केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सर्वश्रेष्ठ महिला कोविड -19 टीकाकरणकर्ताओं को सम्मानित किया
महिलाओं के योगदान के बिना स्वास्थ्य क्षेत्र का विकास अधूरा : डॉ. मनसुख मंडाविया
"कोविड -19 टीकाकरण कार्यक्रम में भारत को विश्व में अग्रणी स्थान दिलाने का श्रेय देश भर में हमारी महिला टीकाकरणकर्ताओं को जाता है"
"मौजूदा तीसरी लहर के संदर्भ में भारत का प्रबंधन एक वैश्विक केस स्टडी है और महिला कोविड योद्धा इस ऐतिहासिक सफलता का कारण हैं"
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने आज राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान, नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर देश भर से कोविड-19 की सर्वश्रेष्ठ महिला टीकाकरणकर्ताओं को सम्मानित किया। यह कार्यक्रम भारत के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन में अथक प्रयासों का उत्सव मनाने और उसको मान्यता देने के लिए आयोजित किया गया था। इस पूरी यात्रा में महिला टीकाकरणकर्ता बदलाव की अग्रदूत रही हैं। इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का विषय "एक स्थायी कल के लिए आज महिला-पुरुष समानता" है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र के समग्र विकास में महिला सैनिकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य क्षेत्र का विकास महिलाओं के योगदान के बिना अधूरा है। हमारी आशा और एएनएम कार्यकर्ता स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास की स्तंभ हैं। हमारी आशा कार्यकर्ता राष्ट्र की सेवा के लिए अथक प्रयास कर रही हैं। वे दुर्गम इलाकों को पार करते हुए, अंतिम छोर तक पहुंच रही हैं, हर घर में जा रही हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हर पात्र व्यक्ति का टीकाकरण हो। हर घर दस्तक अभियान के तहत, हमारी आशा कार्यकर्ता हर घर में पहुंचीं, टीक लगवाने को बढ़ावा दिया और इस तरह, टीके की झिझक पर काबू पाया। यदि आज भारत कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम में विश्व में अग्रणी है, तो इसका श्रेय देश भर में हमारी महिला टीकाकरणकर्ताओं को जाता है।”
डॉ. मनसुख मंडाविया ने देश भर में सभी महिला टीकाकरणकर्ताओं को बधाई दी और उनके समर्पण को सलाम किया। उन्होंने कहा, "यह 16 जनवरी, 2021 का दिन था, जब हमारे प्रधानमंत्री द्वारा दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया था और तब से, भारत ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। राष्ट्र के लिए सभी महिला टीकाकरणकर्ताओं की निस्वार्थ सेवा के कारण ही भारत ने कोविड महामारी का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया है। वर्तमान तीसरी लहर के संदर्भ में भारत का प्रबंधन एक वैश्विक केस स्टडी है और ये महिला कोविड योद्धा इस ऐतिहासिक सफलता का कारण हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही महिलाओं का सम्मान करने की परंपरा और संस्कृति रही है। "हमने हमेशा इस लक्ष्य को पाने के लिए सामूहिक विकास सुनिश्चित करने के लिए एक साथ काम किया है। जब हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी 'सबका साथ सबका विकास' कहते हैं, तो महिलाएं इस विकास की अवधारणा का मुख्य स्तंभ हैं।
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने देश भर की सभी महिला टीकाकरणकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण और देश भर में सभी महिला टीकाकरणकर्ताओं के अथक प्रयासों के कारण यह जन आंदोलन बन गया।" उन्होंने कहा कि ये महिला टीकाकरणकर्ता भारत के टीकाकरण कार्यक्रम की अग्रणी रही हैं। सभी बाधाओं के बावजूद, ये महिला टीकाकरणकर्ता यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं कि प्रत्येक पात्र भारतीय का टीकाकरण हो।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा, "यह इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पावन दृष्टि है - 'एक अस्थाई कल के लिए आज महिला-पुरुष समानता', जो आज हमारे सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों को संचालित करती है। पिछले आठ वर्षों से हम विकास के विजन में आमूलचूल परिवर्तन देख रहे हैं। महिलाओं के विकास से लेकर महिलाओं के नेतृत्व में विकास तक, महिलाओं के नेतृत्व में हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 72 महिला टीकाकरणकर्ताओं को आज सम्मानित किया गया।
भारत के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रतिनिधि डॉ. रोडरिको एच. ओफ्रिन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर सचिव एवं प्रबंध निदेशक श्री विकास शील, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के निदेशक डॉ. सुनील कुमार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न राज्यों के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध निदेशक, प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य (आरसीएच) के निदेशक इस अवसर पर उपस्थित थे।