भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का संसद के समक्ष अभिभाषण
माननीय सदस्यगण,
इस नए संसद भवन में यह मेरा पहला संबोधन है।
आज़ादी के अमृतकाल की शुरुआत में यह भव्य भवन बना है।
यहां एक भारत श्रेष्ठ भारत की महक भी है।
भारत की सभ्यता और संस्कृति की चेतना भी है।
इसमें, हमारी लोकतांत्रिक और संसदीय परंपराओं के सम्मान का प्रण भी है।
साथ ही, 21वीं सदी के नए भारत के लिए, नई परंपराओं के निर्माण का संकल्प भी है।
मुझे पूरा विश्वास है कि इस नए भवन में नीतियों पर सार्थक संवाद होगा।
ऐसी नीतियां जो आज़ादी के अमृतकाल में विकसित भारत का निर्माण करेंगी।
मैं आप सभी को अपनी शुभकामनाएं देती हूं।
माननीय सदस्यगण,
यह हमारे संविधान के लागू होने का भी 75वां वर्ष है।
इसी कालखंड में आज़ादी के 75 वर्ष का उत्सव, अमृत महोत्सव भी संपन्न हुआ है।
इस दौरान देश भर में अनेक कार्यक्रम हुए।
देश ने अपने गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया।
75 साल बाद युवा पीढ़ी ने फिर स्वतन्त्रता संग्राम के उस कालखंड को जिया।
इस उत्सव के दौरान:
मेरी माटी, मेरा देश अभियान के तहत, देश भर के हर गाँव की मिट्टी के साथ अमृत कलश दिल्ली लाए गए।
2 लाख से ज्यादा शिला-फलकम स्थापित किए गए।
3 करोड़ से ज्यादा लोगों ने पंच प्राण की शपथ ली।
70 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर बने।
2 लाख से ज्यादा अमृत वाटिकाओं का निर्माण हुआ।
2 करोड़ से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए गए।
16 करोड़ से ज्यादा लोगों ने तिरंगे के साथ सेल्फी अपलोड की।
अमृत महोत्सव के दौरान ही:
कर्तव्य पथ पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित की गई।
राजधानी दिल्ली में देश के अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित म्यूजियम खोला गया।
शांति निकेतन और होयसला मंदिर वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल हुए।
साहिबज़ादों की याद में वीर बाल दिवस घोषित हुआ।
भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया गया।
विभाजन की विभीषिका को याद करते हुए, 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस घोषित किया गया।
माननीय सदस्यगण,
बीता वर्ष भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा है।
इस दौरान देशवासियों का गौरव बढ़ाने वाले अनेक पल आए।
दुनिया में गंभीर संकटों के बीच भारत सबसे तेज़ी से विकसित होती बड़ी अर्थव्यवस्था बना। लगातार 2 क्वार्टर में भारत की विकास दर 7.5 प्रतिशत से ऊपर रही है।
भारत, चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर झंडा फहराने वाला पहला देश बना।
भारत ने सफलता के साथ आदित्य मिशन लॉन्च किया, धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर अपनी सैटेलाइट पहुंचाई।
ऐतिहासिक G-20 सम्मेलन की सफलता ने पूरे विश्व में भारत की भूमिका को सशक्त किया।
भारत ने एशियाई खेलों में पहली बार 100 से अधिक मेडल जीते।
पैरा एशियाई खेलों में भी 100 से अधिक मेडल जीते।
भारत को अपना सबसे बड़ा समुद्री-पुल, अटल सेतु मिला।
भारत को अपनी पहली नमो भारत ट्रेन तथा पहली अमृत भारत ट्रेन मिली।
भारत, दुनिया में सबसे तेज़ी से 5G रोलआउट करने वाला देश बना।
भारतीय एयरलाइंस कंपनी ने दुनिया की सबसे बड़ी एयरक्राफ्ट डील की।
पिछले साल भी, मेरी सरकार ने, मिशन मोड में, लाखों युवाओं को सरकारी नौकरी दी है।
माननीय सदस्यगण,
बीते 12 महीनों में मेरी सरकार अनेक महत्वपूर्ण विधेयक लेकर भी आई।
ये विधेयक, आप सभी संसद सदस्यों के सहयोग से आज कानून बन चुके हैं।
ये ऐसे कानून हैं जो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का मजबूत आधार हैं।
3 दशक बाद, नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित करने के लिए मैं आपकी सराहना करती हूं।
इससे लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित हुई है।
यह वीमेन लेड डेवलपमेंट के मेरी सरकार के संकल्प को मजबूत करता है।
रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के अपने कमिटमेंट को मेरी सरकार ने लगातार जारी रखा है।
गुलामी के कालखंड से प्रेरित क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम अब इतिहास हो गया है। अब दंड को नहीं, अपितु न्याय को प्राथमिकता है। ‘न्याय सर्वोपरि’ के सिद्धांत पर नई न्याय संहिता देश को मिली है।
डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम से डिजिटल स्पेस और सुरक्षित होने वाला है।
अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन अधिनियम से देश में रिसर्च और इनोवेशन को बल मिलेगा।
जम्मू और कश्मीर आरक्षण कानून से, वहां भी जनजातीय समुदायों को प्रतिनिधित्व का अधिकार मिलेगा।
इस दौरान सेंट्रल यूनिवर्सिटी कानून में भी संशोधन किया गया।
इससे तेलंगाना में समक्का सरक्का सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी बनाने का रास्ता सुगम हुआ।
पिछले वर्ष 76 अन्य पुराने कानूनों को भी हटाया गया है।
मेरी सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंता से अवगत है।
इसलिए ऐसे गलत तरीकों पर सख्ती के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है।
माननीय सदस्यगण,
कोई भी राष्ट्र, तेज गति से तभी आगे बढ़ सकता है, जब वह पुरानी चुनौतियों को परास्त करते हुए अपनी ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा भविष्य-निर्माण में लगाए।
पिछले 10 वर्षों में, भारत ने राष्ट्र-हित में ऐसे अनेक कार्यों को पूरा होते हुए देखा है जिनका इंतजार देश के लोगों को दशकों से था।
राम मंदिर के निर्माण की आकांक्षा सदियों से थी। आज यह सच हो चुका है।
जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने को लेकर शंकाएं थीं। आज वे इतिहास हो चुकी हैं।
इसी संसद ने तीन तलाक के विरुद्ध कड़ा कानून बनाया।
इसी संसद ने हमारे पड़ोसी देशों से आए पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने वाला कानून बनाया।
मेरी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन को भी लागू किया, जिसका इंतजार चार दशकों से था। OROP लागू होने के बाद अब तक पूर्व सैनिकों को लगभग 1 लाख करोड़ रुपए मिल चुके हैं।
भारतीय सेना में पहली बार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति भी हुई है।
माननीय सदस्यगण,
उत्कलमणि पंडित गोपबंधु दास की अमर पंक्तियां असीम राष्ट्र प्रेम की भावना का सदा संचार करती हैं। उन्होंने कहा था:
मिशु मोर देह ए देश माटिरे,
देशबासी चालि जाआन्तु पिठिरे।
देशर स्वराज्य-पथे जेते गाड़,
पूरु तहिं पड़ि मोर मांस हाड़।
अर्थात्
मेरा शरीर इस देश की माटी के साथ मिल जाए,
देशवासी मेरी पीठ पर से चलते चले जाएं,
देश के स्वराज्य-पथ में जितनी भी खाइयां हैं,
वे मेरे हाड़-मांस से पट जाएं।
इन पंक्तियों में हमें कर्तव्य की पराकाष्ठा दिखती है, ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ का आदर्श दिखाई देता है।
ये उपलब्धियां जो आज दिख रही हैं, वे बीते 10 वर्षों की साधना का विस्तार हैं।
हम सभी बचपन से गरीबी हटाओ के नारे सुनते आ रहे थे। अब हम जीवन में पहली बार बड़े पैमाने पर गरीबी को दूर होते देख रहे हैं।
नीति आयोग के अनुसार, मेरी सरकार के एक दशक के कार्यकाल में, करीब 25 करोड़ देशवासी गरीबी से बाहर निकले हैं।
यह प्रत्येक गरीब में नया विश्वास जगाने वाली बात है।
जब 25 करोड़ लोगों की गरीबी दूर हो सकती है तो उसकी भी गरीबी दूर हो सकती है।
आज अर्थव्यवस्था के विभिन्न आयामों को देखें तो यह विश्वास बढ़ता है कि भारत सही दिशा में है तथा सही निर्णय लेते हुए आगे बढ़ रहा है।
बीते 10 वर्षों में:
हमने भारत को फ्रैजाइल फाइव से निकलकर, टॉप फाइव इकॉनॉमीज़ में शामिल होते देखा है।
भारत का निर्यात, करीब 450 बिलियन डॉलर से बढ़कर 775 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है।
पहले की तुलना में FDI दोगुना हुआ है।
खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादों की बिक्री में 4 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है।
ITR फाइल करने वालों की संख्या, करीब सवा 3 करोड़ से बढ़कर लगभग सवा 8 करोड़ हो चुकी है; यह बढ़ोतरी, दो गुना से भी कहीं अधिक है।
एक दशक पहले:
देश में केवल कुछ सौ स्टार्ट-अप थे जो आज बढ़कर 1 लाख से अधिक हो गए हैं।
साल में 94 हज़ार कंपनियां रजिस्टर हुईं थीं। पिछले वर्ष, यह संख्या 1 लाख 60 हज़ार तक पहुंच चुकी है।
दिसंबर 2017 में, 98 लाख लोग GST देते थे, आज इनकी संख्या 1 करोड़ 40 लाख है।
2014 से पहले के 10 वर्षों में, लगभग 13 करोड़ वाहन बिके थे। पिछले 10 वर्षों में, देशवासियों ने 21 करोड़ से अधिक वाहन खरीदे हैं।
2014-15 में, लगभग 2 हज़ार इलेक्ट्रिक वाहन बिके थे। जबकि 2023-24 में दिसंबर माह तक ही लगभग 12 लाख इलेक्ट्रिक वाहन बिक चुके हैं।
माननीय सदस्यगण,
बीते दशक में, मेरी सरकार ने सुशासन और पारदर्शिता को हर व्यवस्था का मुख्य आधार बनाया है।
इसी का परिणाम है कि हम बड़े आर्थिक सुधारों के साक्षी बने हैं।
इस दौरान देश को Insolvency and Bankruptcy Code मिला है।
देश को GST के रूप में एक देश एक टैक्स कानून मिला है।
मेरी सरकार ने मैक्रो इकनॉमिक स्टेबिलिटी भी सुनिश्चित की है।
10 वर्षों में, कैपेक्स 5 गुना बढ़कर 10 लाख करोड़ हो गया है। साथ ही, फिस्कल डेफिसिट भी नियंत्रण में है।
आज हमारे फोरेक्स रिज़र्व 600 अरब डॉलर से ज्यादा हैं।
हमारा बैंकिंग सिस्टम जो पहले बुरी तरह से चरमराया था, वह आज दुनिया के सबसे मजबूत बैंकिंग सिस्टम में से एक बना है।
बैंकों का NPA जो कभी डबल डिजिट में होता था, वह आज लगभग 4 प्रतिशत ही है।
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान हमारी ताकत बन चुके हैं।
भारत आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता देश है।
पिछले एक दशक के दौरान मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग में 5 गुना बढ़ोतरी हुई है।
कुछ साल पहले भारत खिलौने आयात करता था, आज मेड इन इंडिया खिलौने निर्यात कर रहा है।
भारत का डिफेंस प्रोडक्शन एक लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच चुका है।
आज हर भारतीय, देश में बने एयक्राफ्ट करियर INS विक्रांत को देखकर, गर्व से भरा हुआ है।
लड़ाकू विमान तेजस अब हमारी वायुसेना की ताकत बन रहे हैं।
C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का निर्माण भारत में होने जा रहा है।
आधुनिक एयरक्राफ्ट इंजन भी भारत में बनाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में डिफेन्स कॉरिडोर का विकास हो रहा है।
मेरी सरकार ने डिफेंस सेक्टर में निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित की है।
स्पेस सेक्टर को भी हमारी सरकार ने युवा स्टार्ट-अप्स के लिए खोल दिया है।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार, वेल्थ क्रिएटर्स का सम्मान करती है तथा भारत के प्राइवेट सेक्टर के सामर्थ्य पर विश्वास करती है।
भारत में बिजनेस करना आसान हो, इसके लिए उपयुक्त माहौल रहे, इस पर भी मेरी सरकार लगातार काम कर रही है।
Ease of Doing Business में लगातार सुधार हो रहा है।
बीते कुछ वर्षों में 40 हजार से ज्यादा compliances हटाए या सरल किये गए।
Companies Act तथा Limited Liability Partnership Act में 63 प्रावधानों को अपराध की सूची से बाहर किया गया।
जन विश्वास अधिनियम द्वारा 183 प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया।
अदालत के बाहर विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान हेतु, मध्यस्थता पर कानून बनाया गया है।
वन और पर्यावरण विभाग से क्लीयरेंस मिलने में जहां 600 दिन लगते थे, वहीं आज 75 दिन से भी कम समय लगता है।
फेसलेस असेसमेंट योजना से टैक्स व्यवस्था में और पारदर्शिता आई है।
माननीय सदस्यगण,
हमारे MSME सेक्टर को भी, रिफॉर्म्स का बहुत अधिक लाभ हो रहा है।
आप अवगत हैं कि हमारे MSMEs में आज करोड़ों देशवासी काम कर रहे हैं।
MSMEs और लघु उद्यमियों को सशक्त करने के लिए मेरी सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है।
MSME की परिभाषा का विस्तार किया गया है।
नई परिभाषाओं में, निवेश और turn-over को समाहित किया गया है।
आज उद्यम और उद्यम असिस्ट पोर्टल पर लगभग साढ़े 3 करोड़ MSME रजिस्टर्ड हैं।
बीते वर्षों में, MSMEs के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत करीब 5 लाख करोड़ की गारंटी स्वीकृत की गई है।
यह 2014 से पहले के दशक से, 6 गुना अधिक है।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार का एक और बड़ा रिफॉर्म, डिजिटल इंडिया का निर्माण है। डिजिटल इंडिया ने भारत में जीवन और बिजनेस, दोनों को बहुत आसान बना दिया है।
आज पूरी दुनिया मानती है कि यह भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि है। विकसित देशों में भी भारत जैसा डिजिटल सिस्टम नहीं है।
गांवों में भी सामान्य खरीद-बिक्री डिजिटल तरीके से होगी, यह कुछ लोगों की कल्पना से भी परे था।
आज दुनिया के कुल रियल टाइम डिजिटल लेनदेन का 46 प्रतिशत भारत में होता है।
पिछले महीने UPI से रिकॉर्ड 1200 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए हैं।
इसके तहत 18 लाख करोड़ रुपए का रिकॉर्ड लेनदेन हुआ है।
दुनिया के दूसरे देश भी आज UPI से ट्रांजेक्शन की सुविधा दे रहे हैं।
डिजिटल इंडिया के कारण बैंकिंग आसान हुई है और लोन देना भी सरल हुआ है।
जनधन आधार मोबाइल (JAM) की त्रिशक्ति से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मदद मिली है।
मेरी सरकार अब तक 34 लाख करोड़ रुपए डीबीटी से ट्रांसफर कर चुकी है।
जनधन आधार मोबाइल (JAM) के कारण करीब 10 करोड़ फर्जी लाभार्थी सिस्टम से बाहर किए गए हैं।
इससे पौने 3 लाख करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं।
डिजिलॉकर की सुविधा भी जीवन को आसान बना रही है। इसमें अभी तक यूजर्स के 6 बिलियन से ज्यादा डॉक्यूमेंट्स जारी हुए हैं।
आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट के तहत लगभग 53 करोड़ लोगों की डिजिटल हेल्थ आईडी बन चुकी है।
माननीय सदस्यगण,
डिजिटल के साथ-साथ फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी रिकॉर्ड निवेश हुआ है। आज भारत में ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है, जिसका सपना हर भारतीय देखता था। पिछले 10 वर्षों के दौरान:
गांवों में पौने 4 लाख किलोमीटर नई सड़कें बनीं हैं।
नेशनल हाईवे की लंबाई, 90 हजार किलोमीटर से बढ़कर 1 लाख 46 हजार किलोमीटर हुई है।
फोर-लेन नेशनल हाइवे की लंबाई ढाई गुना बढ़ी है।
हाई-स्पीड कॉरिडोर की लंबाई 500 किलोमीटर थी, जो आज 4 हजार किलोमीटर है।
एयरपोर्ट्स की संख्या 74 से दो गुना बढ़कर 149 हो चुकी है।
देश के बड़े बंदरगाहों पर cargo handling capacity दोगुनी हो गई है।
ब्रॉडबैंड इस्तेमाल करने वालों की संख्या में 14 गुना बढ़ोतरी हुई है।
देश की लगभग 2 लाख गांव पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जा चुका है।
4 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर्स भी खुले हैं जो रोजगार का बड़ा माध्यम बने हैं।
देश में 10 हजार किलोमीटर गैस पाइपलाइन भी बिछाई गई है।
वन नेशन, वन पावर ग्रिड से, बिजली की व्यवस्था में सुधार हुआ है।
वन नेशन, वन गैस ग्रिड से, गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बल मिल रहा है।
सिर्फ 5 शहरों तक सीमित मेट्रो की सुविधा आज 20 शहरों में है।
25 हजार किलोमीटर से ज्यादा रेलवे ट्रैक बिछाए गए। यह कई विकसित देशों के कुल रेलवे ट्रैक की लंबाई से ज्यादा है।
भारत, रेलवे के शत-प्रतिशत बिजलीकरण के बहुत निकट है।
इस दौरान भारत में पहली बार सेमी हाई स्पीड ट्रेन शुरु हुई हैं।
आज 39 से ज्यादा रूट्स पर वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं।
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 1300 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प हो रहा है।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार मानती है कि विकसित भारत की भव्य इमारत 4 मज़बूत स्तंभों पर खड़ी होगी।
ये स्तंभ हैं - युवाशक्ति, नारीशक्ति, किसान और गरीब।
देश के हर हिस्से, हर समाज में इन सभी की स्थिति और सपने एक जैसे ही हैं।
इसलिए इन 4 स्तंभों को सशक्त करने के लिए मेरी सरकार निरंतर काम कर रही है।
मेरी सरकार ने टैक्स का बहुत बड़ा हिस्सा इन स्तंभों को मजबूत बनाने पर खर्च किया है।
4 करोड़ 10 लाख गरीब परिवारों को अपना पक्का घर मिला।
इस पर लगभग 6 लाख करोड़ रुपये खर्च किये गए।
लगभग 11 करोड़ ग्रामीण परिवारों तक पहली बार पाइप से पानी पहुंचा है।
इस पर 4 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
हाल में ही 10 करोड़ उज्ज्वला के गैस कनेक्शन पूरे हुए हैं।
आज इन लाभार्थी बहनों को बहुत सस्ती गैस भी दी जा रही है।
इस पर भी सरकार द्वारा ढाई लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
कोरोना काल से ही 80 करोड़ देशवासियों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है।
अब इसे आने वाले 5 वर्षों के लिए आगे बढ़ाया गया है।
अब इस पर 11 लाख करोड़ रुपए और खर्च होने का अनुमान है।
मेरी सरकार का प्रयास है कि हर योजना का तेज़ी से सैचुरेशन हो। कोई भी लाभार्थी वंचित न रहे।
इसके लिए 15 नवंबर से विकसित भारत संकल्प यात्रा चल रही है। अभी तक इस यात्रा से करीब 19 करोड़ देशवासी जुड़ चुके हैं।
माननीय सदस्यगण,
बीते वर्षों में विश्व ने दो बड़े युद्ध देखे और कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का सामना किया।
ऐसे वैश्विक संकटों के बावजूद मेरी सरकार ने देश में महंगाई को काबू में रखा, सामान्य भारतीय का बोझ नहीं बढ़ने दिया।
2014 से पहले के 10 वर्षों में औसत महंगाई दर 8 प्रतिशत से अधिक थी। पिछले दशक में औसत महंगाई दर 5 प्रतिशत रही।
मेरी सरकार का प्रयास रहा है कि सामान्य देशवासी की जेब में अधिक से अधिक बचत कैसे हो।
पहले भारत में 2 लाख रुपए की आय पर टैक्स लग जाता था।
आज भारत में 7 लाख रुपए तक की आय पर भी टैक्स नहीं लगता।
टैक्स छूट और रिफॉर्म्स के कारण भारत के टैक्सपेयर्स को 10 साल में करीब ढाई लाख करोड़ रुपए की बचत हुई है।
आयुष्मान योजना के अलावा भी केंद्र सरकार, विभिन्न अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा देती है। इससे देश के नागरिकों के साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए खर्च होने से बचे हैं।
जन-औषधि केंद्रों की वजह से मरीजों के करीब 28 हजार करोड़ रुपए खर्च होने से बचे हैं।
कोरोनोरी स्टेंट, घुटने के इंप्लांट तथा कैंसर की दवाओं की कीमत भी कम की गई है। इससे मरीज़ों को हर वर्ष लगभग 27 हजार करोड़ रुपए की बचत हो रही है।
मेरी सरकार, किडनी के मरीजों के लिए मुफ्त डायलिसिस का अभियान भी चला रही है। इसका लाभ प्रतिवर्ष 21 लाख से ज्यादा मरीज उठा रहे हैं। इनके प्रतिवर्ष एक लाख रुपए खर्च होने से बचे हैं।
गरीबों को सस्ता राशन मिलता रहे, इसके लिए मेरी सरकार ने पिछले दशक में करीब 20 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
भारतीय रेल में यात्रा के लिए रेलवे, प्रत्येक टिकट पर, करीब 50 प्रतिशत डिस्काउंट देती है। इससे गरीब और मध्यम वर्ग के यात्रियों को हर वर्ष 60 हजार करोड़ रुपए की बचत होती है।
गरीब और मध्यम वर्ग को कम कीमत पर हवाई टिकट मिल रहे हैं। उड़ान योजना के अंतर्गत गरीब और मध्यम वर्ग को हवाई टिकटों पर 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की बचत हुई है।
LED बल्ब की योजना के कारण, बिजली के बिलों में 20 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है।
जीवन ज्योति बीमा योजना और सुरक्षा बीमा योजना के तहत, गरीबों को 16 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की क्लेम राशि मिली है।
माननीय सदस्यगण,
नारीशक्ति का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए मेरी सरकार हर स्तर पर काम कर रही है।
इस वर्ष की गणतंत्र दिवस परेड भी नारीशक्ति के लिए समर्पित थी।
इस परेड में दुनिया ने हमारी बेटियों के सामर्थ्य की झलक देखी।
मेरी सरकार ने जल, थल, नभ और अंतरिक्ष, हर तरफ बेटियों की भूमिका का विस्तार किया है।
हम सब जानते हैं कि महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता के क्या मायने हैं।
मेरी सरकार ने महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं।
आज लगभग 10 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ चुकी हैं।
इन समूहों को 8 लाख करोड़ रुपए बैंक लोन और 40 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है।
मेरी सरकार 2 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का अभियान चला रही है।
नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत, समूहों को 15 हजार ड्रोन उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह करने से देश की लाखों महिलाओं को बहुत मदद मिली है।
मेरी सरकार ने महिलाओं को पहली बार सशस्त्र बलों में परमानेंट कमीशन दिया है।
पहली बार सैनिक स्कूलों और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में महिला कैडेट्स को प्रवेश दिया गया है।
आज महिलाएं फाइटर पायलट भी हैं और नौसेना के जहाज को भी पहली बार कमांड कर रही हैं।
मुद्रा योजना के तहत जो 46 करोड़ से ज्यादा लोन दिए गए हैं उनमें करीब 31 करोड़ से ज्यादा लोन महिलाओं को मिले हैं।
इस योजना से लाभ लेकर करोड़ों महिलाओं ने स्वरोजगार शुरु किया है।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार आज खेती को अधिक लाभकारी बनाने पर बल दे रही है। हमारा यह प्रयास है कि खेती में लागत कम हो और लाभ अधिक हो।
मेरी सरकार ने पहली बार 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को भी देश की कृषि नीति और योजनाओं में प्रमुखता दी है।
पीएम-किसान सम्मान निधि के तहत अब तक 2 लाख 80 हज़ार करोड़ रुपए, किसानों को मिल चुके हैं।
10 सालों में किसानों के लिए बैंक से आसान लोन में 3 गुना वृद्धि की गई है।
प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों ने 30 हज़ार करोड़ रुपए प्रीमियम भरा। इसके बदले उन्हें डेढ़ लाख करोड़ रुपए का क्लेम मिला है।
पिछले 10 वर्षों में, लगभग 18 लाख करोड़ रुपए MSP के रूप में धान और गेहूं की खेती करने वाले किसानों को मिले हैं।
यह 2014 से पहले के 10 सालों की तुलना में ढाई गुना अधिक है।
पहले तिलहन और दलहन फसलों की सरकारी खरीद नहीं के बराबर थी।
पिछले दशक में तिलहन और दलहन की खेती करने वाले किसानों को MSP के रूप में सवा लाख करोड़ रुपए मिले हैं।
यह मेरी ही सरकार है जिसने पहली बार देश में कृषि निर्यात नीति बनाई है।
इससे एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट, 4 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचा है।
किसानों को सस्ती खाद मिले, इसके लिए 10 सालों में 11 लाख करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए हैं।
मेरी सरकार ने पौने दो लाख से ज्यादा प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र स्थापित किए हैं।
अभी तक लगभग 8 हज़ार किसान उत्पादक संघ - FPO बनाए जा चुके हैं।
मेरी सरकार कृषि में सहकारिता को बढ़ावा दे रही है। इसलिए, देश में पहली बार सहकारिता मंत्रालय बनाया गया।
सहकारी क्षेत्र में, दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना शुरू की गई है।
जिन गांवों में सहकारी समितियां नहीं हैं, वहां 2 लाख समितियां बनाई जा रही हैं।
मत्स्य-पालन क्षेत्र में 38 हजार करोड़ रुपए से अधिक की योजनाएं चलाई जा रही है, जिसके कारण मत्स्य उत्पादन पिछले दस साल में 95 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 175 लाख मीट्रिक टन यानी लगभग दोगुना हो गया है।
इनलैंड फिशरीज का उत्पादन 61 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 131 लाख मीट्रिक टन हो गया।
मत्स्य-पालन क्षेत्र में निर्यात भी 30 हजार करोड़ रुपए से बढकर 64 हजार करोड़ रुपए तक, यानी दोगुने से ज्यादा बढ़ा है।
देश में पहली बार पशुपालकों और मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ दिया गया है।
पिछले दशक में, प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 40 प्रतिशत बढ़ी है।
पशुओं को खुरपका और मुंहपका बीमारियों से बचाने के लिए पहली बार मुफ्त टीकाकरण अभियान चल रहा है।
अब तक, चार चरणों में, 50 करोड़ से ज्यादा टीके, पशुओं को दिए जा चुके हैं।
माननीय सदस्यगण,
जनकल्याण की ये जितनी भी योजनाएं हैं, ये सिर्फ सुविधाएं भर नहीं हैं।
इनका देश के नागरिकों के पूरे जीवन-चक्र पर सकारात्मक असर पड़ रहा है।
विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा, मेरी सरकार की योजनाओं के प्रभावों का अध्ययन किया गया है।
इनके परिणाम बहुत ही प्रभावकारी हैं और गरीबी से लड़ रहे दुनिया के हर देश को प्रेरित करने वाले हैं।
बीते वर्षों में विभिन्न संस्थाओं के अध्ययन में सामने आया है कि:
11 करोड़ शौचालयों के निर्माण और खुले में शौच बंद होने से, अनेक बीमारियों की रोकथाम हुई है।
इससे शहरी क्षेत्र के हर गरीब परिवार को इलाज पर प्रति वर्ष 60 हजार रुपए तक की बचत हो रही है।
पाइप से शुद्ध पेयजल मिलने से भी प्रतिवर्ष लाखों बच्चों की जान बच रही है।
पीएम आवास योजना पर हुए अध्ययन के अनुसार, पक्के घर से परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा और गरिमा बढ़ी है।
पक्के घरों में बच्चों की पढ़ाई बेहतर हुई है और ड्रॉप आउट की दर में कमी आयी है।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की वजह से आज देश में शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव हो रहे हैं। इस वजह से माता मृत्यु दर में भी भारी गिरावट आई है।
एक और अध्ययन के अनुसार, उज्ज्वला योजना के लाभार्थी परिवारों में, गंभीर बीमारी की घटनाओं में कमी आई है।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार, मानव केंद्रित विकास पर बल दे रही है। हमारे लिए हर नागरिक की गरिमा सर्वोपरि है। यही सामाजिक न्याय की हमारी अवधारणा है। भारत के संविधान के हर अनुच्छेद का संदेश भी यही है।
हमारे यहां लंबे समय तक सिर्फ अधिकारों पर चर्चा होती थी। हमने सरकार के कर्तव्यों पर भी बल दिया। इससे नागरिकों में भी कर्तव्य-भाव जागा। आज अपने-अपने कर्तव्य के पालन से हर अधिकार की गारंटी का भाव जागृत हुआ है।
मेरी सरकार ने उनकी भी सुध ली है, जो अब तक विकास की धारा से दूर रहे हैं। ऐसे हजारों आदिवासी गांव हैं जहां बीते 10 वर्षों में पहली बार बिजली और सड़क पहुंची है। लाखों आदिवासी परिवारों को अब जाकर पाइप से शुद्ध पानी मिलना शुरू हुआ है। विशेष अभियान के तहत मेरी सरकार, हजारों आदिवासी बहुल गांवों में 4G इंटरनेट सुविधा भी पहुंचा रही है। वनधन केंद्रों की स्थापना और 90 से ज्यादा वन-उपज पर MSP दिए जाने से, आदिवासियों को बहुत लाभ हुआ है।
मेरी सरकार ने पहली बार, जनजातियों में भी सबसे पिछड़ी जनजातियों की सुध ली है। उनके लिए लगभग 24 हज़ार करोड़ रुपए की पीएम जनमन योजना बनाई है।
आदिवासी परिवारों की अनेक पीढ़ियां सिकल सेल अनीमिया से पीड़ित रही हैं। पहली बार इसके लिए राष्ट्रीय मिशन शुरु किया गया है। अब तक लगभग 1 करोड़ 40 लाख लोगों की जांच की जा चुकी है।
दिव्यांगजनों के लिए भी मेरी सरकार ने सुगम्य भारत अभियान चलाया है। साथ ही, भारतीय सांकेतिक भाषा में पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराईं हैं।
ट्रांसजेंडर को समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने और उनके अधिकारों के संरक्षण हेतु भी कानून बनाया गया है।
माननीय सदस्यगण,
हमारे यहां विश्वकर्मा परिवारों के बिना, दैनिक जीवन की कल्पना भी मुश्किल है। ये परिवार, पीढ़ी दर पीढ़ी, अपने कौशल को आगे बढ़ाते हैं। लेकिन सरकारी मदद के अभाव में, हमारे विश्वकर्मा साथी बुरी स्थिति से गुजर रहे थे। मेरी सरकार ने ऐसे विश्वकर्मा परिवारों की भी सुध ली है। अभी तक पीएम विश्वकर्मा योजना से 84 लाख से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं।
रेहड़ी-ठेले-फुटपाथ पर काम करने वाले साथी भी दशकों से अपने हाल पर छोड़ दिए गए थे। मेरी सरकार ने, पीएम स्वनिधि योजना द्वारा उनको बैंकिंग से जोड़ा। इस योजना के तहत, अब तक 10 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की राशि के ऋण दिए जा चुके हैंI सरकार ने इन पर भरोसा करते हुए, बिना collateral के ऋण दिया। उस भरोसे को मजबूत करते हुए, अधिकांश लोगों ने ऋण तो वापस किया ही, अगली किश्त का भी लाभ उठाया। इस योजना के अधिकतर लाभार्थी दलित, पिछड़े, आदिवासी और महिलाएं हैं।
माननीय सदस्यगण,
सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चल रही मेरी सरकार समाज के हर वर्ग को उचित अवसर देने में जुटी है।
पहली बार सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण की सुविधा दी गई।
मेडिकल में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए ओबीसी के केन्द्रीय कोटे के तहत दाखिले में 27 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया गया।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया।
मेरी सरकार ने बाबा साहेब आंबेडकर से जुड़े 5 स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया।
आज देशभर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के लिए समर्पित 10 संग्रहालय बनाए जा रहे हैं।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार ने ऐसे क्षेत्रों को भी पहली बार विकास से जोड़ा है जो दशकों तक उपेक्षित रहे। हमारी सीमाओं से सटे गांवों को देश का अंतिम गांव माना जाता था। मेरी सरकार ने, इन्हें देश का पहला गांव बनाया। इन गांवों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरु किया गया है।
अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप जैसे हमारे दूर-सुदूर के द्वीप-समूह भी विकास से वंचित थे। मेरी सरकार ने, इन द्वीपों में भी, आधुनिक सुविधाओं का निर्माण किया। वहां सड़क, हवाई यातायात और तेज इंटरनेट की सुविधाएं पहुंचाईं। कुछ सप्ताह पूर्व ही, लक्षद्वीप को भी अंडर वॉटर ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है। इससे स्थानीय लोगों के साथ ही, पर्यटकों को भी सुविधा होगी।
मेरी सरकार द्वारा, आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत, देश के सौ से अधिक जिलों में विकास को प्राथमिकता दी गई है। इस कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए, मेरी सरकार ने, आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम भी शुरू किया है। इससे देश के उन ब्लॉक्स में विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है, जो पीछे छूट गए थे।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार आज पूरी सीमा पर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बना रही है। यह काम बहुत पहले ही, प्राथमिकता के आधार पर हो जाना चाहिए था। आतंकवाद हो या विस्तारवाद, हमारी सेनाएं आज ‘जैसे को तैसा’ की नीति के साथ जवाब दे रही हैं।
आंतरिक शांति के लिए मेरी सरकार के प्रयासों के सार्थक परिणाम हमारे सामने हैं।
जम्मू कश्मीर में आज सुरक्षा का वातावरण है।
आज वहां हड़ताल का सन्नाटा नहीं, भीड़ भरे बाजार की चहल-पहल है।
नॉर्थ-ईस्ट में अलगाववाद की घटनाओं में भारी कमी आई है।
अनेक संगठनों ने स्थाई शांति की तरफ कदम बढ़ाए हैं।
नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्र घटे हैं और नक्सली हिंसा में भी भारी गिरावट हुई है।
माननीय सदस्यगण,
भारत के लिए, यह समय आने वाली सदियों का भविष्य लिखने का है। हमारे पूर्वजों ने हज़ारों वर्षों की एक विरासत हमारे लिए छोड़ी है। अपने पूर्वजों की सौगातों को आज भी हम बड़े गौरव के साथ याद करते हैं। आज की पीढ़ी को भी ऐसी विरासत बनानी है जो सदियों तक याद रखी जाए।
इसलिए, मेरी सरकार आज एक बड़े विजन पर काम कर रही है।
इस विजन में आने वाले 5 वर्ष का कार्यक्रम भी है। इसमें आने वाले 25 साल का रोडमैप भी है। हमारे लिए विकसित भारत सिर्फ आर्थिक समृद्धि तक सीमित नहीं है। हम सामाजिक, सांस्कृतिक और सामरिक ताकत को भी उतना ही महत्व दे रहे हैं। इनके बिना विकास और आर्थिक समृद्धि स्थाई नहीं रह सकती। बीते दशक के फैसले भी, इसी ध्येय से लिए गए हैं। आज भी अनेक कदम इसी लक्ष्य के साथ उठाए जा रहे हैं।
माननीय सदस्यगण,
भारत के तेज विकास को लेकर आज दुनिया की हर एजेंसी आश्वस्त है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां जो भी आकलन कर रही हैं, उनका आधार भारत की नीतियां हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर में रिकॉर्ड निवेश और पॉलिसी रिफॉर्म, निवेशकों का विश्वास और बढ़ा रहे हैं। पूर्ण बहुमत वाली स्थिर और मजबूत सरकार के लिए भारतीयों का संकल्प भी दुनिया को नया भरोसा दे रहा है।
आज दुनिया को विश्वास है कि भारत ही ग्लोबल सप्लाई चेन को सशक्त कर सकता है। इसलिए भारत भी आज इसके लिए बड़े कदम उठा रहा है। देश में MSMEs का एक मजबूत नेटवर्क बनाया जा रहा है।
मेरी सरकार ने 14 सेक्टर्स के लिए PLI योजनाएं शुरु की हैं। इसके तहत अभी तक लगभग 9 लाख करोड़ रुपए का उत्पादन हो चुका है। इससे देश में रोजगार और स्व-रोजगार के लाखों नए अवसर बने हैं।
PLI से इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, फूड प्रोसेसिंग और मेडिकल डिवाइस के सेक्टर में भी लाभ हो रहा है। मेडिकल डिवाइस से जुड़े दर्जनों प्रोजेक्ट्स में उत्पादन शुरु हो चुका है। मेरी सरकार ने देश में 3 बल्क ड्रग पार्क भी बनाए हैं।
माननीय सदस्यगण,
आज मेड इन इंडिया एक ग्लोबल ब्रांड बन चुका है। मेक इन इंडिया को लेकर आज दुनिया आकर्षित हो रही है। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को दुनिया समझ रही है। आज दुनिया भर की कंपनियां भारत में नए सेक्टर्स को लेकर उत्साहित हैं। सेमी-कंडक्टर सेक्टर में हो रहा निवेश इसका उदाहरण है। सेमी-कंडक्टर सेक्टर से इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबील सेक्टर को भी बहुत लाभ होगा।
मेरी सरकार आज ग्रीन मोबिलिटी को बहुत प्रोत्साहन दे रही है। बीते कुछ सालों में ही देश में लाखों इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण हुआ है। अब तो हम भारत में ही बड़े हवाई जहाज़ की मैन्युफेक्चरिंग के लिए भी कदम बढ़ा चुके हैं। आने वाले समय में मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर में करोड़ों नए रोजगारों का सृजन होगा।
माननीय सदस्यगण,
विश्व में आज ऐसे उत्पादों की विशेष मांग है, जो पर्यावरण के अनुकूल हों। इसलिए मेरी सरकार, zero effect zero defect पर बल दे रही है। आज ग्रीन एनर्जी पर हमारा बहुत फोकस है।
10 वर्षों में non-fossil fuel पर आधारित ऊर्जा क्षमता 81 गीगावॉट से बढ़कर 188 गीगावॉट हो चुकी है।
इस दौरान सोलर पावर कैपेसिटी में 26 गुना बढ़ोतरी हुई है।
इसी तरह, Wind power capacity दोगुनी हो गई है।
Renewable Energy Installed Capacity की दृष्टि से हम दुनिया में चौथे नंबर पर हैं।
Wind Power capacity में भी हम चौथे नंबर पर हैं।
Solar Power capacity में हम पांचवें नंबर पर हैं।
भारत ने 2030 तक अपनी स्थापित क्षमता का 50 प्रतिशत non-fossil fuel से पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
बीते 10 वर्षों में 11 नए सोलर पार्क बन चुके हैं। 9 सोलर पार्कों पर आज काम चल रहा है।
कुछ दिन पहले ही घर की छत पर सोलर एनर्जी उपलब्ध कराने के लिए एक नई योजना घोषित की गई है। इसके तहत 1 करोड़ परिवारों को मदद दी जाएगी। इससे बिजली का बिल भी कम होगा और अतिरिक्त बिजली की खरीद विद्युत बाजार में की जाएगी।
परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी बहुत तेजी से काम किया जा रहा है। मेरी सरकार ने 10 नए परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को स्वीकृति दी है।
हाइड्रोजन एनर्जी के क्षेत्र में भी भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। हम अभी तक लद्दाख और दमन-दीव में दो प्रोजेक्ट शुरु कर चुके हैं।
मेरी सरकार ने इथेनॉल के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया है। देश, 12 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य हासिल कर चुका है। बहुत ही जल्द, 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग का टारगेट भी पूरा होने वाला है। इससे हमारे किसानों की आय बढ़ेगी। अभी तक सरकारी कंपनियां एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का इथेनॉल खरीद चुकी हैं। इन सारे प्रयासों से अपनी ऊर्जा ज़रूरतों के लिए विदेशों पर निर्भरता कम होगी। कुछ दिन पहले ही, बंगाल की खाड़ी में एक नए ब्लॉक में तेल उत्पादन शुरु हुआ है। यह देश के लिए एक बड़ी सफलता है।
माननीय सदस्यगण,
धरती में महत्वपूर्ण खनिजों की मात्रा सीमित है। इसलिए मेरी सरकार सर्कुलर इकॉनॉमी को प्रोत्साहित कर रही है। भारत की पहली वेहिकल स्क्रैपेज पॉलिसी का लक्ष्य भी यही है।
गहरे समुद्र में खनिजों की संभावनाओं को तलाशना भी ज़रूरी है। इसी लक्ष्य के साथ डीप ओशन मिशन शुरु किया गया। इस मिशन से अपने समुद्री जन-जीवन के बारे में हमारी समझ भी बेहतर होगी। भारत का समुद्र-यान इस क्षेत्र में शोध कर रहा है।
मेरी सरकार, भारत को दुनिया की एक बड़ी स्पेस पावर बनाने में जुटी है। यह मानव जीवन को बेहतर बनाने का एक माध्यम है। साथ ही यह स्पेस इकॉनॉमी में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने का भी प्रयास है। भारत के स्पेस प्रोग्राम के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। इसके कारण अनेक नए स्पेस स्टार्ट-अप्स बने हैं। अब वह दिन दूर नहीं है जब भारत का गगनयान स्पेस में जाएगा।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार ने भारत को दुनिया की अग्रणी डिजिटल इकॉनॉमीज़ में से एक बनाया है। इससे करोड़ों युवाओं को रोज़गार मिला है।
हमारा प्रयास है कि चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत दुनिया में सबसे आगे रहे।
मेरी सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन पर काम कर रही है। यह भारत के युवाओं को नए अवसर देगा। यह नए स्टार्ट-अप्स के लिए संभावनाएं खोलेगा। इससे कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे।
मेरी सरकार ने नेशनल क्वांटम मिशन भी स्वीकृत किया है। क्वांटम कंप्यूटिंग, नए दौर की डिजिटल व्यवस्था बनाएगा। इस क्षेत्र में भारत आगे रहे इसके लिए काम शुरू हो चुका है।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार, भारत की युवाशक्ति की शिक्षा और कौशल विकास के लिए निरंतर नए कदम उठा रही है। इसके लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई और उसे तेजी से लागू किया जा रहा है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा और भारतीय भाषाओं में शिक्षा पर बल दिया गया है। इंजीनियरिंग, मेडिकल, कानून जैसे विषयों की पढ़ाई भारतीय भाषाओं में प्रारंभ कर दी गई है।
स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए मेरी सरकार, 14 हज़ार से अधिक पीएम श्री विद्यालयों पर काम कर रही है। इनमें से 6 हज़ार से अधिक विद्यालय शुरु हो चुके हैं।
मेरी सरकार के प्रयासों से देश में ड्रॉप आउट रेट कम हुआ है। उच्च शिक्षा में छात्राओं के दाखिले ज्यादा हो रहे हैं। अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के नामांकन में लगभग 44% वृद्धि हुई है। नामांकन में, अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों की 65% और ओबीसी के विद्यार्थियों की 44% से अधिक वृद्धि हुई है।
इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए अटल इनोवेशन मिशन के अंतर्गत 10 हज़ार अटल टिंकरिंग लैब स्थापित किए गए है। इनमें 1 करोड़ से अधिक विद्यार्थी जुड़े हैं।
साल 2014 तक देश में 7 एम्स और 390 से भी कम मेडिकल कॉलेज थे।
वहीं पिछले दशक में 16 एम्स और 315 मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए हैं।
157 नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं।
पिछले दशक में, MBBS की सीटों में दोगुने से भी अधिक की वृद्धि हुई हैI
माननीय सदस्यगण,
पर्यटन क्षेत्र, युवाओं के लिए रोज़गार देने वाला एक बड़ा सेक्टर है। मेरी सरकार ने बीते 10 वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया है। भारत में घरेलू टूरिस्ट्स की संख्या के साथ ही, भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या भी बढ़ी है।
पर्यटन के क्षेत्र में जो वृद्धि हो रही है, इसका कारण भारत की बढ़ती साख है। आज दुनिया भारत को देखना और जानना चाहती है। इसके अलावा, शानदार कनेक्टिविटी विकसित होने के कारण भी पर्यटन का दायरा बढ़ा है। जगह-जगह एयरपोर्ट्स बनने से भी बहुत फायदा हो रहा है। नॉर्थ-ईस्ट में आज रिकॉर्ड संख्या में टूरिस्ट पहुंच रहे हैं। अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप को लेकर उत्साह चरम पर है।
मेरी सरकार ने देश भर में तीर्थों और ऐतिहासिक स्थलों के विकास पर बल दिया है। इससे अब भारत में तीर्थ यात्रा आसान हुई है। वहीं दुनिया भी, भारत में हैरिटेज टूरिज्म को लेकर आकर्षित हो रही है। बीते एक वर्ष में साढ़े आठ करोड़ लोग काशी गए हैं। 5 करोड़ से अधिक लोगों ने महाकाल के दर्शन किए हैं। उन्नीस लाख से अधिक लोगों ने केदार धाम की यात्रा की है। अयोध्या धाम में ही प्राण प्रतिष्ठा के बाद 5 दिनों में ही 13 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, भारत के हर हिस्से में तीर्थ स्थलों पर सुविधाओं का अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है।
मेरी सरकार भारत को मीटिंग और प्रदर्शनी से जुड़े सेक्टर में भी अग्रणी बनाना चाहती है। इसके लिए भारत मंडपम और यशोभूमि जैसा इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। आने वाले समय में टूरिज्म, रोजगार का एक बहुत बड़ा माध्यम बनेगा।
माननीय सदस्यगण,
देश की युवाशक्ति को कौशल और रोजगार से जोड़ने के लिए हम स्पोर्ट्स इकॉनॉमी को मजबूत कर रहे हैं। मेरी सरकार ने खेलों और खिलाड़ियों को अभूतपूर्व मदद दी है। आज भारत एक बहुत बड़ी खेल शक्ति बनने की ओर अग्रसर है।
खिलाड़ियों के साथ ही आज हम स्पोर्ट्स से जुड़े दूसरे क्षेत्रों पर भी बल दे रहे हैं। आज नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बन चुकी है। देश में हमने दर्जनों सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए हैं। इससे स्पोर्ट्स को एक प्रोफेशन के रूप में चुनने का अवसर युवाओं को मिलेगा। खेल उपकरणों से जुड़ी इंडस्ट्री को भी हर प्रकार की मदद दी जा रही है।
बीते 10 वर्षों में भारत ने अनेक खेलों से जुड़े इंटरनेशनल स्पोर्ट्स इवेंट्स का शानदार आयोजन किया।
देश के युवाओं में कर्तव्य-बोध और सेवा-भाव का विस्तार करने के लिए ‘मेरा युवा भारत’ संगठन बनाया गया है। अभी तक इस संगठन से लगभग 1 करोड़ युवा जुड़ चुके हैं।
माननीय सदस्यगण,
संक्रमण काल में एक मजबूत सरकार होने का क्या मतलब होता है, ये हमने देखा है। बीते 3 वर्षों से पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में दरारें पड़ गई हैं। इस कठिन दौर में, मेरी सरकार ने, भारत को विश्व-मित्र के रूप में स्थापित किया है। विश्व-मित्र की भूमिका के कारण ही आज हम ग्लोबल साउथ की आवाज़ बन पाए हैं।
बीते 10 वर्षों में एक और पुरानी सोच को बदला गया है। पहले डिप्लोमेसी से जुड़े कार्यक्रमों को दिल्ली के गलियारों तक ही सीमित रखा जाता था। मेरी सरकार ने इसमें भी जनता की सीधी भागीदारी सुनिश्चित की है। इसका एक बेहतरीन उदाहरण भारत द्वारा G-20 अध्यक्षता के दौरान देखा गया। भारत ने G-20 को जिस प्रकार जनता से जोड़ा वैसा पहले कभी नहीं हुआ। देशभर में हुए कार्यक्रमों के जरिए भारत के वास्तविक सामर्थ्य से दुनिया का परिचय हुआ। जम्मू कश्मीर और नॉर्थ-ईस्ट में पहली बार इतने बड़े अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम हुए।
पूरी दुनिया ने भारत में हुए ऐतिहासिक G-20 सम्मेलन की प्रशंसा की। ऐसे बंटे हुए माहौल में भी एकमत से दिल्ली घोषणापत्र जारी होना ऐतिहासिक है। ‘वीमेन लेड डेवलपमेंट’ से लेकर पर्यावरण के मुद्दों तक भारत का विजन, दिल्ली घोषणापत्र की नींव बना है।
हमारे प्रयासों से G-20 में अफ्रीकन यूनियन की स्थाई सदस्यता को भी सराहा गया है। इसी सम्मेलन के दौरान भारत-मिडिलईस्ट-यूरोप कॉरिडोर के निर्माण की घोषणा हुई। यह कॉरिडोर, भारत के सामुद्रिक सामर्थ्य को और सशक्त करेगा। ग्लोबल बायो फ्यूल अलायंस का लॉन्च होना भी बहुत बड़ी घटना है। इस प्रकार के कदम वैश्विक समस्याओं के समाधान में भारत की भूमिका का विस्तार कर रहे हैं।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार ने वैश्विक विवादों और संघर्षों के इस दौर में भी, भारत के हितों को मजबूती से दुनिया के सामने रखा है। भारत की विदेश नीति का दायरा आज अतीत की बंदिशों से कहीं आगे बढ़ चुका है। आज भारत अनेक वैश्विक संगठनों का सम्मानित सदस्य है। आज आतंकवाद के खिलाफ भारत दुनिया की एक प्रमुख आवाज है।
भारत आज संकट में फंसी मानवता की मदद के लिए मजबूती से पहल करता है। दुनिया में कहीं भी संकट आने पर भारत वहां तेज़ी से पहुंचने का प्रयास करता है। मेरी सरकार ने दुनिया भर में काम कर रहे भारतीयों में नया भरोसा जगाया है। ऑपरेशन गंगा, ऑपरेशन कावेरी और वंदे भारत जैसे अभियान चलाकर जहां-जहां संकट आया वहां से हर भारतीय को हम तेजी से सुरक्षित वापस लेकर आए हैं।
मेरी सरकार ने योग, प्राणायाम और आयुर्वेद की भारतीय परंपराओं को पूरी दुनिया तक पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। पिछले वर्ष, संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में 135 देशों के प्रतिनिधियों ने एक साथ योग किया। यह अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है। मेरी सरकार ने आयुष पद्धतियों के विकास के लिए एक नया मंत्रालय बनाया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का पहला Global Centre for Traditional Medicine भी भारत में बन रहा है।
माननीय सदस्यगण,
सभ्यताओं के कालखंड में ऐसे पड़ाव आते हैं जो सदियों का भविष्य तय करते हैं।
भारत के इतिहास में भी ऐसे अनेक पड़ाव आए हैं।
इस वर्ष, 22 जनवरी को भी देश ऐसे ही एक पड़ाव का साक्षी बना है।
सदियों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं।
यह करोड़ों देशवासियों की इच्छा और आस्था का प्रश्न था, जिसका उत्तर देश ने पूरे सद्भाव के साथ खोजा है।
माननीय सदस्यगण,
आप सभी, करोड़ों भारतीयों की आकांक्षाओं के प्रतिनिधि हैं। आज जो युवा स्कूल-कॉलेज में है, उसके सपने बिल्कुल अलग हैं। हम सभी का यह दायित्व है कि अमृत पीढ़ी के सपनों को पूरा करने में कोई कसर बाकी न रहे। विकसित भारत, हमारी अमृत पीढ़ी के सपनों को साकार करेगा। इसलिए, हम सभी को, एक साथ मिलकर, संकल्पों की सिद्धि के लिए जुटना होगा।
माननीय सदस्यगण,
श्रद्धेय अटल जी ने कहा था-
अपनी ध्येय-यात्रा में,
हम कभी रुके नहीं हैं।
किसी चुनौती के सम्मुख
कभी झुके नहीं हैं।
मेरी सरकार, 140 करोड़ देशवासियों के सपनों को पूरा करने की गारंटी के साथ आगे बढ़ रही है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह नया संसद भवन भारत की ध्येय-यात्रा को निरंतर ऊर्जा देता रहेगा, नई और स्वस्थ परंपराएं बनाएगा।
वर्ष 2047 को देखने के लिए अनेक साथी तब इस सदन में नहीं होंगे। लेकिन हमारी विरासत ऐसी होनी चाहिए कि तब की पीढ़ी हमें याद करे।
आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं!
धन्यवाद!
जय हिन्द!
जय भारत!