उपराष्ट्रपति ने नये बाजार खोजने के लिये निर्यातकों का आह्वान किया
‘मेक इन इंडिया’ और ‘लोकल फॉर ग्लोबल’ को प्रोत्साहन देने के लिये सेज़ आदर्श मंच हैः उपराष्ट्रपति
देश में 775 जिलों में से ज्यादातर जिलों में निर्यात केंद्र बनने की क्षमता है : उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने जनसांख्यकीय अनुकूलता के मद्देनजर युवाओं के रोजगार और कौशल के लिये विशेष अभियान चलाने का आह्वान किया
उपराष्ट्रपति ने तमिलनाडु के अति विकसित औद्योगिक और निर्माण इको-सिस्टम की प्रशंसा की
उन्होंने चेन्नई में सेज़ और ईओयू को निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किये
उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने आज नये बाजारों की तलाश करने के लिये निर्यातकों का आह्वान किया, ताकि निर्यात को बढ़ावा मिले और आर्थिक विकास-गति को कायम रखा जा सके।
चेन्नई में आज विशेष आर्थिक जोन (सेज) इकाइयों और निर्यात आधारित इकाइयों (ईओयू) को निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान करते हुये, उपराष्ट्रपति ने निर्यात को बढ़ावा देने तथा रोजगार मुहैया कराने में योगदान करने पर निर्यातकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि देश के निर्यात में सेज़ और ईओयू का एक-तिहाई योगदान है।
सेज़ को ‘मेक इन इंडिया,’ ‘लोकल फॉर ग्लोबल’ और ‘ईज़ ऑफ डूईंग बिजनेस’ के लिये आदर्श मंच बताते हुये उन्होंने कहा कि निर्यातकों के कठिन परिश्रम से हाल के वर्षों में देश का निर्यात कई गुना बढ़ा है।
श्री नायडु ने उल्लेख किया कि अभी-अभी पूरे हुये वित्त वर्ष 2021-22 में व्यापार-जनित निर्यात ने 418 अरब अमेरिकी डॉलर का कीर्तिमान स्थापित किया है। इसके साथ ही, सेवाओं का निर्यात लगभग 250 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। उन्होंने कहा कि महामारी के बावजूद यह उल्लेखनीय उपलब्धि है।
इस रुझान को कायम रखने का आह्वान करते हुये उपराष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2019 में ‘जिला निर्यात केंद्र’ बनाने की महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की थी, जिससे निर्यात में तेजी आने की आशा है। उन्होंने कहा कि देश में 775 जिलों में से ज्यादातर जिलों में निर्यात केंद्र बनने की क्षमता मौजूद है।
व्यापार और उद्योग-अनुकूल नीतियों, व्यापार सुगमता और ‘लोकल फ़ॉर ग्लोबल’ पर ध्यान देते हुये सरकार द्वारा निर्यात बढ़ाने के कदमों का उल्लेख करते हुये श्री नायडु ने कहा कि जीआई (भौगोलिक संकेतक) उत्पादों को इन प्रयासों के तहत आगे बढ़ाया जा रहा है।
भारत का युवा देश के रूप में उल्लेख करते हुये उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जनसांख्यकीय क्षमता का भरपूर लाभ उठाने की जरूरत है। उन्होंने युवाओं के रोजगार और कौशल के लिये विशेष अभियान चलाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “जब तक यह काम नहीं किया जाता, हमारी जनसांख्यकीय अनुकूलता, प्रतिकूलता में बदल जायेगी।”
तमिलनाडु के अति विकसित औद्योगिक निर्माण इको-सिस्टम की प्रशंसा करते हुये श्री नायडु ने कहा कि राज्य मोटर-वाहनों, उनके पुर्जों, कपड़ा, चमड़े के उत्पादों, हल्के और भारी इंजीनियरिंग सामान, पम्प, मोटर, इलेक्ट्रॉनिक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के उत्पादन में एक विशाल केंद्र के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु निर्यात में देश में अग्रणी स्थान पर बरकरार है।
इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री श्रीमती अनुप्रिया सिंह पटेल, तमिलनाडु के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री श्री के.के.एस.एस.आर. रामचंद्रन, मद्रास एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन, सेज़ के विकास आयुक्त डॉ. एम.के. शुमुगा सुंदरम, एमईपीजेड सेज के संयुक्त विकास आयुक्त श्री एलेक्स पॉल मेनन और अन्य लोग भी उपस्थित थे।