पुलिस सेवा आम नागरिकों के विश्वास की कसौटी : राज्यपाल

पुलिस सेवा आम नागरिकों के विश्वास की कसौटी : राज्यपाल  पुलिस की संवेदनशील और व्यावसायिक पहचान बनाने में दें योगदान  राज्यपाल से मध्यप्रदेश कैडर के प्रशिक्षु आई.पी.एस. अधिकारियों ने की सौजन्य भेंट    भोपाल : राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने प्रशिक्षु आई.पी.एस. अधिकारियों से कहा है कि अपनी मेधा और ज्ञान के द्वारा ऐसे माहौल का निर्माण करें जिसमें नागरिक कानून लागू करने वालों से डरने के बजाय कानून से डरें और इसका सम्मान करें। किसी भी बेगुनाह को सजा नहीं मिले। उन्होंने कहा कि पुलिस बल की संवेदनशील एवं व्यावसायिक पहचान बनाने में आई.पी.एस. अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है।    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल आज भारतीय पुलिस सेवा के 74वें बैच के मध्यप्रदेश कैडर के प्रशिक्षु अधिकारियों को राजभवन में संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल पटेल ने कहा कि आई.पी.एस. अधिकारियों की ज़िम्मेदारी केवल कानून के शासन और हमारी लोकतांत्रिक राज-व्यवस्था की सामान्य अवधारणा को बनाए रखने के लिए कानून-व्यवस्था और ईमानदार आचरण तक सीमित नहीं है, बल्कि आम नागरिकों के विश्वास की कसौटी भी है। आमजन, आई.पी.एस. अधिकारियों को कानून-व्यवस्था के रखवाले और न्याय दिलाने में मदद करने वाले अधिकारी के रूप में देखते हैं।    राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि आई.पी.एस. अधिकारी होने के नाते, आपके कंधों पर भारी जिम्मेदारी रहेगी। यह ऐसी सेवा है जो हमारी राष्ट्रीय प्रशासनिक प्रणाली के स्तंभों में से एक है। उन्होंने कहा कि आई.पी.एस. अधिकारी को विशेष अधिकार और शक्तियाँ प्राप्त होती हैं, जो वास्तव में लोगों की सेवा का साधन बनती हैं। आई.पी.एस. अधिकारी का प्राथमिक कर्त्तव्य आम नागरिकों की सेवा करना और यह सुनिश्चित करना है कि गरीब से गरीब, वंचित और अंतिम कड़ी के व्यक्ति को भी न्याय मिले। श्री पटेल ने कहा कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, अधिकारी व्यवस्था में निरंतरता और संविधान के प्रतिनिधि हैं। सभी से कानून की गरिमा की रक्षा की अपेक्षा भी है। उन्होंने कहा कि आई.पी.एस. वह दुर्लभ नौकरी है, जिसमें केवल कुछ व्यक्तियों के लिए नहीं बल्कि हजारों लोगों के जीवन में अंतर लाने का अवसर मिलता है। इसका सदुपयोग राष्ट्र और समाज निर्माण के रूप में करना चाहिए। पुलिस बलों के अधिकारी के रूप में, बिना किसी भय, पक्षपात और विलंब के कर्त्तव्य-पालन का स्वयं का उदाहरण प्रस्तुत कर, राष्ट्र-समाज के निर्माण में प्रभावी योगदान दे सकते हैं।    राज्यपाल ने प्रशिक्षु आई.पी.एस. अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया। बताया गया कि 74वें बैच के मध्यप्रदेश कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के 09 अधिकारियों में से 4 मध्यप्रदेश, 2 उत्तर प्रदेश और ।-। अधिकारी कर्नाटक, राजस्थान तथा दिल्ली के निवासी है। सभी अधिकारी राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में आधारभूत प्रशिक्षण प्राप्त है। वर्तमान में ये 29 सप्ताह के लिए अपने कैडर राज्य मध्यप्रदेश में विभिन्न स्थानों और संस्थानों में व्यवहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इन्हें 04 सप्ताह का प्रशिक्षण मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी, भोपाल में दिया जायेगा। शेष प्रशिक्षण पदस्थापना जिलों में प्रदान किया जायेगा। प्रशिक्षण में से अधिकारी मध्यप्रदेश की प्रशासनिक प्रक्रियाओं, स्थानीय विधान, भौगोलिक परिदृश्य तथा संस्कृति से परिचित होंगे।    अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्रीमती अनुराधा शंकर और राज्यपाल के उप सचिव श्री स्वरोचिष सोमवंशी मौजूद थे। संचालन पुलिस अकादमी के उप निदेशक प्रशिक्षण श्री मलय जैन ने किया।

पुलिस सेवा आम नागरिकों के विश्वास की कसौटी : राज्यपाल

पुलिस की संवेदनशील और व्यावसायिक पहचान बनाने में दें योगदान

राज्यपाल से मध्यप्रदेश कैडर के प्रशिक्षु आई.पी.एस. अधिकारियों ने की सौजन्य भेंट


भोपाल : राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने प्रशिक्षु आई.पी.एस. अधिकारियों से कहा है कि अपनी मेधा और ज्ञान के द्वारा ऐसे माहौल का निर्माण करें जिसमें नागरिक कानून लागू करने वालों से डरने के बजाय कानून से डरें और इसका सम्मान करें। किसी भी बेगुनाह को सजा नहीं मिले। उन्होंने कहा कि पुलिस बल की संवेदनशील एवं व्यावसायिक पहचान बनाने में आई.पी.एस. अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है।


राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल आज भारतीय पुलिस सेवा के 74वें बैच के मध्यप्रदेश कैडर के प्रशिक्षु अधिकारियों को राजभवन में संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल पटेल ने कहा कि आई.पी.एस. अधिकारियों की ज़िम्मेदारी केवल कानून के शासन और हमारी लोकतांत्रिक राज-व्यवस्था की सामान्य अवधारणा को बनाए रखने के लिए कानून-व्यवस्था और ईमानदार आचरण तक सीमित नहीं है, बल्कि आम नागरिकों के विश्वास की कसौटी भी है। आमजन, आई.पी.एस. अधिकारियों को कानून-व्यवस्था के रखवाले और न्याय दिलाने में मदद करने वाले अधिकारी के रूप में देखते हैं।


राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि आई.पी.एस. अधिकारी होने के नाते, आपके कंधों पर भारी जिम्मेदारी रहेगी। यह ऐसी सेवा है जो हमारी राष्ट्रीय प्रशासनिक प्रणाली के स्तंभों में से एक है। उन्होंने कहा कि आई.पी.एस. अधिकारी को विशेष अधिकार और शक्तियाँ प्राप्त होती हैं, जो वास्तव में लोगों की सेवा का साधन बनती हैं। आई.पी.एस. अधिकारी का प्राथमिक कर्त्तव्य आम नागरिकों की सेवा करना और यह सुनिश्चित करना है कि गरीब से गरीब, वंचित और अंतिम कड़ी के व्यक्ति को भी न्याय मिले। श्री पटेल ने कहा कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, अधिकारी व्यवस्था में निरंतरता और संविधान के प्रतिनिधि हैं। सभी से कानून की गरिमा की रक्षा की अपेक्षा भी है। उन्होंने कहा कि आई.पी.एस. वह दुर्लभ नौकरी है, जिसमें केवल कुछ व्यक्तियों के लिए नहीं बल्कि हजारों लोगों के जीवन में अंतर लाने का अवसर मिलता है। इसका सदुपयोग राष्ट्र और समाज निर्माण के रूप में करना चाहिए। पुलिस बलों के अधिकारी के रूप में, बिना किसी भय, पक्षपात और विलंब के कर्त्तव्य-पालन का स्वयं का उदाहरण प्रस्तुत कर, राष्ट्र-समाज के निर्माण में प्रभावी योगदान दे सकते हैं।


राज्यपाल ने प्रशिक्षु आई.पी.एस. अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया। बताया गया कि 74वें बैच के मध्यप्रदेश कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के 09 अधिकारियों में से 4 मध्यप्रदेश, 2 उत्तर प्रदेश और ।-। अधिकारी कर्नाटक, राजस्थान तथा दिल्ली के निवासी है। सभी अधिकारी राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में आधारभूत प्रशिक्षण प्राप्त है। वर्तमान में ये 29 सप्ताह के लिए अपने कैडर राज्य मध्यप्रदेश में विभिन्न स्थानों और संस्थानों में व्यवहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इन्हें 04 सप्ताह का प्रशिक्षण मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी, भोपाल में दिया जायेगा। शेष प्रशिक्षण पदस्थापना जिलों में प्रदान किया जायेगा। प्रशिक्षण में से अधिकारी मध्यप्रदेश की प्रशासनिक प्रक्रियाओं, स्थानीय विधान, भौगोलिक परिदृश्य तथा संस्कृति से परिचित होंगे।


अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्रीमती अनुराधा शंकर और राज्यपाल के उप सचिव श्री स्वरोचिष सोमवंशी मौजूद थे। संचालन पुलिस अकादमी के उप निदेशक प्रशिक्षण श्री मलय जैन ने किया।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS