जालौन : जिला अस्पताल में टेढ़े पैर वाले बच्चों के इलाज शुरू
सहूलियत
हड्डी नरम होने के कारण दो वर्ष तक के बच्चों का होता है इलाज
ओपीडी के कक्ष संख्या 13 में हर शनिवार को मिल रही सुविधा
जालौन : टेढ़े पैर यानि क्लब फुट से पीड़ित बच्चों के इलाज की सुविधा शुरू हो गई है। जिला अस्पताल के ओपीडी कक्ष नंबर 13 में हर शनिवार को क्लब फुट वाले बच्चों की जांच होगी और उन्हें इलाज की सुविधा मिलेगी। इसके लिए ओपीडी में मिरेकल फीट संस्था की ओर से कार्यक्रम समन्वयक सतेंद्र कुमार की तैनाती की गई है। पहले इसके इलाज के झांसी या कानपुर जाना पड़ता था।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत जिला अस्पताल की ओपीडी में मिरेकल फीट संस्था की ओर से कार्यक्रम समन्वयक सतेंद्र कुमार की तैनाती की गई है। यह कार्यक्रम समन्वयक आरबीएसके टीमों द्वारा खोजे गए क्लब फुट के बच्चों या सीधे आने वाले बच्चों की काउंसलिंग कर उनके इलाज में मदद करेंगे
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा ने बताया कि कई बच्चों में क्लब फुट पैर टेढ़े होने की समस्या होती है। इसके इलाज में लाखों रुपये खर्च हो जाता है। इस वजह से निर्धन वर्ग के लोग पैसों के अभाव में इलाज नहीं करा पाते है। ऐेसे में जब बच्चे बड़े होते है तो उन्हें चलने में तकलीफ होती है और कई बच्चे तो दिव्यांगता की श्रेणी में आ जाते है। इन बच्चों के इलाज की व्यवस्था अभी तक सरकारी अस्पतालों में नहीं थी। जिसकी वजह से ऐसे बच्चों को झांसी या कानपुर रेफर करना पड़ता था। अब आरबीएसके के अंतर्गत जिला अस्पताल की ओपीडी में मिरेकल संस्था के सहयोग से ऐसे बच्चों के इलाज की व्यवस्था कर दी गई है। जिला अस्पताल के आर्थों सर्जन डा. शक्ति मिश्रा को विधिवत प्रशिक्षण दी गई है।
जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र के प्रबंधक रवींद्र चौधरी बताते है कि इस समय क्लब फुट के 19 बच्चों का इलाज चल रहा है। रवींद्र ने बताया कि मिरेकल संस्था की ओर से उपचार की सामग्री निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। जल्द जिला अस्पताल की ओपीडी में मिरेकल संस्था के कार्यालय का शुभारंभ होगा। हालांकि औपचारिक तौर पर संस्था ने काम शुरू कर दिया है। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अविनेश कुमार बनौधा ने बताया कि जिला अस्पताल में क्लब फुट से जुड़े मरीजों के इलाज किया जाएगा। इसके लिए व्यवस्थाएं पूरी की जा रही है। ऐेसे में मरीजों को झांसी कानपुर जाने के झंझट से मुक्ति मिलेगी।
2 साल तक के बच्चों के लिए है सुविधा
आरबीएसके कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डा. एसडी चौधरी ने बताया कि यह सुविधा 0 से 2 साल तक के बच्चों के लिए ही है। क्योंकि दो साल तक के बच्चों की हड्डी नरम होती है और उनका इलाज आसानी से हो जाता है। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया है कि यदि किसी बच्चे में टेढ़े पैर की समस्या है तो आरबीएसके टीमों के माध्यम से, जिला अस्पताल की ओपीडी कक्ष नंबर 13 या फिर सीएमओ कार्यालय के आरबीएसके के डीआईईसी मैनेजर से संपर्क कर सकते हैं।