टीबी मरीजों की एचआईवी की जांच भी जरूर कराएं
समीक्षा बैठक में जिला क्षय रोग अधिकारी ने दिए निर्देश
जालौन : उत्तर प्रदेश सोशल वेलफेयर पीपुल्स लिविंग विथ एचआईवी की ओर से टीबी एचआईवी अभियान की मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन जिला टीबी नियंत्रण केंद्र में किया गया। इसमें टीबी और एचआईवी अभियान की समीक्षा की गई।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार भिटौरिया ने कहा कि टीबी मरीजों में एचआईवी फैलने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए टीबी की जांच कराने आने वाले मरीजों की एचआईवी जांच भी जरूर कराए। साथ ही मरीजों को समझाए कि एचआईवी सावधानी न बरतने के कारण होता है। जबकि टीबी रोग संक्रामक रोग है। जो एक मरीज से दूसरे मरीज तक फैलता है। टीबी रोग पीडि़त की खांसी से भी हो सकता है लेकिन एचआईवी खांसी से नहीं होता है। इस अभियान में जो भी स्वास्थ्य कर्मी और काउंसलर काम कर रहे हैं, वह अपना काम पूरी जिम्मेदारी से करें। जिनकी भी एचआईवी और टीबी की जांच हो, उसका पूरा ब्योरा पोर्टल पर दर्ज कराए।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने कहा कि ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस पर होने वाली जांचों में एचआईवी की जांचें भी कराई जाए और उसकी ससमय रिपोर्टिंग भी की जाए। जांच किट को कोल्ड चेन में मेनटेन किया जाए, जिससे उसका रिजल्ट सही रहे। उन्होंने कहा कि जो भी जांच के इंडीकेटर है, उन पर ध्यान देते हुए काम करें ताकि जिले की स्थिति ठीक रहे।
उत्तर प्रदेश सोशल वेलफेयर पीपुल्स लिविंग विथ एचआईवी के कार्यक्रम अधिकारी पुरुषोत्तम तिवारी ने कहा कि जो भी टीबी के मरीज है, उनकी शत प्रतिशत एचआईवी की जांच कराई जाए और जो एचआईवी मरीज है, उनकी टीबी की जांच शत प्रतिशत कराना जरूरी है। जिससे समय से उनके उपचार की व्यवस्था की जा सके। इस समय आठ एचआईवी पीड़ित गर्भवती महिलाओं का उपचार चल रहा है। जबकि कुल 41 महिलाएं एचआईवी पीड़ित है। 2139 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है।
समीक्षा बैठक डीपीसी नुरुल हुदा, टीबी एचआईवी कोआर्डिनेटर शहनवाज खान, डीपीपीएम आलोक मिश्रा, बीसीजी टीम लीडर, रविकांत भास्कर, सिराज मोहम्मद, रमेश सिंह भदौरिया के अलावा सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर, सीनियर टीबी लैब सुपरवाइजर आदि मौजूद रहे।