पिछले सात वर्षों में महाराष्ट्र में 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य किए गए हैं : केंद्रीय परिवहन मंत्री

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने महाराष्ट्र के सांगली में 2,334 करोड़ रुपये लागत की दो राजमार्ग परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं

पिछले सात वर्षों में महाराष्ट्र में 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य किए गए हैं: केंद्रीय परिवहन मंत्री


केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के सांगली में 2,334 करोड़ रुपये लागत की दो राजमार्ग परियोजनाएंआज राष्ट्र को समर्पित कीं। समर्पित की गई राजमार्ग परियोजनाओं के दो खंडों की कुल लंबाई 96.78 किलोमीटर है।


इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने बताया कि पिछले सात वर्षों में महाराष्ट्र में सड़कों, पत्तनों, पोत परिवहन, लघु उद्योगों और सिंचाई के क्षेत्रों में 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कार्य किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि उनका प्रयास महाराष्ट्र को देश का सबसे शीर्ष राज्य बनाने का है।


श्री गडकरी ने राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद सांगली में एक सभा को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने अगले तीन से चार महीने में टेंडर जारी कर सांगली से पेठ रोड पर काम शुरू करने का वादा किया। श्री गडकरी ने कहा कि पिछले सात वर्षों में सांगली जिले में सड़कों की लंबाई साढ़े तीन गुना बढ़ाई गई है।


इसके अलावा केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने पुणे और बेंगलुरु के बीच बन रहे नए राष्ट्रीय राजमार्ग का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि यह 699 किलोमीटर लंबा हरित राजमार्ग है, जो सांगली, सतारा और कोल्हापुर जिलों के पिछड़े इलाकों से होकर गुजरेगा और इससे क्षेत्र को काफी लाभ होगा।


एनएच-166 के बोरगांव-वातांबरे खंड के चार लेन का निर्माण


बोरगांव-वातांबरे खंड, राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-166 के सांगली से सोलापुर खंड का एक हिस्सा है। सांगली से सोलापुर खंड रत्नागिरी को नागपुर से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो सोलापुर शहर से होकर गुजरती है। महाराष्ट्र के 11 जिलों से गुजरने वाला यह राजमार्ग कोंकण, पश्चिमी महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्र को जोड़ने वाली सबसे छोटा लिंक (पूर्व-पश्चिम) है। सांगली (182/556 किलोमीटर) से सोलापुर (378/100 किलोमीटर) तक पूरे खंड के लिए निर्मित राजमार्ग कठिन फुटपाथ का है।


इन परियोजनाओं के लाभ:


ईंधन की खपत और यात्रा के समय में कमी आएगी

दुर्घटनाओं में कमी आएगी

यात्रा में आसानी होगी

कृषि उपज का आसान परिवहन होगा

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इस राष्ट्रीय राजमार्ग का उन्नयन सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड और बजटीय आवंटन के माध्यम से किया था। भारतमाला परियोजना के तहत एनएचएआई ने हाइब्रिड वार्षिकी मोड (एचएएम) के माध्यम से एनएच-166 के सांगली से सोलापुर के बीच के खंड का काम लिया है।


एनएच- 965जी के संगोला- जथ खंड का पुनर्वास और उन्नयन


केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज संगोला से जथ खंड (185/339 किलोमीटर से 230/123 किलोमीटर तक) को भी राष्ट्र को समर्पित किया। इस परियोजना के आस-पास का क्षेत्र अनार उत्पादन के लिए जाना जाता है। इसके अलावा जथ में सबसे बड़े पशु मेलों में से एक का आयोजन होता है। एनएच-965जी पाटस से शुरू होकर जथ पर समाप्त होता है। इसकी कुल लंबाई 230.123 किलोमीटर है और यह इंदापुर, बारामती, अकलुज, संगोला व जठ शहरों को कवर करता है। इस निर्मित राजमार्ग का संगोला (185/339 किलोमीटर) से जथ (230/123 किलोमीटर) तक का पूरा खंड कठिन फुटपाथ का है।


सांगली जिले को महाराष्ट्र के हल्दी शहर के रूप में भी जाना जाता है। यह मसाले के उत्पादन और व्यापार के लिए प्रसिद्ध है। यहां कई चीनी मिलें हैं। इसके अलावा सांगोला और जथ का ऐतिहासिक महत्व भी है। वहीं, संगोला अनार के उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है। सोलापुरी चादरों और तौलियों की भारत के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर भी एक विशेष पहचान है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS