जालौन : अस्पताल में आने वाली महिलाओं को परिवार नियोजन के बारे में करें जागरूक
स्वास्थ्य विभाग और पीएसआई इंडिया के सहयोग से होल साइट ओरिएंटेशन का आयोजन
जालौन : स्वास्थ्य विभाग की ओर से पीएसआई इंडिया के सहयोग से जिला महिला अस्पताल में होल साइट ओरिएंटेशन का आयोजन किया गया। इसमें स्टाफ को बताया गया कि अस्पताल में आने वाली महिलाओं को परिवार नियोजन के लाभ और स्थायी और अस्थायी साधनों के बारे में जागरुक किया जाए।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण एवं शहरी स्वास्थ्य नोडल अधिकारी डा. एसडी चौधरी ने बताया कि अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आई महिलाओं को परिवार नियों सेवाओं के बारे में भी बताए। उन्हें समझाए कि परिवार नियोजन के कई स्थायी और अस्थायी साधन उपलब्ध है, जो उनके लिए जरूरी है। ऐसा करने से वह अपने स्वास्थ्य को भी अच्छा रख सकती है। परिवार नियोजन आज के दौर में महत्वपूर्ण हो गया है। अस्पताल में महिलाओं की गर्भावस्था की जांच, फिर प्रसवकालीन जांच और फिर डिलीवरी के दौरान स्टाफ की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इसका पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन करें।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एनआर वर्मा ने बताया कि सभी सेवाएं धीरे धीरे पेपरलेस हो रही है। इसलिए हमें तकनीकी जानकारी रखनी ही होगी, इससे बचना नहीं है। बल्कि तकनीकी में दक्ष होना है। सभी स्टाफ पोर्टल पर डाटा भरना सीखे।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. एमके वर्मा ने बताया कि परिवार नियोजन की सेवाएं चुनने में दंपति स्वतंत्रहैं। उन्हें दो बच्चों के बीच अंतर रखने और कब गर्भधारण करना है, इसके चयन का पूरा अधिकार है। स्वास्थ्य कर्मियों की जिम्मेदारी है कि वह उन्हें स्वास्थ्य और परिवार नियोजन की सेवाओं के बारे में विस्तार से बताए, जिससे वह स्वतंत्र रूप से उपयुक्त साधन चुन सकें।
कायाकल्प के जनपदीय परामर्शदाता डा. अरुण कुमार राजपूत ने बताया कि पूरा सिस्टम एकीकृत हो रहा है। आशा कार्यकर्ता की रिपोर्ट राज्य स्तर तक जा रही है। इसलिए डाटा फीडिंग का काम पूरी जिम्मेदारी से करें। उन्होंने संक्रमण से बचाव के उपाय और कायाकल्प योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस दौरान डा. एसके पाल, डा. पवन कुमार, डा. सरोजबाला शर्मा, डा. संगीता डा. आरडी गौतम, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अरविंद सिंह, शहरी स्वास्थ्य कोआर्डिनेटर संजीव कुमार, नर्स मेंटर प्रज्ञा, पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधि शरद श्रीवास्तव, चौब सिंह, ज्ञान प्रकाश पाण्डेय ने भी शहरी स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए जानकारी दी। यह कार्यक्रम दो चरणों में हुआ। पहले चरण में डाक्टर, स्टाफ नर्स, एएनएम, फार्मासिस्ट को प्रशिक्षण दिया गया। जबकि दूसरे चरण में अस्पताल के सहयोगी स्टाफ के रुप में लिपिकीय वर्ग और चतुर्थ श्रेणी स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया।