जालौन : मातृ एवं शिशु मृत्यु दर रोकने के लिए स्टाफ का दक्ष होना जरूरी : जिलाधिकारी
जिला महिला अस्पताल में स्किल बर्थ अटेंडेंट की पांच दिवसीय ट्रेनिंग का हुआ शुभारंभ
जालौन : स्किल बर्थ अटेंडटेंड का पांच दिवसीय प्रशिक्षण मंगलवार से जिला महिला अस्पताल के ट्रेनिंग रुम में शुरू हो गया प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए जिलाधिकारी चांदनी सिंह ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों को निर्देशित किया कि रोगियों के साथ संवेदनशीलता का व्यवहार करें। उनकी बात अच्छे से सुने। निर्धारित प्रोटोकाल के अनुसार मरीजों का इलाज करें। जच्चा बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल से प्रसव की जटिलताओं और मातृ शिशु मृत्यु को कम किया जा सकता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा ने बताया कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर रोकने के लिए स्टाफ को दक्ष होना होगा। जिससे कि मातृ एवं शिशु मृत्यु की कारणों कारणो को दूर किया जा सके| इसीलिए इस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है।
प्रशिक्षणदाता स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि प्रसव पीड़ा और प्रसव के चौबीस घंटे के दौरान होने वाली मृत्यु रोकने के लिए स्टाफ को दक्ष होना चाहिए। सबसे जरुरी है कि प्रसव पूर्व की गई जांचों का अध्ययन किया जाए और उसी के अनुरुप गर्भवती का इलाज कराया जाए। यदि प्रसव के दौरान गर्भवती को किसी तरह की समस्या है तो इसके लिए विशेषज्ञ की मदद भी ली जानी चाहिए। स्टाफ नर्स, एएनएम का मरीज से सीधा जुड़ाव होता है, इसके लिए उसे मानसिक संबल भी दिया जाए।
प्रशिक्षणदाता बाल रोग विशेषज्ञ डॉ एसके पाल ने बताया कि मातृ मृत्यु के साथ शिशु मृत्यु रोकने के लिए भी काम करना है। प्रसव के बाद चौबीस घंटे मां और शिशु के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान उनकी विशेष देखभाल की जरूरत होती है। अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उनकी जांचें सुनिश्चित की जाए और सभी प्रकार के टीकें भी लगाने का काम किया जाए। घर जाने के बाद प्रसूता को देखभाल संबंधी जानकारी दी जाए और खानपान और स्वच्छता के बारे में भी समझाया जाए। इसके अलावा प्रशिक्षणदाता नर्स मेंटर प्रज्ञा सचान, स्टाफ नर्स रागिनी उपाध्याय, आरती देवी ने भी प्रशिक्षण दिया।
जिला महिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एनआर वर्मा ने बताया कि यह 21 दिवसीय प्रशिक्षण है। इसमें पांच दिवसीय ट्रेनिंग होगी और 16 दिन काम के दौरान होने वाले जोखिम वाली ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रीशिक्षण में महिला अस्पताल के अलावा कोंच, कदौरा, नदीगांव, डकोर, बाबई स्वास्थ्य केंद्रों की स्टाफ नर्स ने प्रशिक्षण दिया।
इस दौरान डीआईओ डॉ वीरेंद्र सिंह, जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अविनेश कुमार, डॉ. संजीव प्रभाकर, डीपीएम प्रेम प्रताप, डॉ अंकुर, डॉ आशीष कुमार झा आदि मौजूद रहे।