खाप हमारी संस्कृति है और हमारी सभ्यता की गहराई का प्रतीक है : उपराष्ट्रपति

खाप हमारी संस्कृति है और हमारी सभ्यता की गहराई का प्रतीक है : उपराष्ट्रपति

खाप की भूमिका सकारात्मक है; इक्की-दुक्की घटनाओं से इनका मूल्यांकन नहीं किया जा सकता - उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति जी ने हरियाणा के अखाड़ों और गुरुओं की बहुत प्रशंसा की, और कहा कि इन अखाड़ों का गौरवशाली इतिहास रहा है

अपने देसी अंदाज में श्री धनखड़ ने सबको राम-राम कहा

सरकारी नौकरी भर्तीमें पारदर्शिता के मामले में हरियाणा देश में रोल मॉडल है - उपराष्ट्रपति

आने वाले 2-3 साल में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक महाशक्ति होगा- उपराष्ट्रपति

हरियाणा बहुत उन्नतशील राज्य है,गुरुग्राम का कॉरपोरेट सेक्टर मुंबई की बराबरी कर रहा है - उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने सूरजकुंड, फरीदाबाद में हरियाणा सरकार की 9 वर्षों की उपलब्धियों पर पुस्तक का विमोचन किया

भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि खाप हमारी संस्कृति है और हमारी सभ्यता की गहराई का प्रतीक है।उन्होंने कहा किपृष्ठभूमि में जाइए, तो आप पायेंगे कि खाप की भूमिका सकारात्मक है और इक्की-दुक्की घटनाओं से इनका मूल्यांकन नहीं किया जा सकता।



आज सूरजकुंड, फरीदाबाद में हरियाणा सरकार की 9 वर्षों की उपलब्धियों पर पुस्तक का विमोचन करते हुए उपराष्ट्रपति जी ने हरियाणा के अखाड़ों और गुरुओं की बहुत प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इन अखाड़ों का गौरवशाली इतिहास रहा है, हमें उनका सृजन करना चाहिए। श्री धनखड़ ने यह भी कहा कि “युवकों में जो ड्रग्स की प्रवृति आई है, उससे मुक्ति की दिशा में हरियाणा के अखाड़े बेहतरीन काम कर रहे हैं।”



अपने देसी अंदाज में श्री धनखड़ ने सबको राम-राम कहा और बोले कि हरियाणा की भूमि पर आया हूंतो राम-राम कहना मेरा फर्ज बनता है।अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा पर उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को हमारी पांच सौ साल की पीड़ा खत्म हो गई। और सबसे महत्वपूर्ण बात है कि यह सबकानून की प्रक्रिया का पालन करते हुए हुआ।



उपराष्ट्रपति ने कहा कि राम हमारे संविधान में मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि हमारे संविधान निर्माताओं ने संविधान की जिस मूल प्रति पर दस्तखत किए, उसमें 22 चित्र हैं और मौलिक अधिकारों से संबंधित भाग में राम, लक्ष्मण और सीता का चित्र है, जिसमेंवे अयोध्या वापस आ रहे हैं।उन्होंने आगे बताया कि राज्य के नीति निदेशक तत्वों वाले भाग में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को उपदेश दे रहे हैं। श्री धनखड़ ने कहा कि इन 22 चित्रों में5000 साल की हमारी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया गया है।


हरियाणा सरकार की उपलब्धियों की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति जी ने कहा कि हरियाणा ने सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया को ईमानदार और पारदर्शी बनाकर एक उदाहरण पेश किया है।एक समय था, जब आम बालक-बालिका को लगता था कि योग्यता से नौकरी नहीं मिलेगी, कोई दूसरा रास्ता अपनाना पड़ेगा।लेकिन दशकों की ये संस्कृति बदली है और यह काम आसान नहीं था और आज हरियाणा प्रांत इस मामले में देश में रोल मॉडल है।



हरियाणा को बहुत उन्नतशील राज्य बताते हुए कहा कि गुरुग्राम भारत को पूरे विश्व के सामने रख रहा है और गुरुग्राम का कॉरपोरेट सेक्टर मुंबई की बराबरी कर रहा है।


उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत का अमृत काल आज गौरव काल है, हमारा कर्तव्य काल है और यह वह कालखंड है जिसमें भारत की वह मजबूत नींव रखी जा रही है जो सुनिश्चित करेगी की 2047 का भारत विकसित भारत होगा और सबसे ऊपर होगा।


गत वर्षों में देश में आये बदलावों का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि पहले भारत में घोटालों के समाचार आते थे और विश्व में हमारी अर्थव्यवस्था की स्थित चिंताजनक (fragile five) मानी जाती थी। और हम कहां से कहां गए - आज हम दुनिया की पांचवी बड़ी महाशक्ति है और आने वाले 2-3 साल में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी महाशक्ति होगा।


उपराष्ट्रपति ने कहा कि भ्रष्टाचार विकास का सबसे बड़ा दुश्मन है, औरयह प्रतिभा को आगे नहीं बढ़ने देता।एक ऐसा समय था जब बिना liaison एजेंट और दलालों के सरकार में कोई काम संभव ही नहीं था, लेकिन आज सत्ता के गलियारों से भ्रष्ट तत्व बिल्कुल समाप्त कर दिये गये हैं।


श्री धनखड़ ने कहा कि विकास के लिए दूसरी सबसे बड़ी महत्वपूर्ण चीज है -कानून के सामने बराबरी। कुछ लोग सोचते थे कि कानून हमारा क्या कर लेगा, हम कानून से ऊपर हैं, आज यह बदल गया है।


इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल, श्री बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यिमंत्री श्री मनोहरलाल, हरियाणा विधान सभा के स्पीकर श्री, ज्ञानचंद गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS