मुख्य आयुक्त ने भारतीय कानून में दिव्यांगजनों के लिए अपमानजनक शब्दावली का स्वत : संज्ञान लिया

मुख्य आयुक्त ने भारतीय कानून में दिव्यांगजनों के लिए अपमानजनक शब्दावली का स्वत: संज्ञान लिया

दिव्‍यांगजनों के लिए मुख्य आयुक्त की अदालत ने दिव्‍यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 75 के अनुसार अपने अधिदेश के तहत दैनिक "द हिंदू" (चेन्नई संस्करण) में दिनांक 21.11.2023 को 'पोस्‍ट ऑफिस ओपन्‍स ‘लुनाटिक अकाउंट’ फॉर ऑटिस्टिक मैन; प्‍लेंट लॉज्‍ड (यानी -डाकघर ने ऑटिस्टिक व्‍यक्ति के लिए ‘विक्षिप्‍त खाता’ खोला – शिकायत दर्ज)'' शीर्षक से प्रकाशित एक समाचार का स्वत: संज्ञान लिया है।  


समाचार पत्र में प्रकाशित एक समाचार अनुसार, एक वरिष्ठ नागरिक ने चेन्नई में जीकेएम पोस्टल कॉलोनी डाकघर से अपने ऑटिस्टिक बेटे के नाम पर एक बचत खाता और सावधि जमा खाता खोलने के लिए कुछ महीने पहले संपर्क किया था, जो दूरसंचार परिवार पेंशनभोगी है। उन्होंने अपने बेटे का राष्ट्रीय विकलांगता पहचान पत्र और राष्ट्रीय न्‍यास अधिनियम के तहत जारी संरक्षकता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करते हुए अभिभावक द्वारा संचालित खाता खोलने का अनुरोध किया था। उनका खाता तो खोला गया, लेकिन औपनिवेशिक युग के कानून, सरकारी बचत बैंक अधिनियम, 1873 की धारा-12 का हवाला देते हुए, डाक विभाग खाते को "विक्षिप्‍त खाता" के रूप में वर्गीकृत करने की असंवेदनशील प्रथा बरकरार रखी।


नोटिस में आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम की धारा-13 का हवाला दिया गया है, जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि उपयुक्त सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि दिव्‍यांगजनों को अपने वित्तीय मामलों को नियंत्रित करने तथा बैंक ऋण और वित्तीय ऋण के अन्य रूपों तक पहुंच प्राप्त करने और कानूनी क्षमता का आनंद लेने का दूसरों के समान अधिकार प्राप्त हो। अधिनियम की धारा और प्रस्तावना में यह भी प्रावधान है कि दिव्‍यांगजनों की स्वायत्तता, गरिमा और गोपनीयता का सम्मान किया जाएगा।


नोटिस में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनी संयुक्त राष्ट्र दिव्‍यांगता समावेशन रणनीति के अंतर्गत 2019 में आरंभ किए गए दिव्‍यांगता समावेशी भाषा दिशानिर्देशों का भी हवाला दिया गया है, जिनमें आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले ऐसे शब्दों को सूचीबद्ध किया गया है, जिनसे बचा जाना चाहिए और ऐसे शब्दों को संयुक्त राष्ट्र द्वारा सुझाए गए संबंधित शब्‍दों के साथ मैप भी किया गया है। संयुक्त राष्ट्र की नीति का उद्देश्य अगले दशक के लिए दिव्‍यांगता समावेशन के संबंध में संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के लिए उच्च प्रतिबद्धता और विजन स्थापित करना है, और इसका उद्देश्य अन्य अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दस्‍तावेजों तथा विकास एवं मानवीय प्रतिबद्धताओं के बीच दिव्‍यांगजनों के अधिकारों पर कन्वेंशन और सतत विकास के लिए 2030 एजेंडे के कार्यान्वयन के लिए संस्थागत ढांचा स्थापित करना है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS