माइक्रो प्लान बनाकर फाइलेरिया उन्मूलन के लिए किया जाए काम

माइक्रो प्लान बनाकर फाइलेरिया उन्मूलन के लिए किया जाएकाम  दवा खिलाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जाए  एमडीए कार्यक्रम के लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन    जालौन : दस फरवरी से शुरूहोने वाले फाइलेरिया एमडीएम कार्यक्रम को लेकर जिला स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा ने कहा कि एमडीए कार्यक्रम में अभी से माइक्रोप्लान बनाकर काम किया जाए। ब्लाक और सेक्टर बारटीमों का निर्धारण कर लिया जाए, जिससे कोई क्षेत्र छूटने न पाए। उन्होंने बताया कि परिवार रजिस्टर से परिवारों का सर्वे करके टीम निर्धारित की जाए। यदि स्वास्थ्य कर्मियों से ज्यादा स्टाफ की जरूरत हो तो स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जाए। शत प्रतिशत लाभार्थियों तक दवा खिलाना सुनिश्चित किया जाए। माइक्रोप्लान 20 जनवरी से 31 जनवरी 2023 तक उपलब्ध हो जाना चाहिए।    अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वेक्टर बोर्न डिसीज डॉ अरविंद भूषण ने कहा कि यह कार्यक्रम शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार किया जाए। इस बार के अभियान को पहले से बेहतर बनाने का प्रयास करें। आशा कर्मचारी, आशा संगिनी, आंगनबाड़ी वर्कर और एएनएम की टीम बनाकर उनकी मानीटरिंग की जाए। दवा खिलाने के पहले लाभार्थियों को दवा के बारे में जानकारी दी जाए। जो भी दवा खाने से इंकार करें,उनकी अलग से सूची बनाई जाए और उन्हें समझाकर दवा खिलाने की पूरी कोशिश की जाए। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ जीएस स्वर्णकार ने बताया कि इस बार फाइलेरिया दवा खिलाने का अभियान 10 फरवरी से 27 फरवरी तक संचालित किया जाना है।     इस अभियान में छूटे लोगों को मापअप राउंड के दौरान दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि यह बीमारी कृमि द्वारा फैलती है। इससे शरीर का लटकताहुआभाग प्रभावित हो सकता है। इससे हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है। बीमारी होने पर खत्म तो नहीं किया जा सकता है लेकिन दवा के माध्यम से रोका जा सकता है। जबकि बचाव की दवा का सेवन करने वाले स्वस्थ व्यक्ति को यह बीमारी नहीं होती है। इसलिए अभियान  के दौरान फाईलेरिया से बचाव की दवा सभी को खाना जरूरी है।    सहायक मलेरिया अधिकारी अजब सिंह ने बताया कि कार्यक्रम गाइडलाइन के अनुसार संचालित होगा। पाथ संस्था के डॉ अनिकेत ने बताया कि अभियान के लिए ब्लाक स्तर पर चिकित्सा अधिकारियों एवं बीसीपीएम को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। इस दौरान बायोलाजिस्ट भावना वर्मा ने बताया कि कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। प्रशिक्षण में मलेरिया निरीक्षक एसके नागर, कुलदीप सिंह, सिद्धार्थ कुशवाहा, फाइलेरिया निरीक्षक आशुतोष वाजपेयी, अमर सिंह,अमित आदि मौजूद रहे।
माइक्रो प्लान बनाकर फाइलेरिया उन्मूलन के लिए किया जाएकाम  दवा खिलाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जाए  एमडीए कार्यक्रम के लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन    जालौन : दस फरवरी से शुरूहोने वाले फाइलेरिया एमडीएम कार्यक्रम को लेकर जिला स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा ने कहा कि एमडीए कार्यक्रम में अभी से माइक्रोप्लान बनाकर काम किया जाए। ब्लाक और सेक्टर बारटीमों का निर्धारण कर लिया जाए, जिससे कोई क्षेत्र छूटने न पाए। उन्होंने बताया कि परिवार रजिस्टर से परिवारों का सर्वे करके टीम निर्धारित की जाए। यदि स्वास्थ्य कर्मियों से ज्यादा स्टाफ की जरूरत हो तो स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जाए। शत प्रतिशत लाभार्थियों तक दवा खिलाना सुनिश्चित किया जाए। माइक्रोप्लान 20 जनवरी से 31 जनवरी 2023 तक उपलब्ध हो जाना चाहिए।    अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वेक्टर बोर्न डिसीज डॉ अरविंद भूषण ने कहा कि यह कार्यक्रम शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार किया जाए। इस बार के अभियान को पहले से बेहतर बनाने का प्रयास करें। आशा कर्मचारी, आशा संगिनी, आंगनबाड़ी वर्कर और एएनएम की टीम बनाकर उनकी मानीटरिंग की जाए। दवा खिलाने के पहले लाभार्थियों को दवा के बारे में जानकारी दी जाए। जो भी दवा खाने से इंकार करें,उनकी अलग से सूची बनाई जाए और उन्हें समझाकर दवा खिलाने की पूरी कोशिश की जाए। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ जीएस स्वर्णकार ने बताया कि इस बार फाइलेरिया दवा खिलाने का अभियान 10 फरवरी से 27 फरवरी तक संचालित किया जाना है।     इस अभियान में छूटे लोगों को मापअप राउंड के दौरान दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि यह बीमारी कृमि द्वारा फैलती है। इससे शरीर का लटकताहुआभाग प्रभावित हो सकता है। इससे हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है। बीमारी होने पर खत्म तो नहीं किया जा सकता है लेकिन दवा के माध्यम से रोका जा सकता है। जबकि बचाव की दवा का सेवन करने वाले स्वस्थ व्यक्ति को यह बीमारी नहीं होती है। इसलिए अभियान  के दौरान फाईलेरिया से बचाव की दवा सभी को खाना जरूरी है।    सहायक मलेरिया अधिकारी अजब सिंह ने बताया कि कार्यक्रम गाइडलाइन के अनुसार संचालित होगा। पाथ संस्था के डॉ अनिकेत ने बताया कि अभियान के लिए ब्लाक स्तर पर चिकित्सा अधिकारियों एवं बीसीपीएम को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। इस दौरान बायोलाजिस्ट भावना वर्मा ने बताया कि कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। प्रशिक्षण में मलेरिया निरीक्षक एसके नागर, कुलदीप सिंह, सिद्धार्थ कुशवाहा, फाइलेरिया निरीक्षक आशुतोष वाजपेयी, अमर सिंह,अमित आदि मौजूद रहे।

माइक्रो प्लान बनाकर फाइलेरिया उन्मूलन के लिए किया जाएकाम

दवा खिलाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जाए

एमडीए कार्यक्रम के लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन


जालौन : दस फरवरी से शुरूहोने वाले फाइलेरिया एमडीएम कार्यक्रम को लेकर जिला स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा ने कहा कि एमडीए कार्यक्रम में अभी से माइक्रोप्लान बनाकर काम किया जाए। ब्लाक और सेक्टर बारटीमों का निर्धारण कर लिया जाए, जिससे कोई क्षेत्र छूटने न पाए। उन्होंने बताया कि परिवार रजिस्टर से परिवारों का सर्वे करके टीम निर्धारित की जाए। यदि स्वास्थ्य कर्मियों से ज्यादा स्टाफ की जरूरत हो तो स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जाए। शत प्रतिशत लाभार्थियों तक दवा खिलाना सुनिश्चित किया जाए। माइक्रोप्लान 20 जनवरी से 31 जनवरी 2023 तक उपलब्ध हो जाना चाहिए।


अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वेक्टर बोर्न डिसीज डॉ अरविंद भूषण ने कहा कि यह कार्यक्रम शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार किया जाए। इस बार के अभियान को पहले से बेहतर बनाने का प्रयास करें। आशा कर्मचारी, आशा संगिनी, आंगनबाड़ी वर्कर और एएनएम की टीम बनाकर उनकी मानीटरिंग की जाए। दवा खिलाने के पहले लाभार्थियों को दवा के बारे में जानकारी दी जाए। जो भी दवा खाने से इंकार करें,उनकी अलग से सूची बनाई जाए और उन्हें समझाकर दवा खिलाने की पूरी कोशिश की जाए। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ जीएस स्वर्णकार ने बताया कि इस बार फाइलेरिया दवा खिलाने का अभियान 10 फरवरी से 27 फरवरी तक संचालित किया जाना है। 


इस अभियान में छूटे लोगों को मापअप राउंड के दौरान दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि यह बीमारी कृमि द्वारा फैलती है। इससे शरीर का लटकताहुआभाग प्रभावित हो सकता है। इससे हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है। बीमारी होने पर खत्म तो नहीं किया जा सकता है लेकिन दवा के माध्यम से रोका जा सकता है। जबकि बचाव की दवा का सेवन करने वाले स्वस्थ व्यक्ति को यह बीमारी नहीं होती है। इसलिए अभियान  के दौरान फाईलेरिया से बचाव की दवा सभी को खाना जरूरी है।


सहायक मलेरिया अधिकारी अजब सिंह ने बताया कि कार्यक्रम गाइडलाइन के अनुसार संचालित होगा। पाथ संस्था के डॉ अनिकेत ने बताया कि अभियान के लिए ब्लाक स्तर पर चिकित्सा अधिकारियों एवं बीसीपीएम को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। इस दौरान बायोलाजिस्ट भावना वर्मा ने बताया कि कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। प्रशिक्षण में मलेरिया निरीक्षक एसके नागर, कुलदीप सिंह, सिद्धार्थ कुशवाहा, फाइलेरिया निरीक्षक आशुतोष वाजपेयी, अमर सिंह,अमित आदि मौजूद रहे।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS