किलकारी योजना पर अपडेट
प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य पोर्टल पर पंजीकृत हुई महिलाओं को किलकारी योजना के माध्यम से संवादात्मक ध्वनि प्रतिक्रिया के जरिये गर्भावस्था, प्रसव और बच्चे की देखभाल के बारे में मुफ्त व साप्ताहिक अंतराल में समय-समय पर आवश्यक श्रव्य संदेश दिए जाते हैं
किलकारी योजना वर्तमान में 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है
किलकारी कार्यक्रम 15 जनवरी, 2016 को डिजिटल इंडिया पहल के एक भाग के रूप में एक नई मोबाइल-आधारित सेवा है, जो गर्भवती माताओं के लिए शुरू की गई है। इसका उद्देश्य लाभार्थियों को सीधे गर्भावस्था, प्रसव और शिशु देखभाल के बारे में संदेश देकर उन्हें नवजात शिशु की देखभाल हेतु स्वस्थ विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित करना है।
यह एक ध्वनि-आधारित सेवा है और इसलिए ग्रामीण भारत की साक्षरता चुनौतियों के बाद भी सहायता करने में सक्षम है। प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य पोर्टल पर पंजीकृत हुई महिलाओं को किलकारी योजना के माध्यम से संवादात्मक ध्वनि प्रतिक्रिया के जरिये गर्भावस्था, प्रसव और बच्चे की देखभाल के बारे में मुफ्त व साप्ताहिक अंतराल में समय-समय पर आवश्यक श्रव्य संदेश दिए जाते हैं। इसके तहत मैसेजिंग सेवा गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में शुरू होती है और तब तक जारी रहती है, जब तक कि बच्चा एक वर्ष का न हो जाए। गर्भवती मां का डेटा वेब-सेवा के माध्यम से प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य पोर्टल से किलकारी तक लाया जाता है।
यह कार्यक्रम माताओं एवं परिवारों को गर्भावस्था और शैशवावस्था के दौरान अपनाए जाने वाले व्यवहार तथा कार्य प्रणालियों के बारे में उचित सूचनाएं प्रदान करता है। साप्ताहिक संदेश परिवारों को इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान प्रत्येक सप्ताह के लिए प्राथमिकता वाले कार्यों के बारे में जानकारी देने, उन्हें याद दिलाने और सुदृढ़ करने में मदद करते हैं। यह पहल न केवल गर्भवती महिलाओं और बच्चों के जीवन को कई जोखिमों से बचाती है बल्कि स्वस्थ परिणाम भी सुनिश्चित करती है।
किलकारी परियोजना 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों अर्थात् असम, बिहार, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह को सेवा प्रदान करती है। हाल ही में 07 फरवरी, 2024 को किलकारी परियोजना दो अतिरिक्त राज्यों यानी कि महाराष्ट्र और गुजरात में शुरू की गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी है।