वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा टायर निर्माताओं के लिए नए दिशा-निर्देश

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा टायर निर्माताओं के लिए नए दिशा-निर्देश

भारतीय टायर उद्योग में निर्यात और घरेलू बिक्री के लिए टायरों के उत्पादन की मांग में वृद्धि देखी जा रही है। वाहनों के बढ़ते स्वामित्व से टायर उद्योग को मदद मिली है। बढ़ती गतिशीलता और औद्योगीकरण की वजह से ट्रकों व बसों के टायरों की मांग में भी बढ़ोतरी हुई है। अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) और उन्नत तथा पर्यावरण-अनुकूल टायरों के लॉन्च से भी टायरों के बाजार में तेजी आई है.


वर्तमान में, नए वायुचालित टायरों को आयात प्राधिकरणों को विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा 12 जून 2020 को जारी अधिसूचना संख्या 12/2015-2000 के तहत 'प्रतिबंधित श्रेणी' के तहत रखा गया है और इसलिए, आयातकों को उपरोक्त अधिसूचना के तहत आने वाले टायरों के लिए आयात लाइसेंस का आवेदन करना होगा।


भारत में टायर उद्योग के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने टायर निर्माताओं के लिए नए दिशा-निर्देश प्रस्तावित किए हैं; प्रतिबंधित सूची के तहत आने वाले टायर निर्माण के लिए भारत में ब्राउनफील्ड या ग्रीनफील्ड परियोजनाओं में निवेश करने की प्रतिबद्धता जाहिर की गई है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के संबंधित प्रभाग के पास विशिष्ट विवरण उपलब्ध हैं।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS