श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि देश में नागरिक उड्डयन के विकास के लिए विमानन क्षेत्र के सभी हितधारकों के साथ सरकार को एक रचनात्मक सहयोगी बनना होगा
पिछले 7 वर्षों में भारतीय नागरिक उड्डयन क्षेत्र में काफी बदलाव आया है : श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया
बहुत सारे परीक्षणों और आपत्तियों से गुजरने के बाद, भारतीय नागरिक उड्डयन क्षेत्र मजबूत, ज्यादा फिट होकर उभर रहा है और चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो रहा है : श्री सिंधिया
श्री सिंधिया ने औपचारिक रूप से विंग्स इंडिया 2022 का उद्घाटन किया
नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज कहा कि सरकार उड्डयन क्षेत्र के सभी हितधारकों के साथ एक रचनात्मक सहयोगी होगी और देश में नागरिक उड्डयन के विकास के लिए उनके साथ काम करेगी। आज हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर विंग्स इंडिया 2022 का औपचारिक उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि, "हम वर्गाकार मेज में विश्वास नहीं करते हैं, हम इस क्षेत्र और समग्र रूप से अपने देश की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अपने मंत्रालय में गोलमेज सम्मेलन में विश्वास करते हैं।"
वाणिज्यिक, सामान्य और व्यावसायिक उड्डयन के लिए एशिया के सबसे बड़े कार्यक्रम विंग्स इंडिया 2022 का आयोजन 'इंडिया@75: न्यू होराइजन फॉर एविएशन इंडस्ट्री' थीम के साथ हो रहा है। कल शुरू हुए इस कार्यक्रम का आयोजन नागरिक उड्डयन मंत्रालय और फिक्की द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।
उद्घाटन सत्र में श्री जीन बैप्टिस्ट डीजेब्बारी, परिवहन राज्य मंत्री, पर्यावरणीय पारगमन मंत्री, फ्रांस; श्री एनगमपासोंग मुओंगमनी, लोक निर्माण और परिवहन उप मंत्री, लाओस; श्री प्रेम बहादुर अली, संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री, नेपाल; डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन, तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल; श्री दुष्यंत चौटाला, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री; और श्री नाकप नालो, नागरिक उड्डयन मंत्री, अरुणाचल प्रदेश शामिल हुए। उद्घाटन सत्र के दौरान मंच पर भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय में सचिव श्री राजीव बंसल, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री संजीव कुमार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्रीमती उषा पाधी, फिक्की नागरिक उड्डयन समिति के अध्यक्ष और एयरबस समूह के अध्यक्ष और एमडी श्री रेमी माइलर्ड मौजूद थे। इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों, विमानन क्षेत्र की विभिन्न कंपनियों के सीईओ और अन्य हितधारकों ने भी भाग लिया।
उद्घाटन के इस अवसर पर श्री सिंधिया ने कहा कि भारतीय विमानन क्षेत्र कोरोना महामारी की अवधि के दौरान बहुत सारे परीक्षणों और आपत्तियों से गुजरा है, लेकिन यह मजबूत, ज्यादा फिट होकर उभर रहा है और चुनौतियों का सामना करने तथा अवसरों का लाभ उठाने के लिए तैयार है। इस क्षेत्र ने लचीलापन दिखाया है और अगले साल तक हम घरेलू यात्रियों की कोविड से पहले की संख्या को पार कर जाएंगे। उन्होंने कहा कि एक दो दिनों में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें पूरी तरह से फिर से शुरू होने जा रही हैं, और भारत से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या भी तेजी से बढ़ेगी।
श्री सिंधिया ने कहा कि विंग्स इंडिया 2022 एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि यह भारतीय स्वतंत्रता के 75वें वर्ष- आजादी का अमृत महोत्सव में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया गति शक्ति का एजेंडा, एक दोतरफा पहल और गति तथा शक्ति देने का ऐसा तालमेल है जो भारत को आने वाले वर्षों तक चलाएगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के विभिन्न विभाग भारत को शक्ति देने के लिए एक साथ आए हैं और, जैसे-जैसे भारत 75 से 100 वर्ष की ओर बढ़ेगा, यह नई शक्ति के रूप में उभरेगा क्योंकि प्रतिमान बदल गया है और बुनियादी ढांचे के विकास पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे का निर्माण केवल आर्थिक केंद्रों तक ही सीमित नहीं है बल्कि देश के सभी हिस्सों में सभी के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में 3.1 का आर्थिक गुणक और 6.1 का रोजगार गुणक है। इसका मतलब है कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र में एक रुपये का निवेश लंबे समय में अर्थव्यवस्था में 3.1 रुपये जोड़ता है, और प्रत्येक प्रत्यक्ष रोजगार के लिए 6.1 अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होते हैं। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन दुनिया में सबसे बड़े रोजगार और आउटपुट देने वाले क्षेत्रों में से एक है।
पिछले 7 वर्षों में भारतीय नागरिक उड्डयन क्षेत्र में हुए बदलाव के बारे में बात करते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता नागरिक उड्डयन बाजार है। देश में हवाई अड्डों की संख्या 2013-14 में 74 से बढ़कर लगभग 140 (हेलीपोर्ट और पानी के गुंबदों सहित) के साथ क्षेत्र में चतुर्दिक विस्तार हुआ है। इस संख्या के 2024-25 तक 220 तक जाने की संभावना है। उस समय देश में 400 विमान थे और 7 साल में यह संख्या बढ़कर 710 हो गई है। सरकार का यह इरादा है कि हर साल 100 से अधिक विमान शामिल हों। उन्होंने कहा कि लास्ट माइल कनेक्टिविटी (कोई जगह छूट न जाए) के प्रावधान के साथ सरकार का ध्यान रीजनल कनेक्टिविटी पर है। श्री सिंधिया ने कहा कि उड़ान (यूडीएएन) हर एक नागरिक को जोड़ने और आम आदमी के लिए उड़ानों को सुलभ बनाने का एक मिशन है। उन्होंने कहा कि, "हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहां में उड़ पाए।" उड़ान (यूडीएएन) योजना के लिए प्रधान मंत्री के विज़न को रेखांकित करते हुए उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 409 से अधिक मार्गों की पहचान की गई है, 1.75 लाख से अधिक उड़ानें हुई हैं और 91 लाख से अधिक यात्री लाभान्वित हुए हैं।
केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने कहा कि नागरिक उड्डयन परितंत्र में कार्गो, एमआरओ, एफटीओ, ग्राउंड हैंडलर, ड्रोन जैसे अन्य घटक शामिल हैं और इन सबके लिए आवश्यक काम किया जा रहा है। एमआरओ के लिए नई नीति की घोषणा की गई है। और अधिक प्रशिक्षण केंद्र बनाए जा रहे हैं ताकि भारतीय पायलटों को देश के भीतर ही प्रशिक्षित किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय पायलटों में 15% महिला पायलट हैं, जो वैश्विक औसत का तीन गुना है। उन्होंने कहा कि ड्रोन के लिए नई नीति की घोषणा कर दी गई है और पीएलआई योजना शुरू की गई है, ताकि भारत को इस क्षेत्र में वैश्विक अगुवा बनाने के प्रधान मंत्री के सपने को साकार किया जा सके। श्री सिंधिया ने यह भी कहा कि नई हेलीकॉप्टर नीति की भी घोषणा की गई है।
नागरिक उड्डयन सचिव श्री राजीव बंसल ने बताया कि भारत की उड़ान (यूडीएएन) योजना श्रेणी 3 और श्रेणी 4 शहरों तक पहुंच रही है, जिससे बड़ी संख्या में भारतीय लोग कहीं जाने के लिए हवाई यात्रा कर सकेंगे।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने नॉलेज पेपर का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और पवन हंस लिमिटेड (पीएचएल) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
केंद्रीय मंत्री ने लघु विमान उप-योजना का भी शुभारंभ किया। इसका प्राथमिक उद्देश्य छोटे विमानों (समुद्री विमानों सहित) के माध्यम से संचालन पर विशेष ध्यान देने के साथ एक विकास-उन्मुख ढांचा बनाकर क्षेत्रीय हवाई संपर्क को सुविधाजनक बनाना और इसे प्रोत्साहित करना है। यह योजना इस पहल की सफलता की दिशा में सहयोग करने के लिए राज्यों, एयरलाइंस, हवाईअड्डा ऑपरेटरों और नीति निर्माताओं जैसे प्रासंगिक हितधारकों को एक साथ लाने के लिए आवश्यक ढांचा प्रदान करके देश में छोटे विमान संचालन के लिए एक परितंत्र के निर्माण की सुविधा प्रदान करने का इरादा रखती है।
श्री सिंधिया ने शैले (लकड़ी का बंगला) का दौरा किया और एयरफोर्स, सारंग टीम द्वारा एरोबेटिक्स का प्रदर्शन देखा।
श्री सिंधिया ने स्थिर प्रदर्शन क्षेत्र भी देखा जिसमें एयरबस 350 से लेकर छोटे एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर तक कई प्रकार के विमान दिखाई दिए।
केंद्रीय मंत्री ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जिसमें भाग लेने वालों में विमान और हेलीकॉप्टर निर्माता, एयरक्राफ्ट इंटीरियर्स, एयरक्राफ्ट मशीनरी और उपकरण कंपनियां, हवाईअड्डा इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियां, ड्रोन, कौशल विकास, अंतरिक्ष उद्योग, एयरलाइंस, एयरलाइन सेवाएं और कार्गो शामिल हैं।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने ग्लोबल सीईओ फोरम में भी हिस्सा लिया।