मातृभूमिः प्रोजेक्शन मैपिंग शो के जरिये भारत के विभिन्न पक्षों को अब ऐतिहासिक लाल किले से भी पूरे वर्ष दिखाया जायेगा
दस दिवसीय लाल किला महोत्सव-भारत भाग्य विधाता ने कल अपना पांचवां दिन पूरा कर लिया। इस सांस्कृतिक महाकुंभ में प्रोजेक्शन मैपिंग शो “मातृभूमि” को दर्शकों का जबरदस्त उत्साहवर्धन मिल रहा है। अब इस शो को स्थायी कार्यक्रम बना दिया गया है, जो पूरे वर्ष चलता रहेगा।
संगीत, प्रकाश और ध्वनि के प्रयोग से ‘मातृभूमि’ के जरिये उच्चस्तरीय तकनीक से भव्य मनोरम दृश्य पैदा किये गये हैं। प्रोजेक्शन मैपिंग शो में भारत की पुराने, अनूठे और उतार-चढ़ाव से भरे इतिहास के जरिये देश की समृद्ध तथा विविधतापूर्ण संस्कृति को दर्शाया गया है, जो देशवासियों में गौरव तथा देशभक्ति की भावना को उद्वेलित कर देती है।
आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में भारत भाग्य विधाता देश के महान सांस्कृतिक महाकुंभ के रूप में स्थापित हो चुका है। ‘मातृभूमि’ शो के माध्यम से संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय ने मॉन्यूमेंट मित्र, डालमिया भारत लिमिटेड के साथ मिलकर भारत के समृद्ध इतिहास व धरोहर को नई पीढ़ी के सामने परस्पर संवादों के साथ लाल किले पर प्रदर्शित किया है।
देशभर की प्रतिष्ठित हस्तियां इस महोत्सव की साक्षी बन चुकी हैं। उद्घाटन समारोह में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति इरानी की गरिमामयी उपस्थित रही। पुलिस आयुक्त श्री राकेश अस्थाना ने रात्रिकाल में लाल किले पर प्रोजेक्शन मैपिंग शो का उद्घाटन किया।
सुंदर अवधारणा, पटकथा के साथ इसे पेश किया गया। तीस मिनट के यह शो अपने आप में शानदार संस्कृतिक व दर्शनीय अनुभव है। लाल किला महोत्सव-भारत भाग्य विधाता तीन अप्रैल तक जारी रहेगा। यह कार्यक्रम सबके लिये नि:शुल्क है।
निर्धारित समय इस प्रकार हैः
29 मार्च – 31 मार्चः साढ़े सात बजे सायं से आठ बजे तक
एक अप्रैल और दो अप्रैल – साढ़े आठ बजे रात्रि से नौ बजे रात्रि तक
तीन अप्रैल – साढ़े सात बजे सायं से आठ बजे तक
इस शानदार प्रोजेक्शन को मिले दर्शकों के प्यार और उत्साह को देखते हुये इसे लाल किले का स्थायी कार्यक्रम बना दिया गया है। इसलिये 10 दिनों के महोत्सव के समाप्त होने के बाद भी शो पूरे साल चलता रहेगा।