खरीफ ऋण चुकाने की समय-सीमा 30 अप्रैल तक बढ़ाई गई : मुख्यमंत्री श्री चौहान
लाड़ली बहना योजना के क्रियान्वयन की नियमित मॉनीटरिंग करें मंत्रीगण
लाड़ली बहना योजना में अब तक प्राप्त हुए हैं 6 लाख 96 हजार 522 आवेदन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले किया संबोधित
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों द्वारा खरीफ फसल का ऋण चुकाने की समय-सीमा 28 मार्च से बढ़ा कर 30 अप्रैल की जा रही है। यह निर्णय किसानों के आग्रह पर लिया गया है। समय-सीमा में वृद्धि से 60 करोड़ रूपये का अतिरिक्त ब्याज भार आएगा, जिसका भुगतान राज्य शासन द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रीगण को अपने-अपने प्रभार के जिलों में गेहूँ खरीदी व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रीगण को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे-मातरम गान के साथ शुरू हुई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ओला-वृष्टि से उपजी आपदा में राज्य सरकार किसान भाइयों के साथ है। किसानों को 32 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से राहत राशि प्रदान की जाएगी। किसानों को 25 से 35 प्रतिशत की स्थिति में भी राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी और 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान को 100 प्रतिशत मानते हुए राहत दी जाएगी। मंत्रीगण अपने-अपने क्षेत्रों में ओला प्रभावित खेतों के सर्वे कार्य में आवश्यक समन्वय और निगरानी करें। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि प्रभावित किसानों के फसल बीमा योजना के प्रकरण बन जाएँ और किसानों को योजना का लाभ समय रहते मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओला प्रभावित किसानों से वसूली स्थगित करने का फैसला भी लिया गया है, उसका ब्याज भी राज्य शासन द्वारा भरा जाएगा। इससे किसानों को अगली फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में अब तक 6 लाख 96 हजार 522 आवेदन भरे जा चुके हैं। तीन दिन के अनुभवों से सामने आई परेशानियों को दूर करने के प्रयास किए जाएंगे। राज्य शासन द्वारा ई-केवाईसी के लिए राशि उपलब्ध कराई जा रही है। कुछ स्थानों से ई-केवाईसी के लिए पैसा माँगने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए दोषियों को दण्डित किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रीगण को अपने प्रभार के क्षेत्रों में योजना के क्रियान्वयन की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।