विवाह महोत्सव में शामिल हुए और नव दंपत्तियो को आशीर्वाद दिया। उन्होंने सफल और सुखमय वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं भी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री और देश के अन्य स्थानों से उपस्थित संतों का आशीर्वाद भी प्राप्त किया। सामूहिक विवाह महोत्सव के कार्यक्रम में गरीब परिवार की 156 कन्याओं के विवाह संपन्न हुआ। बागेश्वर धाम में बुंदेलखंड महाकुंभ के अंतर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम का यह पंचम आयोजन था। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, कैबिनेट मंत्री श्री विजय शाह, श्री राकेश सिंह, श्री गोविंद सिंह राजपूत, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री धर्मेन्द्र लोधी एवं राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री लखन पटेल उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि कन्यादान सबसे बड़ा दान है। बागेश्वर धाम में आगामी शुभ मुहूर्त में बड़ी संख्या में निर्धन और जरूरतमंद परिवार की बेटियों के विवाह संपन्न करवाए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि क्षेत्र के सभी धार्मिक स्थलों का विकास किया जाएगा और पुरातन समय के प्रत्येक मंदिरों में पूजन का प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में देश धर्म के मार्ग पर चल रहा है और विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। भारत 21वीं शताब्दी में दुनिया में सर्वोच्च स्थान पर पहुंचेगा। डॉ. यादव ने कहा कि सामूहिक विवाह के गौरवशाली आयोजन में शामिल होने का अवसर मिलने से जीवन धन्य हो गया। बागेश्वर धाम में सनातन संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केनबेतवा लिंक परियोजना के क्रियान्वयन से बुंदेलखंड में समृद्धि आएगी। उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि से हुई किसानों को फसल क्षति की भरपाई के लिए सरकार संवेदनशील है। किसानों को फसल नुकसान की शत-प्रतिशत राशि का भुगतान किया जाएगा।
सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा ने सामूहिक विवाह कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि आइकॉनिक सिटी खजुराहो के साथ बागेश्वर धाम की भी देश में अलग पहचान स्थापित हुई है। हरियाणा से आए कुश्ती पहलवान दलीप सिंह राणा उर्फ खली ने एक स्थल पर गरीब कन्याओं के विवाह आयोजन को अनूठा और समाज के लिए अनुकरणीय बताया।