छह माह की आयु तक कराएं केवल स्तनपान : डीपीओ
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पोषण पाठशाला आज
जालौन : जन्म के एक घंटे के अन्दर शिशु को स्तनपान प्रारम्भ कराना चाहिए क्योंकि मां का दूध शिशु के लिए अमृत के समान है।
छः माह की आयु तक उसे केवल स्तनपान कराना चाहिए। यह शिशु एवं बाल मृत्यु दर में कमी लाने के लिए आवश्यक है। यह कहना है जिला कार्यक्रम अधिकारी इफ़्तेख़ार अहमद का।
उन्होंने बताया कि प्रचलित मिथकों के कारण केवल स्तनपान सुनिश्चित नहीं हो पाता है। मां एवं परिवार को लगता है कि स्तनपान शिशु के लिए पर्याप्त नहीं है और वह शिशु को अन्य चीजें जैसे कि घुट्टी, शर्बत, शहद और पानी आदि पिला देती है जबकि स्तनपान से ही शिशु की पानी की भी आवश्यकता पूरी हो जाती है। पोषण पाठशाला में बाल विकास विभाग की ओर से लोगों को विभाग की सेवाओं, पोषण प्रबंधन, कुपोषण से बचाव के उपाय, पोषण शिक्षा आदि के बारे में जागरूक किया जाएगा,साथ ही छह माह तक केवल स्तनपान का संदेश दिया जाएगा। उन्होंने छह माह तक केवल स्तनपान कराने पर जोर दिया।
यूनीसेफ के मंडलीय पोषण सलाहकार रजनीश गुप्ता ने बताया कि 26 मई को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक वीडियो कांफेसिंग के जरिए पोषण पाठशाला आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम का मुख्य थीम शीघ्र स्तनपान केवल स्तनपान है। विषय विशेषज्ञों की ओर से शीघ्र स्तनपान केवल स्तनपान की आवश्यकता, महत्व, उपयोगिता आदि के संबंध में विस्तार से चर्चा की जाएगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लाभार्थियों व अन्य द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दिया जाएगा। इस कार्यक्रम का लाइव वेबकास्ट भी किया जाएगा।
ये हैं-निर्देश
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि सभी मुख्य सेविकाएं, आशा, आशा संगीनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं मिनी कार्यकर्ता को भी वेब लिंक से जुड़ने का निर्देश दे दिया गया है। इसके लिए विभाग की ओर से पत्र जारी कर दिया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विभाग से मिले स्मार्टफोन के जरिये वेब लिंक http:// webcast. gov.in/up/icds के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़ेगी। इसके साथ ही केंद्रों पर पंजीकृत गर्भवती महिलाएं, धात्री महिलाएं एवं उनके परिवार के सदस्य भी इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे।