राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क नीति के मसौदे पर सार्वजनिक परामर्श

राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क नीति के मसौदे पर सार्वजनिक परामर्श

नरेन्द्र मोदी सरकार का दृष्टिकोण डेटा गवर्नेंस के लिए ऐसे आधुनिक रूपरेखा का निर्माण करना है जो भारत के डिजिटल अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा: राजीव चंद्रशेखर


राजीव चंद्रशेखर ने कहा प्रधानमंत्री व्यापक हितधारकों से प्राप्त व्यापक इनपुट के साथ नीतियां विकसित करने के लिए सार्वजनिक परामर्श को सबसे प्रभावी माध्यम मानते हैं


नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में 14 जून 2022 को श्री राजीव चंद्रशेखर, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री की उपस्थिति में राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क नीति के मसौदे पर हितधारकों के साथ एक संवाद का आयोजन किया गया।


इसमें उद्योग, स्टार्ट-अप, अकादमिक, थिंक टैंक, अंतर्राष्ट्रीय सहयोगी और विभिन्न मंत्रालयों के सरकारी अधिकारियों सहित 250 से ज्यादा हितधारक शामिल हुए।


राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने भारत में सरकारों और नागरिकों के तीव्र डिजिटलीकरण और आंकड़ों की बढ़ती हुई संख्या पर प्रकाश डाला, जिसके लिए इस डेटा की क्षमता का दोहन करने के लिए एक रूपरेखा तैयार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार का उद्देश्य डेटा गवर्नेंस के लिए एक आधुनिक संरचना का निर्माण करना है जो भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि एनडीजीएफपी का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा केंद्रित अनुसंधान और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को उत्प्रेरित करते हुए सरकार के डेटा संग्रह और प्रबंधन को मानकीकृत करना है।


राज्य मंत्री ने समग्र डेटा पारिस्थितिकी तंत्र में भागीदारी के लिए निजी हितधारकों के महत्व पर प्रकाश डाला और इस नीति और इसके कार्यान्वयन के लिए एक सहयोगी और सहभागी दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए सरकार के फोकस संदर्भ में भी बताया। श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व्यापक हितधारकों से प्राप्त व्यापक इनपुट के साथ नीतियों को विकसित करने के लिए सार्वजनिक परामर्श को सबसे प्रभावी माध्यम के रूप में प्रोत्साहित करते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय भारत की वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी डिजिटल अर्थव्यवस्था और स्टार्टअप के लिए वैश्विक मानक विधियों को सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक परामर्श का पालन करता है।"


श्री अल्केश कुमार शर्मा, सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क नीति के मसौदे पर अपना संक्षिप्त अवलोकन प्रदान किया, जिसमें उन्होंने डेटा गवर्नेंस के प्रति एक संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण का पालन करने के महत्व पर बल दिया।


डॉ. राजेंद्र कुमार, अपर सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क नीति के मसौदे के प्रमुख प्रावधानों पर विस्तृत विचार प्रस्तुत किया। मसौदा नीति और जिस ठोस आधार पर इसका निर्माण किया गया है, वह सरकारी डेटा साझाकरण के लिए संस्थागत अवसंरचना में सुधार करने, डिजाइन द्वारा गोपनीयता और सुरक्षा सिद्धांतों को बढ़ावा देने, अनाम उपकरणों के उपयोग को प्रोत्साहित करने और सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों के लिए गैर-व्यक्तिगत डेटा तक समान पहुंच सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।


प्राप्त किए गए विभिन्न सुझावों में आईडीएमओ के कामकाज को सूचित करने वाली परामर्शी प्रक्रिया की निरंतरता, एकीकृत डेटासेट क्षमता का भविष्य में दोहन करने वाले प्रावधान और निजी क्षेत्र के लोगों को शामिल करने की प्रक्रिया का स्पष्टीकरण शामिल थे। इसके अलावा, भारतीय डेटा प्रबंधन कार्यालय के संचालन की जानकारी और स्पष्टता, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नवाचार के लिए व्याख्या किए गए डेटासेट तक पहुंच और डेटा क्षमता निर्माण करने के लिए निजी क्षेत्र और सामाजिक प्रभाव वाले फर्मों के सक्रिय सहयोग पर भी सुझाव दिया गया।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS