क्षय उन्मूलन में सीएचओ को भी दी गई जिम्मेदारी
गाँववार ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में होंगी स्वास्थ्य बैठक
जालौन : क्षय मुक्त भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए क्षय रोगियों की खोज की जिम्मेदारी अब आयुष्मान भारत के हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर को भी दी गई है। सेंटर में आने वाले संभावित क्षय रोगियों को कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) अब टीबी अस्पताल के लिए रेफर करेंगे। इससे समय से उनका इलाज शुरू किया जा सके।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सुग्रीव बाबू ने बताया कि सक्रिय क्षय रोगियों की खोज के लिए 24 मार्च से विशेष अभियान चल रहा है। यह अभियान 13 अप्रैल तक चला। वर्ष 2025 तक प्रदेश व देश को क्षय रोग मुक्त करने के क्रम में कई स्तर क्षय रोगियों की खोज की जा रही है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की महत्वपूर्ण भूमिका होनी है। इसके लिए इन सेंटरों पर क्षय रोगियों के चिह्नीकरण, जांच, उपचार, निक्षय पोषण योजना के तहत डीबीटी काउंसलिंग एवं मनोसामाजिक सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने बताया कि अभियान के लिए सीएचओ को प्रशिक्षित किया गया है। अब सीएचओ भी अपने क्षेत्र की आशा वर्कर व एएनएम के साथ क्षय रोगी चिन्हित करेंगे। इसके साथ ही विलेज हेल्थ सेनीटेशन एंड न्यूट्रीशन कमेटी (वीएचएनएसपी) की विशेष बैठक ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में आयोजित करेंगे। इससे क्षय रोग के जागरूकता बढ़ेगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि यदि कोई टीबी संक्रमित है तो सीएचओ उसे इलाज के लिए टीबी सेंटर तक पहुंचाने के लिए प्रेरित करेंगे। सीएचओ की जिम्मेदारी है कि वह क्षय रोगियों की सूचना 20 तारीख तक टीबी सेंटर पर पहुंचा दें। साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत क्षय रोगियों को लाभ दिलाने के लिए उनका बैंक खाता विवरण, आईडी भी सीएचओ संबंधी सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) को उपलब्ध कराएंगे।
टीबी के प्रमुख लक्षण
15 दिन से अधिक खांसी आना, खांसी में बलगम आना, बलगम में खून आना, भूख न लगना, वजन तेजी से घटना, हल्का बुखार रहना आदि टीबी के प्रमुख लक्षण है।