अस्तव्यस्त जीवन शैली से बढ़ रहा डायबिटीज का खतरा
जिला अस्पताल में लगे स्वास्थ्य शिविर में देखे गए 168 मरीज
जालौन : डायबिटीज डे यानी मधुमेह दिवस पर सोमवार को जिला अस्पताल में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। मेले का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनडी शर्मा ने किया। इस दौरान उपस्थिति लोगों को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि अस्तव्यस्त जीवन शैली और खानपान के तरीकों में लापरवाही के कारण मधुमेह के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह रोगियों में लापरवाही खतरनाक हो सकती है क्योंकि मधुमेह मरीजों की किडनी पर सीधा असर होता है। इसलिए नियमित जांच कराते रहना चाहिए।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एनसीडी) डॉ वीरेंद्र सिंह ने कहा कि डायबिटीज के मरीज उचित भोजन, परहेज और व्यायाम के साथ दवा भी लें। शुगर की नियमित जांच कराते रहना चाहिए। खाली पेट और खाना खाकर दोनों प्रकार की जांच करानी चाहिए ताकि डायबिटीज के बारे में सही से जानकारी हो सके। डायबिटीज की दवा खाना खाने के आधा घंटे पहले लेनी चाहिए।। उन्होने बताया की जनपद में पिछले वर्ष 43869 लोगो कि स्क्रीनिंग की गई थी जिनमें से 6640 लोगो में मधुमेह की पुष्टि हुई थीI
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनेश कुमार ने बताया कि डायबिटीज की दवा बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं लेनी चाहिए। शारीरिक कसरत और संतुलित भोजन से काफी हद तक डायबिटीज को रोका जा सकता है। डायबिजीट के मरीजों को रोजाना कम से कम आधा घंटे तेज कदमों से चलना चाहिए।
आयोजित आज स्वास्थ्य शिविर में 168 मरीज देखे गए। इसमें 63 पुरुष और 29 महिलाओं में डायबिटीज मिली। जबकि 30 पुरुष और 31 महिलाओं को उच्च रक्तचाप मिला। इसके अलावा 67 मानसिक रोग संबंधित मरीज देखे गए। तंबाकू संबंधी 23 और ओरल हेल्थ के 21 मरीज देखे गए।
डॉडा. गोपाल कृष्ण सोनी, रामेंद्र सिंह, दीपना पांडेय, ज्योति कटियार, महेश कुमार, आशुतोष वर्मा, दिनेश सिंह, ब्रजेश कश्यप, पंकज राठौर ने सहयोग किया। राजेंद्रनगर के विनोद कुमार ने बताया कि उनकी उम्र 52 साल है,अब तक जांच नहीं कराई थी। पहली बार शिविर में जांच कराई तो डायबिटीज निकली। अब डाक्टरों की सलाह पर दवाइयां लेंगे और परहेज करेंगे।