केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अमरनाथ यात्रा की शानदार सफलता के लिए कई कदम उठाए
श्रद्धालुओं की सहायता के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से चिकित्साकर्मियों की तैनाती
डीआरडीओ की सहायता से बालटाल और चंदनवाड़ी में 50 बिस्तरों वाले दो अस्पतालों की स्थापना इनडोर सुविधा के रूप में की गई
माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण व रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के निर्देशन में श्रद्धालुओं के लिए अमरनाथजी यात्रा को सुव्यवस्थित करने को लेकर विभिन्न पहल की गई हैं। श्री अमरनाथजी यात्रा 30 जून, 2022 से शुरू होगी और इसका समापन 11 अगस्त, 2022 को होगा।
राज्य सरकारों को चिकित्सीय तैयारी के साथ-साथ जरूरी व्यवस्थाओं से अवगत करा दिया गया है। इनमें जम्मू और कश्मीर सरकार के प्रयासों में सहायता के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ-साथ सामान्य ड्यूटी चिकित्सा अधिकारियों (जीडीएमओ) की सेवाएं शामिल हैं। ये विशेषकर उन राज्यों की ओर से हैं, जहां से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री इस यात्रा के लिए पहुंचते हैं।
अमरनाथजी यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए निम्नलिखित पहल की गई है:
चिकित्सा आपात स्थिति से निपटने के लिए डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों सहित स्वास्थ्य पेशेवरों को समूहों में तैनात किया जाएगा। इसके तहत पहला बैच- 25 जून, 2022 से शुरू होकर 13 जुलाई 2022 तक, दूसरा – 11 जुलाई, 2022 से 28 जुलाई, 2022 तक और तीसरा- 26 जुलाई, 2022 से 11 अगस्त, 2022 तक तैनात रहेगा।
केंद्र सरकार के अस्पतालों और सीजीएचएस से चिकित्सा कर्मियों को तैनात किया जा रहा है।
स्वास्थ्य सेवा के निदेशक (डीएचएस, कश्मीर) के माध्यम से जम्मू और कश्मीर सरकार ने केंद्र सरकार के अस्पतालों और सीजीएचएस से 155 चिकित्साकर्मियों (87 डॉक्टरों, 68 पैरामेडिकल कर्मियों) के लिए अनुरोध किया था।
केंद्र सरकार के अस्पतालों और सीजीएचएस से कुल 176 नाम (115 डॉक्टर और 61 पैरामेडिकल कर्मी) प्राप्त हुए। आगे इनकी तैनाती के लिए पूरी सूची कश्मीर के डीएचएस को भेज दी गई है।
11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से चिकित्साकर्मियों (डॉक्टर और पैरामेडिकलकर्मी) को तैनात किया जा रहा है।
स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस, कश्मीर) के माध्यम से जम्मू और कश्मीर सरकार ने 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र) से 437 चिकित्साकर्मियों (154 डॉक्टरों, 283 पैरामेडिकलकर्मियों) के लिए अनुरोध किया था।
9 राज्यों से कुल 433 नामों (214 डॉक्टर और 219 पैरामेडिकलकर्मियों) की सूची प्राप्त हुई है। डीएचएस (कश्मीर) की ओर से तीनों बैचों के लिए इनमें से 428 चिकित्सा कर्मियों (211 डॉक्टरों, 217 पैरामेडिकलकर्मियों) की तैनाती पहले ही की जा चुकी है।
50 बिस्तरों की सुविधा वाले दो अस्पताल
मंत्रालय ने डीआरडीओ के माध्यम से बालटाल और चंदनवाड़ी में इनडोर सुविधा को बढ़ाने के लिए इसकी व्यवस्था की है।
मंत्रालय की ओर से प्रदान की गई धनराशि के माध्यम से डीआरडीओ ने बालटाल और चंदनवाड़ी में 50 बिस्तरों की सुविधा वाला यह अस्पताल स्थापित किया गया है।
उपरोक्त 50 बिस्तरों की सुविधा वाले इन दो अस्पतालों के लिए डीएचएस (कश्मीर) से कर्मचारियों की अतिरिक्त जरूरत (केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर व मंत्रालय से क्रमश: 129 और 129) का अनुरोध किया गया था।
कश्मीर के डीएचएस को आगे की तैनाती के लिए मंत्रालय के पास उपलब्ध बाकी मौजूद जन शक्ति (केंद्र सरकार के अस्पतालों, सीजीएचएस और राज्यों की ओर से नामित) को प्रदान किया गया।
अस्पताल
अधिक ऊंचाई से पैदा होने वाली बीमारी के लिए चिकित्सा देखभाल के व्यापक नोट तैयार किए गए
अमरनाथजी यात्रा- 2022 के लिए व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) सामग्री तैयार की गई है और जरूरी कार्रवाई के लिए हितधारकों के साथ इसे साझा किया गया है।
आईईसी सामग्री का विकास: तीर्थयात्रियों के लिए- क्या करें और क्या न करें
तीर्थयात्रियों के लिए- लघु क्या करें और क्या न करें (अंग्रेजी और हिंदी में) तैयार किए गए हैं और जरूरी कार्रवाई के लिए इसे हितधारकों के साथ साझा किया गया है।
प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के माध्यम से क्षमता निर्माण सफलतापूर्वक किया गया है।
4-6 मई, 2022 तक कश्मीर के धोबिवान में अधिक ऊंचाई वाली आपात स्थितियों के लिए टीओटी (प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण) कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय अन्य मंत्रालयों के साथ मिलकर श्रद्धालुओं के लिए दर्शन को बाधा मुक्त बनाने और इस समग्र यात्रा की शानदार सफलता सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है।