कुपोषण के खिलाफ जंग में सभी की भागीदारी आवश्यक : मुख्य विकास अधिकारी
पोषण पखवाड़े के अंतर्गत किशोरी मेले का आयोजन
पुष्टाहार प्रदर्शनी लगी और स्वास्थ्य परीक्षण भी हुआ
जालौन : पोषण अभियान के अंतर्गत आयोजित पोषण पखवाड़े के तहत बुधवार को बाल विकास परियोजना कार्यालय परिसर में किशोरी मेला आयोजित हुआ।
मेले का शुभारंभ मुख्य विकास अधिकारी डा. अभय कुमार श्रीवास्तव ने किया। मेले में किशोरी, गर्भवती और धात्री महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण के साथ टीकाकरण भी किया गया। इसके अलावा गोद भराई, अन्नप्राशन कार्यक्रम भी हुआ। डॉ अभय ने कहा कि पोषण माह आयोजित करने का उद्देश्य देश से कुपोषण को भगाना है। इसके लिए सभी की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने शहरी क्षेत्र में चल रहे अभियान की सराहना करते हुए कहा कि जो भी किशोरियां विद्यालय नहीं जाती है, उनकी सीडीपीओ सूची दें।
जिला कार्यक्रम अधिकारी इफ्तेखार अहमद ने कहा कि किशोरी बालिकाएं स्थानीय खाद्य पदार्थों से बने व्यंजनों का उपयोग करें। उनमें पोषक तत्व होते है, पोषक तत्वों के प्रयोग से उनमें एनीमिया (खून की कमी) दूरी होगी और कुपोषण भी दूर भागेगा। जिले में 52.7 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित है तो 15 से 19 वर्ष की 44.2 प्रतिशत एनीमिक है। एनीमिया दूर करने के लिए खानपान और दिनचर्या में सुधार लाना जरूरी है।
बाल विकास परियोजना अधिकारी विमलेश आर्या ने कहा कि समय से सभी का टीकाकरण जरूरी है। साथ ही समय समय पर स्वास्थ्य परीक्षण भी कराना आवश्यक है। इससे शरीर में होने वाली समस्याओं के बारे में पता चल जाता है और उनका समय पर इलाज भी हो जाता है। इस अवसर पर गर्भवतियों और धात्री महिलाओं की जांच की भी गई। इस पर नगरीय टीकाकरण अधिकारी डा. जितेंद्र कुमार, रमाकांत दोहरे, आदर्श तिवारी, मयंक ठाकुर के अलावा रानी, ऊषा, ज्योति, राबिया, अंजना, रेखा समेत आंगनबाड़ी कार्यकत्री मौजूद रहीं। इसके अलावा सभी ब्लाकों में भी किशोरी मेले का खंड विकास अधिकारी, प्रधान और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में किया गया। जहां कार्यक्रम हुए और किशोरी, महिलाओं की जांच की गई।
ढाई साल से ले रही आंगनबाड़ी केंद्र का लाभ
किशोरी मेले में आई नया पटेलनगर निवासी धात्री महिला मंगला कुशवाहा ने बताया कि उनकी दो साल की बेटी है। जैसे ही वह गर्भवती हुई तो मोहल्ले की आंगनबाड़ी श्वेता शर्मा ने उनकी जांच कराई और सभी टीकाकरण भी कराया। समय समय पर पुष्टाहार भी उपलब्ध कराया गया। आज वह और उनकी बेटी स्वस्थ है। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र की गतिविधियों की सराहना की।
आंगनबाड़ी कार्यकत्री की मदद से फिर स्कूल जाना शुरू किया
नया पटेलनगर निवासी किशोरी काजल ने बताया कि उनके पिता बिजली मिस्त्री हैं। चार बहनें और एक भाई है। वह सबसे बड़ी है। घर में आर्थिक तंगी के कारण कक्षा पांच के बाद स्कूल जाना बंद कर दिया था। आंगनबाड़ी कार्यकत्री मीना देवी और सीडीपीओ ने उनका स्कूल में दाखिला कराया। इस साल वह सात में पढ़ रही है। वह नियमित स्कूल जाती है और खुश भी है।