योग के साथ सात्विक भोजन का समन्वय, स्वस्थ जीवन का आधार : राज्यपाल श्री पटेल
योग दुनिया को स्वस्थ जीवन शैली का भारत का उपहार
राज्यपाल ने राष्ट्रीय योग ओलंपियाड का किया उद्घाटन
भोपाल : राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि योग के साथ सात्विक भोजन का समन्वय, स्वस्थ और सुखी जीवन का आधार होता है। उन्होंने बच्चों का आहवान किया कि मन को भाने के साथ ही शरीर के माफिक भोजन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, योग स्वस्थ जीवन शैली के लिए दुनिया को भारत का उपहार है, जो मानवता के कल्याण के लिए है। यही कारण है कि योग को दुनिया भर में हर मत-पंथ, जाति-मजहब के लोग अपना रहे हैं।
राज्यपाल श्री पटेल राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रीय योग ओलंपियाड के उद्घाटन समारोह में शामिल देश भर के 26 राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे 640 स्कूली बच्चों, शिक्षकों और योग गुरुओं को रवींद्र भवन में संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रीय योग ओलंपियाड पहली बार राजधानी दिल्ली के बाहर किसी राज्य की राजधानी में किया गया है।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि राष्ट्र का भविष्य सुरक्षित और स्वस्थ रखने की आधार शिला विद्यार्थी होते है। विद्यार्थी जीवन, व्यक्ति के जीवन की प्रथम सीढ़ी होता है, जहाँ से उसके संपूर्ण जीवन की नींव पड़ जाती है और व्यक्ति समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना शुरू करता है। योग इस नींव को मजबूत बनाता है। योग ओलंपियाड योग को बढ़ावा देने, हमारी संस्कृति की नींव को मजबूत करने का सराहनीय प्रयास है। योग एक ऐसी गतिविधि है, जिसे हमारे दैनिक जीवन में शामिल करना स्वस्थ जीवन और संपूर्ण स्वास्थ्य का आश्वासन है। उन्होंने कहा कि छात्रों को योग के महत्व का अनुभव, उन्हें योगाभ्यास के प्रति जागरूक करेगा। स्वस्थ जीवन शैली के लिए प्रशिक्षित करेगा। विद्यार्थियों को भावी जीवन की सांसारिक दुविधाओं का सामना करने में सक्षम बनाएगा। सन्मार्ग भी दिखाएगा और योग की विरासत आगे बढ़ाएगा।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री वैश्विक नेता श्री नरेंद्र मोदी ने योग की सौगात मानवता के कल्याण के लिए सारी दुनिया को देने का अभूतपूर्व कार्य किया है। उन्होंने भारत की जी-20 की अध्यक्षता, आजादी के अमृत काल में "वसुधैव कुटुंबकम्'' विषय पर राष्ट्रीय योग ओलंपियाड 2023 के आयोजन की सराहना की है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति योग को अपने दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने का प्रण करे। आसपास के लोगों को प्रेरित करें कि वे भी योग के सद् प्रभावों से लाभान्वित होते रहे। परिवार एवं समाज में ऐसा वातावरण बनाये, जिससे वातावरण में फैली वायु के समान ही यौगिक ऊर्जा, इस समस्त सृष्टि के कण-कण में प्रवाहित हो जाये। प्रारंभ में राज्यपाल ने दीप प्रज्ज्वलन कर राष्ट्रीय योग ओलंपियाड का शुभारंभ किया। राज्यपाल का स्वागत पौधा, अंग-वस्त्र और स्मृति-चिन्ह भेंट कर किया गया।
निदेशक राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी ने स्वागत उद्बोधन में बताया कि योग ओलंपियाड में केंद्रीय, नवोदय, एकलव्य और सी.बी.एस.सी आदि विद्यालय के बच्चे शामिल हुए हैं। अधिष्ठाता समन्वय एन.सी.ई.आर.टी प्रोफेसर गौरी श्रीवास्तव ने ओलंपियाड की यात्रा की जानकारी दी। प्राचार्य क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान भोपाल प्रोफेसर जयदीप मंडल ने आभार माना। कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान के वीडियो संदेश का प्रसारण हुआ। डी. एम्. एस और आर.आई.ई के बच्चों ने सरस्वती वंदना की।