जालौन : महिला व बालिका स्वालंबन को लेकर चलेगा सौ दिवसीय अभियान
बेसिक शिक्षा विभाग ने भी तैयार की कार्ययोजना, बालिकाओं की स्कूलों में शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने पर चर्चा
जालौन : मिशन शक्ति के अंतर्गत महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, ,सम्मान और स्वावलंबन के लिए सौ दिवसीय अभियान चलाया जा रहा है। इसमें बेसिक शिक्षा विभाग की भी सहभागिता है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा और राज्य परियोजना निदेशक ने इस बाबत सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्धारित कार्ययोजना के अनुसार काम करने को कहा है।
जिला समन्वयक (प्रशिक्षण) विश्वनाथ दुबे ने बताया कि जिले में 68765 बालिकाएं कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों में पंजीकृत है। इसमें 6 कक्षा से कक्षा 8 तक 18738 है। जिले में 1510 विद्यालय है। इसमें परिषदीय 959 है। 322 जूनियर हाईस्कूल और 229 कंपोजिट विद्यालय है। मिशन शक्ति के अंतर्गत 15 से 30 अप्रैल तक स्कूल चलो अभियान के तहत बालिकाओं के विद्यालय में शत प्रतिशत नामांकन का काम किया जाएगा। इसके तहत घुमंतू परिवार की बालिकाएं, ईट भट्टे पर काम करने वाले, भीख मांगने वाले, मजदूरी करने वाले घरों, कुटीर उद्योगों से जुड़े परिवारों की बालिकाओं को चिन्हित कर उनका शत प्रतिशत नामांकन कराया जाएगा। इसके लिए पंचायत और विद्यालय प्रबंध समितियों का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक मई से 19 मई तक स्कूलों में बालिकाओं की स्कूलों में नियमित उपस्थिति के लिए अभियान चलेगा। इसकी हर शनिवार को समीक्षा होगी। इसमें ऐसी बालिकाओं को चिन्हित किया जाएगा, जो अक्सर स्कूल से गैरहाजिर रहती है। उनके अभिभावकों की सूची तैयार कर अभिभावकों से संपर्क किया जाएगा। इसके अलावा बालक अधिकारों, सुरक्षा एवं संरक्षा पर चर्चा की जाएगी। इसमें प्रधानाध्यापक और शिक्षक के माध्यम से घरेलू हिंसा, बच्चों के साथ होने वाली हिंसा, यौनिक हिंसा, छेड़छाड़, सेफ टच, अनसेफ टच और हेल्पलाइन नंबर की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि 20 मई से 15 जून तक आनलाइन जागरूकता की गतिविधियां होगी। पांच जून को पर्यावरण दिवस पर बच्चों द्वारा गांव में वृक्षारोपण कर फोटो व्हाट्सएप पर किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 16 से 30 जून तक विद्यालय की एक दीवार पर ख्याति प्राप्त महिलाओं को समर्पित करते हुए महिलाओं के संघर्ष की कहानियों, चित्रों आदि को प्रदर्शित किया जाएगा। वाद विवाद, चर्चा, बाल अखबार आदि का निर्माण किया जाएगा। बालिका शिक्षा से जुड़े स्लोगन, नारे के साथ जागरुक और संवेदनशील किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद एक से 31 जुलाई तक आनलाइन वेबिनार के अलावा स्वच्छता, माहवारी प्रबंधन और कानूनी अधिकारों को लेकर चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए तैयारियां हो गई है।