केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारतमाला परियोजना के एक हिस्से के रूप में सिन्नर बाईपास के निर्माण सहित राष्ट्रीय राजमार्ग- 160 के सिन्नर-शिरडी खंड को चार लेन का बनाने में कार्बन फुटप्रिंट न्यूनतम करने और यातायात की भीड़ को कम करने के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारतमाला परियोजना के एक हिस्से के रूप में हम वर्तमान में महाराष्ट्र में सिन्नर बाईपास के निर्माण सहित राष्ट्रीय राजमार्ग-160 के सिन्नर-शिरडी खंड को चार लेन का बनाने के काम में लगे हुए हैं। सिलसिलेवार किए गए ट्वीट्स में उन्होंने कहा कि इस परिवर्तनकारी परियोजना का बहुत अधिक सामाजिक महत्व है, क्योंकि यह परियोजना शिरडी की पैदल यात्रा करने वाले साईं बाबा भक्तों के लिए एक समर्पित ‘रूट’ या 'मार्ग' के रूप में काम करेगी। इसके अलावा, यह आर्थिक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने के लिए तैयार है। इससे आसपास के क्षेत्रों का भी तेजी से विकास हो रहा है।
श्री गडकरी ने कहा कि इस पहल का एक मुख्य उद्देश्य महाराष्ट्र के दो प्रमुख धार्मिक शहरों शिरडी और नासिक/त्र्यंबकेश्वर के बीच लगने वाले यात्रा समय को काफी हद तक कम करना है। इसके अलावा, स्थिरता के लिए हमारी मजबूत प्रतिबद्धता के अनुरूप, इस परियोजना में कार्बन फुटप्रिंट को न्यूनतम करने और यातायात की भीड़ को कम करने के लिए विभिन्न उल्लेखनीय तकनीकों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि उल्लेखनीय प्रक्रियाओं में सर्विस रोड के निर्माण में प्लास्टिक कचरे का उपयोग, सीमेंट ट्रीटेड बेस (सीटीबी) और सीमेंट ट्रीटेड सब-बेस (सीटीएसबी) के साथ-साथ ही सड़क की सतह के लिए 'आरएपी' (रिक्लेम्ड एस्फॉल्ट पेवमेंट) का उपयोग शामिल है।
श्री गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में हमारी अटूट प्रतिबद्धता इस क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देते हुए अधिक कुशल और पर्यावरण अनुकूल गतिशील नेटवर्क का निर्माण करने में निहित है।