आयुष्मान लाभार्थियों को योजना का लाभ दिलाने में जनपद जालौन बुंदेलखंड में प्रथम स्थान पर
25 हजार मरीजों को मिला आयुष्मान कार्ड से इलाज
जालौन : आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत जनपद जालौन में 25 हजार से भी अधिक आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों का उपचार जनपद समेत प्रदेश व देश के पंजीकृत चिकित्सालय में किया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना में जनपद के कुल 16836 मरीजों का उपचार निजी चिकित्सालय और 8235 मरीजों का उपचार सरकारी अस्पतालों में किया गया है। अब तक कुल 25071 लाभार्थियों का उपचार आयुष्मान कार्ड से किया गया है। जो बुंदेलखंड में सबसे ज्यादा है।
आयुष्मान भारत योजना के कार्यक्रम प्रभारी डॉ आशीष कुमार झा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में 968, जबकि वर्ष 2019-20 में 3488, वर्ष 2020-21 में 3060, वर्ष 2021-22 में 5464, वर्ष 2022-23 में 9065 एवं वर्ष 2023-24 में अब तक कुल 3026 आयुष्मान कार्डधारक लाभार्थी मरीजों का उपचार आयुष्मान योजना में किया गया है। इन लाभार्थी मरीजों में अंत्योदय राशन कार्डधारक आयुष्मान लाभार्थी 3314 है। जबकि उत्तर प्रदेश पंजीकृत कामगार श्रमिकों के 470, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभार्थी 21146 जबकि मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के 141 मरीजों का उपचार हुआ है। इन मरीजों में से 5384 मरीजों ने अन्य राज्यों में अपना इलाज कराया है। जबकि 19687 का उपचार जनपद जालौन के पंचीकृत राजकीय एवं निजी चिकित्सालय के अतिरिक्त झांसी, कानपुर, लखनऊ के निजी चिकित्सालय में हुआ है।
योजना के कार्यक्रम प्रभारी ने बताया कि सबसे अधिक कैंसर के मरीजों का उपचार ग्वालियर के एक निजी चिकित्सालय में किया जा रहा है। जबकि डायलिसिस के लिए मरीज उरई स्थित एक निजी चिकित्सालय में उपचार प्राप्त करते हैं। मोतियाबिंद की सर्जरी भी सबसे अधिक उरई स्थित एक निजी चिकित्सालय ने किया है।
बुंदेलखंड के अन्य जनपदों में योजना में उपचारित मरीज़:
जालौन 25071
झांसी 19488
बांदा 12320
ललितपुर 8966
हमीरपुर 8476
महोबा 8150
चित्रकूट 6150
वर्ष 2011 की सामाजिक आर्थिक जातिगत आधारित जनगणना में सम्मिलित किए गए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के जनपद में 1.05 लाख लाभार्थी परिवार है। इनके सभी सदस्यों का आयुष्मान कार्ड बनाया जाना है। इसके अलावा 34037 अंत्योदय राशनकार्ड परिवार के सभी सदस्य इस योजना के पात्र लाभार्थी है। कोरोना काल में 21214 श्रमिकों को जो उत्तर प्रदेश भवन निर्माण एवं कामगार योजना में पंजीकृत है इनको भी इस योजना से जोड़ा गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सभी लाभार्थियों से अनुरोध किया है कि ग्रामीण क्षेत्र के सभी निवासी अपना और परिवार के सदस्यों का नाम पंचायत सचिवालय में पंचायत सहायक अथवा गांव की आशा से प्राप्त कर सकते हैं। शहरी क्षेत्र में निवासी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अथवा जिला चिकित्सालय में आयुष्मान मित्र से मिलकर सूची में अपना नाम देख सकते हैं। सभी केंद्रों पर पात्र लाभार्थी के आयुष्मान कार्ड निशुल्क बनाए जाते हैं। इसके अलावा जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में आयुष्मान भारत कंट्रोल रूम से भी इस योजना से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
केस-1
मेरा इलाज एआईआईएमएस भोपाल में हुआ। बाइक एक्सीडेंट में पैर में फ्रैक्चर होने के बाद लिगामेंट की सर्जरी हुई थी। आयुष्मान कार्ड बना हुआ था, केवल भोपाल आने जाने में पैसे खर्च हुए। बाकी सभी ऑपरेशन दवाई जांच फ्री हुआ। आयुष्मान कार्ड से जीवन भी बचा और किसी से आर्थिक मदद भी नही लेनी पड़ी।
सचिन कुशवाहा, नया पाठकपुरा, उरई
केस-2
अंत्योदय कार्ड से मेरा आयुष्मान कार्ड बनाया गया। किडनी में कमी के चलते डायलिसिस कराना पड़ता है |पहले तीन से चार हजार रुपये सप्ताह में डायलिसिस पर खर्च होते थे, अब ऐसा नहीं है, कार्ड से इलाज हो रहा है, इलाज के लिए अब उरई से बाहर भी नही जाना पड़ता है। आयुष्मान कार्ड की वजह से इलाज करा पा रहा हूं। .
रामेश्वर प्रसाद, रामपुरा