भारत विश्व व्यापार संगठन के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में आगे आकर कार्य कर रहा है : श्री पीयूष गोयल
"गरीबों के कल्याण पर प्रधानमंत्री मोदी के फोकस को वैश्विक मंच पर अपनाया गया"
भारत अपने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), किसानों और मछुआरों के लिए मजबूती से खड़ा है; विश्व व्यापार संगठन में भारत के रुख से दुनिया भर में गरीबों और कमजोर लोगों की आवाज मजबूत हुई: श्री गोयल
भारत विश्व व्यापार संगठन वार्ता के केंद्र में था, प्रत्येक विश्व व्यापार संगठन की बैठक के परिणाम में भारत की दृढ़ छाप दिखाई देती है : श्री गोयल
"भारत ने पहल करके वार्ता की दिशा को विफलता, निराशा और विनाश से आशावादिता, उत्साह और सर्वसम्मति-आधारित परिणाम में बदल दिया" : श्री गोयल
मौजूदा भू-राजनीतिक व्यवस्था के बावजूद मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सदस्यों को मेज पर लाने के भारत के प्रयासों ने दुनिया की जनता के लिए लाभ सुनिश्चित किया है
भारत ने न केवल अपने मुद्दों को उठाया बल्कि अन्य विकासशील देशों, अल्प विकसित देशों (एलडीसीज), गरीबों और कमजोर लोगों के मुद्दों को बड़ी संवेदनशीलता के साथ उठाया
"वे दिन गए, जब भारत को गरीबों को चोट पहुंचाने वाले परिणामों को स्वीकार करने के लिए बाध्य किया जा सकता था": श्री गोयल
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले और खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने विश्व व्यापार संगठन के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी) के आज जिनेवा में समापन के अवसर पर कहा कि हमारे किसानों और मछुआरों के खिलाफ एक मजबूत वैश्विक अभियान के बावजूद भारत कई वर्षों के बाद विश्व व्यापार संगठन में एक अनुकूल परिणाम हासिल करने में सक्षम हुआ है। हाल ही में समाप्त हुई एमसी12 को "परिणाम उन्मुख" सफलता बताते हुए श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लगातार निर्देशित भारतीय प्रतिनिधिमंडल अब दुनिया के सामने भारत और विकासशील दुनिया के लिए प्राथमिकता वाले मुद्दों को प्रस्तुत करने में 100 प्रतिशत सफल रहा है।
श्री गोयल ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने दुनिया के साथ भारत के उन मजबूत संबंधों का लाभ उठाया जिन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले कुछ वर्षों में पल्लवित किया है।
“कुछ देशों ने शुरू में रविवार और सोमवार को इस आशय का दुष्प्रचार अभियान चलाने का प्रयास किया कि भारत के अड़ियलपन के कारण कोई प्रगति नहीं हो रही है। श्री गोयल ने जिनेवा में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वास्तविक स्थिति हम सबके सामने आ चुकी है और भारत द्वारा उठाए गए जिन मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने हमें ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा था उन्हें अब पूरी दुनिया मानती है कि यही सही एजेंडा था और आखिरकार भारत ने सभी समाधानों पर पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह कहते हुए कि आज विश्व व्यापार संगठन में 135 करोड़ भारतीयों के लिए गर्व का दिन है, श्री गोयल ने कहा कि भारत ने आगे आकर पहल की और वह सम्मेलन के केंद्र में था। "इसने वार्ता की दिशा को विफलता, निराशा और विनाश से आशावादिता, उत्साह और सर्वसम्मति-आधारित परिणाम में बदल दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक व्यवस्था के बावजूद मुद्दों पर चर्चा के लिए सदस्यों को एक मेज पर लाने के भारत के प्रयासों ने सुनिश्चित किया है कि विश्व व्यवस्था नहीं टूटी है”।
यह स्वीकार करते हुए कि भारत और विकासशील देशों ने 30 साल पहले विश्व व्यापार संगठन की स्थापना के समय और उरुग्वे दौर की वार्ता के दौरान कुछ समझौता करने वाले निर्णयों को स्वीकार किया था। श्री गोयल ने कहा कि भारत आज विभिन्न मुद्दों पर भयभीत होने के बजाय फ्रंट फुट पर बल्लेबाजी करता है, चाहे वह पर्यावरण हो, स्टार्टअप हो अथवा एमएसएमई या लैंगिक समानता। यह न्यू इंडिया के भरोसे का नतीजा है। उन्होंने कहा कि भारत आम सहमति बनाने और दुनिया के लिए हर तरह से फायदे का सौदा पाने में सक्षम है।
“आज जब हम भारत लौट रहे हैं तो कोई भी ऐसा मुद्दा नहीं है जिस पर हमें जरा सा भी चिंतित रहना चाहिए। अब चाहे वह एमएसपी जैसे कृषि से संबंधित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) हो, या फिर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम अथवा पीएम गरीब कल्याण योजना को पूरा करने के लिए सार्वजनिक स्टॉकहोल्डिंग कार्यक्रम की प्रासंगिकता, बौद्धिक संपदा अधिकारों (ट्रिप्स- टीआरआईपीएस) पर छूट (वेव), ई-कॉमर्स स्थगन, कोविड और मत्स्य पालन की प्रतिक्रिया को मजबूत करना होI श्री गोयल ने कहा,” इसी तरह जिस मछली पकड़ने के बारे में हमारे मछुआरे बहुत चिंतित थे तथा जो भारत के कारीगर और पारंपरिक मछुआरों के भविष्य को बांध देता उस पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। भारत इसमें शत-प्रतिशत सफल रहा है और भारत या सरकार पर कोई प्रतिबंध या शर्तें नहीं लगाई गई हैं, बल्कि हम अवैध रूप से मछली पकड़ने, अंडर-रिपोर्टिंग या बाहरी विनियमन, जैसे आईयूयू मछली पकड़ने पर रोक लगाने में सफल रहे हैं।
श्री गोयल ने कहा कि भारत विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। अफगानिस्तान को भारत की हालिया गेहूं आपूर्ति का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने अन्य देशों में खाद्य सुरक्षा के लिए डब्ल्यूएफपी खरीद पर कोई निर्यात प्रतिबंध नहीं लगाया है; तथापि, घरेलू खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है।
कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई पर, श्री गोयल ने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकारों (ट्रिप्स- टीआरआईपीएस) के व्यापार संबंधी पहलुओं के फैसले से वैक्सीन समानता (इक्विटी), पहुंच और सामर्थ्य को बढ़ावा मिलेगा। यह पेटेंट टीकों के उत्पादन के लिए प्राधिकरण में आसानी को सक्षम करेगा और भारत घरेलू आवश्यकताओं तथा निर्यात के लिए उत्पादन कर सकता है।
विश्व व्यापार संगठन के सुधारों के एजेंडे पर, श्री गोयल ने कहा कि सर्वसम्मति, एस एंड डीटी प्रावधानों, एसडीजी लक्ष्यों सहित डब्ल्यूटीओ के बुनियादी ढांचे और मूल सिद्धांतों को इसे और अधिक समकालीन बनाते हुए बनाए रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि "मेरा मानना है कि यह विश्व व्यापार संगठन के लिए अच्छा होगा तथा भविष्य में विकासशील और कम विकसित देशों के लिए अच्छा होने के साथ ही पारदर्शी माध्यमों से वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देगा"।
श्री गोयल ने कहा कि भारत का 'वसुधैव कुटुम्बकम' का आदर्श वाक्य विश्व व्यापार संगठन में प्रतिध्वनित हुआ है, भारत ने न केवल अपने मुद्दों को उठाया बल्कि अन्य विकासशील देशों, अल्पविकसित देशों (एलडीसीज), गरीब और कमजोर लोगों के मुद्दों को संवेदनशीलता के साथ उठाया और उनके लिए निडर होकर लड़ाई लड़ी।
विश्व व्यापार संगठन की एमसी 12 बैठक के परिणाम
मत्स्य दोहन पर हमारे जल क्षेत्र और अन्य जगहों पर अवैध रूप से गैर-सूचित और अनियमित मछली पकड़ने पर रोक लगेगी। मछली पकड़ने वाले क्षेत्रों पर बहुत सख्त नियंत्रण होगा ताकि मछली के स्टॉक को बहाल किया जा सके। इसके अतिरिक्त, विशिष्ट आर्थिक क्षेत्रों (ईईजेड) या क्षेत्रीय मत्स्य प्रबन्धन संस्थानों (आरएफएमओएस) के बाहर के क्षेत्रों में मछली पकड़ने के लिए कोई अनुदान सहायत (सब्सिडी) प्रदान नहीं की जाएगी।
बौद्धिक संपदा अधिकारों (ट्रिप्स- टीआरआईपीएस) के फैसले से निर्यात, वैक्सीन इक्विटी, पहुंच और सामर्थ्य को बढ़ावा मिलेगा। कोई भी देश कहीं और पेटेंट किए गए टीकों के उत्पादन को अधिकृत कर सकता है और इसके लिए किसी सहमति की आवश्यकता नहीं होगी और साथ ही निर्यात पर कोई सीमा नहीं होगी। नैदानिकी (डायग्नोस्टिक्स) / चिकित्सकी (थेरप्यूटिक्स) पर निर्णय 6 महीने में लिया जाएगा। भविष्य में महामारी पर तेजी से प्रतिक्रिया होगी और महामारियों में व्यापार अवरोध कम होंगेI
विश्व व्यापार संगठन के सुधारों पर तय किया गया एजेंडा विश्व व्यापार संगठन को अधिक कुशल एवं चुस्त निकाय बनाएगा। विवाद निपटान निकाय को पुनर्जीवित किया जाएगा जो व्यापार विवादों को निपटाने में अपनी अपेक्षित भूमिका निभाएगा। सुधार विकासशील देशों के लिए बेहतर व्यापार परिणाम देगा। डब्ल्यूटीओ सुधार एजेंडा में लैंगिक मुद्दों, पर्यावरण और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) का संदर्भ दिया गया है।
ई-कॉमर्स पर फिलहाल अस्थायी रोक पर सहमति व्यक्त करते हुए भारत ने उसी पर एक अधिसूचित निर्णय लेने के लिए इसके दायरे, परिभाषा और प्रभाव सहित स्थगन पर गहन चर्चा करने के लिए कहा है।
खाद्य सुरक्षा घोषणा, उत्पादकता एवं उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम करते हुए विकासशील देशों में भोजन उपलब्ध कराने पर केंद्रित हैI
जहां तकविश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) का संबंध है तो अन्य देशों में खाद्य सुरक्षा के लिए डब्ल्यूएफपी खरीद पर कोई निर्यात प्रतिबंध नहीं होगा; हालांकि, घरेलू खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।