जिले को मिली बड़ी उपलब्धि, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में कांस्य के स्थान पर मिला रजत पदक
टीम भावना से किए गए काम की कई स्तर पर हुई मानीटरिंग
अच्छे काम के कारण जिले को कांस्य के स्थान पर मिला रजत पदक
जालौन : राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन के क्षेत्र में अच्छा काम करने के लिए जनपद को लिए सिल्वर (रजत) पदक मिला है। पहले जिले का चयन सब नेशनल सर्टिफिकेशन (एसएनसी) में कांस्य पदक के लिए हुआ था लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के टीम भावना से किए गए काम के कारण जिले का चयन कांस्य पदक से स्थान पर रजत पदक के लिए हो गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा ने बताया कि यह सब अच्छे मार्गदर्शन और टीम भावना के साथ किए गए काम के कारण हुआ है। उन्होंने रजत पदक जीतने पर राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में लगी टीम को बधाई दी है।
जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ डीके भिटौरिया ने बताया कि दिसंबर 2022 में जिले का चयन राज्य स्तर से कांस्य पद के लिए नामित किया गया था। इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में माइक्रोप्लान बनाकर जिले के चिह्नित गांवों में जिलाधिकारी चांदनी सिंह ने हरी झंडी दिखाकर सर्वे कार्य प्रारंभ कराया। सर्वे में दस हजार घरों का सर्वे किया जाना था। इसके लिए दस टीमों द्वारा शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे किया गया। इसमें टीबी के लक्षण युक्त 254 संभावित रोगी मिले। ट्रूनेट और सीबी नाट सेजाँचकेबादकुल संभावितमें तीन टीबी मरीज कीपुष्टिहुयी| जिनका पंजीकरण कर, उपचार भी शुरू कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि मैंने और उप जिला क्षय रोग अधिकारी ने संवेदनशील क्षेत्रों का भ्रमण कर सर्वे कार्य की मानीटरिंग की। इसके अलावा राज्य स्तर से नामित मेडिकल कालेज जालौन से डॉ विशाल अग्रवाल एवं डॉ शैलेंद्र सिंह और विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से नामित डॉ पवन पालीवाल द्वारा क्षेत्र में सर्वे की गुणवत्ता परखी। उन्होंने बताया कि दो चरणों में की गई मानीटरिंग के बाद अंतिम चरण की मानीटरिंग राज्य टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ अशोक भारद्वाज एवं राममनोहर लोहिया अस्पताल लखनऊ के डॉ मनीष कुमार ने भी की। उन्होंने जिले के प्राइवे्ट चिकित्सकों और औषधि विक्रेताओं के साथ बैठक कर जिले में क्षय रोगियों से संबंधित फीडबैक लिया। इन सबसे मिले अच्छे फीडबैक एवं सर्वे का अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट भारत सरकार को भेजा। जहां उसकी विस्तृत समीक्षा की गई और जिले में टीबी उन्मूलन काम को अच्छा पाते हुए कांस्य पदक के स्थान पर रजत पदक देने की संस्तुति की गई। इसकी घोषणा 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस पर वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। उन्होंने बताया कि रजत पदक के साथ जिले को तीन लाख रुपये की पुरस्कार राशि भी मिलेगी। उन्होंने बताया कि बीती 27 मार्च को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने पदक मिलने पर पूरी स्वास्थ्य विभाग की टीम की सराहना करते हुए बधाई दी।
823 नए क्षय रोगी चिह्नित
जिले में जनवरी 2023 से 27 मार्च 2023 तक 823 नए क्षय रोगी चिह्नित किए गए हैं। उनका पंजीकरण कर उनका इलाज भी शुरू कर दिया गया है। इन सभी क्षय रोगियों को पोषण राशि के रुप में पांच सौ रुपये प्रतिमाह देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। अब तक चिह्नित 81 प्रतिशत मरीजों को डीबीटी के माध्यम से पोषण राशि उनके खातों में भेजी जा रही है। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि यदि किसी को 15 दिन से ज्यादा खांसी, बुखार, बलगम में खून आना, वजन कम होने की शिकायत है तो वह अपनी टीबी संबंधी जांच जरूर कराए।