राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (16 मार्च पर विशेष)

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (16 मार्च पर विशेष)  लोगों के जीवन बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं टीके  जालौन : टीकाकरण के महत्व के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य में इसकी भूमिका के बारे में लोगों को बताने के लिए हर वर्ष 16 मार्च के दिन राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। देश में राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस की अहमियत तब और बढ़ गई जब ना सिर्फ भारत ने बल्कि पूरी दुनिया ने कोविड महामारी देखी।  मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा ने बताया कि टीके और टीकाकरण कार्यक्रम लोगों का जीवन बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं। सभी को जीवनरोधक टीके जरूर लगवाने चाहिए। टीकाकरण कराने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है। टिटनेस, पोलियो, खसरा जैसी बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण कराना बहुत जरूरी है।  टीकाकरण में सुधर रही जिले की स्थिति  अपर शोध अधिकारी आरपी विश्वकर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) में जिले की टीकाकरण की स्थिति में सुधार हुआ है। एनएफएचएस 4 के मुकाबले एनएफएचएस 5 में एक साल से दो साल तक के बच्चों के टीकाकरण की स्थिति में सुधार हुआ है। एनएफएचएस 4 में जिले की टीकाकारण की स्थिति 54.7 प्रतिशत था। जो एनएफएचएस 5 में 66.2 प्रतिशत हुआ है। बीसीजी का टीकाकरण की स्थिति में भी सुधार हुआ है। एनएफएचएफ 4 में टीकाकरण का प्रतिशत 85 था तो एनएफएचएस 5 में यह बढ़कर 90.3 प्रतिशत हो गया है।  टीकाकरण को लेकर न पाले भ्रम, समय पर लगवाए टीके  जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. डीके भिटौरिया बताते हैं कि गर्भवती और बच्चों को बीमारियों से बचाव और रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए टीके लगवाए जाते हैं। गर्भवती को टिटनेस का टीका जरूर लगवाना चाहिए ताकि नवजात को टिटनेस का खतरा न रहे। बीसीजी का टीका लगवाना चाहिए और पोलियो की खुराक पिलानी चाहिए। बीसीजी के साथ पीलिया, निमोनिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए भी टीके लगवाने चाहिए। कहा कि किसी भी रोग की रोकथाम के लिए टीकाकरण सबसे सरल विधि है। बच्चों और गर्भवती को बीमारियों से बचाव के लिए टीके मुफ्त में लगाए जाते हैं। इसे लेकर किसी तरह का भ्रम न पाले। स्वास्थ्य कार्यकर्ता और चिकित्सक के बताए अनुसार सभी टीके समय पर लगवाए।    टीकाकरण का पूरा कोर्स करना जरूरी    जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ संजीव अग्रवाल का कहना है कि टीकाकरण से बच्चों को छह बीमारियों से बचाव किया जाता है। खसरा, पोलियो, टिटनेस, गलाघोंटू, निमोनिया, काली खांसी, हिपेटाइटिस बी जैसी बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण कराना जरूरी है। उन्होंने बताया कि टीका तभी असरदार होता है, जब उन्हें सही समय पर सभी कोर्स को पूरा किया जाए। उन्होंने बताया कि सभी टीकाकरण कराए। यदि कोई टीका छूट जाए तो उसके लिए नजदीकी अस्पताल में जाकर टीकाकरण करा लें।    इन बीमारियों से बचाव के लिए लगते हैं टीके  खसरा, टिटनेस, पोलियो, क्षय रोग, गलघोटू, काली खांसी, हेपेटाइटिस बी, एमसीपी कार्ड देखें तो नहीं छूटेगा टीका  गर्भावस्था के रजिस्ट्रेशन के समयएमसीपी कार्ड (मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड) दिया जाता है। इस कार्ड में गर्भावस्था के दौरान व प्रसव के बाद शिशु की संपूर्ण देखभाल को लेकर जानकारियां दी गई होती हैं| यदि लाभार्थी इस कार्ड के अनुसार ही चले तो कोई भी टीके नहीं छूट पाएंगे।

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (16 मार्च पर विशेष)

लोगों के जीवन बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं टीके

जालौन : टीकाकरण के महत्व के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य में इसकी भूमिका के बारे में लोगों को बताने के लिए हर वर्ष 16 मार्च के दिन राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। देश में राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस की अहमियत तब और बढ़ गई जब ना सिर्फ भारत ने बल्कि पूरी दुनिया ने कोविड महामारी देखी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा ने बताया कि टीके और टीकाकरण कार्यक्रम लोगों का जीवन बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं। सभी को जीवनरोधक टीके जरूर लगवाने चाहिए। टीकाकरण कराने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है। टिटनेस, पोलियो, खसरा जैसी बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण कराना बहुत जरूरी है।

टीकाकरण में सुधर रही जिले की स्थिति

अपर शोध अधिकारी आरपी विश्वकर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) में जिले की टीकाकरण की स्थिति में सुधार हुआ है। एनएफएचएस 4 के मुकाबले एनएफएचएस 5 में एक साल से दो साल तक के बच्चों के टीकाकरण की स्थिति में सुधार हुआ है। एनएफएचएस 4 में जिले की टीकाकारण की स्थिति 54.7 प्रतिशत था। जो एनएफएचएस 5 में 66.2 प्रतिशत हुआ है। बीसीजी का टीकाकरण की स्थिति में भी सुधार हुआ है। एनएफएचएफ 4 में टीकाकरण का प्रतिशत 85 था तो एनएफएचएस 5 में यह बढ़कर 90.3 प्रतिशत हो गया है।

टीकाकरण को लेकर न पाले भ्रम, समय पर लगवाए टीके

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. डीके भिटौरिया बताते हैं कि गर्भवती और बच्चों को बीमारियों से बचाव और रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए टीके लगवाए जाते हैं। गर्भवती को टिटनेस का टीका जरूर लगवाना चाहिए ताकि नवजात को टिटनेस का खतरा न रहे। बीसीजी का टीका लगवाना चाहिए और पोलियो की खुराक पिलानी चाहिए। बीसीजी के साथ पीलिया, निमोनिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए भी टीके लगवाने चाहिए। कहा कि किसी भी रोग की रोकथाम के लिए टीकाकरण सबसे सरल विधि है। बच्चों और गर्भवती को बीमारियों से बचाव के लिए टीके मुफ्त में लगाए जाते हैं। इसे लेकर किसी तरह का भ्रम न पाले। स्वास्थ्य कार्यकर्ता और चिकित्सक के बताए अनुसार सभी टीके समय पर लगवाए।


टीकाकरण का पूरा कोर्स करना जरूरी


जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ संजीव अग्रवाल का कहना है कि टीकाकरण से बच्चों को छह बीमारियों से बचाव किया जाता है। खसरा, पोलियो, टिटनेस, गलाघोंटू, निमोनिया, काली खांसी, हिपेटाइटिस बी जैसी बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण कराना जरूरी है। उन्होंने बताया कि टीका तभी असरदार होता है, जब उन्हें सही समय पर सभी कोर्स को पूरा किया जाए। उन्होंने बताया कि सभी टीकाकरण कराए। यदि कोई टीका छूट जाए तो उसके लिए नजदीकी अस्पताल में जाकर टीकाकरण करा लें।


इन बीमारियों से बचाव के लिए लगते हैं टीके

खसरा, टिटनेस, पोलियो, क्षय रोग, गलघोटू, काली खांसी, हेपेटाइटिस बी, एमसीपी कार्ड देखें तो नहीं छूटेगा टीका

गर्भावस्था के रजिस्ट्रेशन के समयएमसीपी कार्ड (मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड) दिया जाता है। इस कार्ड में गर्भावस्था के दौरान व प्रसव के बाद शिशु की संपूर्ण देखभाल को लेकर जानकारियां दी गई होती हैं| यदि लाभार्थी इस कार्ड के अनुसार ही चले तो कोई भी टीके नहीं छूट पाएंगे।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS