राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (16 मार्च) पर विशेष
नौनिहालों को टीकाकरण की सौगात, बीमारियों को दे मात
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे की रिपोर्ट में जनपद की स्थिति सुधरी
बच्चों को छह जानलेवा बीमारियों से बचाव को लगाए जाते हैं टीके
जालौन : मासूमों की मुस्कान और तोतली बोली से ही हर घर रोशन होते हैं। जन्म से लेकर एक साल तक का समय मासूमों को छह जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए महत्वपूर्ण समय होता है। इसमें की गई चूक बच्चों की जान पर भारी पड़ सकती है। यदि किन्हीं कारणों से बच्चे टीकाकरण से वंचित रह गए हैं तो तुरंत स्वास्थ्य कार्यकर्ता या फिर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और जितना जल्दी हो सके बच्चों को बीमारियों से बचाव के टीके लगवा देने चाहिए। हालांकि जनपद की स्थिति टीकाकरण के मामले में बेहतर है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार इसमें साल दर साल सुधार हुआ है।
क्या है टीकाकरण
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह ने बताया कि बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ााने को लेकर टीके लगाए जाते हैंए जिससे बच्चों के शरीर में रोगों से लडऩे की क्षमता बढ़ती है। टीकाकरण से बच्चों को छह गंभीर संक्रामक रोगों से बचाया जाता है। इन रोगों की वजह से प्रतिदिन हजारों बच्चों की जान चली जाती है या वह अपंग हो जाते हैं। इन रोगों में खसरा, टिटनेस, पोलियो, टीबी, गलघोंटू, काली खांसी, हेपेटाइटिस बी जैसे रोग हैं। पोलियो के अतिरिक्त सभी टीके इंजेक्शन द्वारा दिए जाते है।
गर्भवती को लगते टिटनेस से बचाव के टीके
जिला महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ एसके पाल का कहना है कि गर्भवती को टिटनेस के टीके लगाकर उन्हें व उनके नवजात शिशुओं को टिटनेस से बचाया जाता है।
याद रखे
1. बच्चों मे बीसीजी का टीका, डीपीटी के टीके की तीन खुराके, पोलियो की तीन खुराकें व खसरे का टीका उनकी पहली वर्षगांठ से पहले अवश्य लगवा लेना चाहिए।
2. यदि भूलवश कोई टीका छूट गया है तो याद आते ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता चिकित्सक से संपर्क कर टीका लगवाएं। यह सभी टीके उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला महिला अस्पताल पर निशुल्क उपलब्ध हैं।
3. टीके तभी पूरी तरह से असरदार होते हैं जब सभी टीकों का पूरा कोर्स सही उम्र पर दिया जाए।
4. मामूली खांसी, सर्दी, दस्त और बुखार की अवस्था में भी यह सभी टीके लगवाना सुरक्षित है।
क्या कहता है जनपद का राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे.05
1. 90.3 प्रतिशत बच्चों को 12 स 23 माह की उम्र में बीसीजी से बचाव का टीका लगाया जा रहा है।
2. 12 से 23 माह के 71.7 फीसदी बच्चे पोलियो की खुराक ले चुके होते हैं। जबकि इससे पूर्व यही आंकड़ा 61.3 फीसदी का था।
3. इसी आयुवर्ग के पब्लिक हेल्थ फैकल्टी में अब शत प्रतिशत टीकाकरण हो रहा है। पहले यह आकंड़ा 96.2 प्रतिशत था।
बच्चों का टीकाकरण आज से होगा
उरई। सीएमओ डॉ एनडी शर्मा ने बताया कि 12 से 14 वर्ष के ऐसे बच्चे जिनका जन्मवर्ष 2008, 2009 व 2010 है, को कोविड वैक्सीन का टीकाकरण 16 मार्च से लगाया जाएगा। टीकाकरण के लिए को वैक्सीन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराकर जिला अस्पताल, महिला अस्पताल और राजकीय मेडिकल कालेज में सुबह दस बजे से टीकाकरण कराया जा सकता है। सीएमओ ने कहा कि वैक्सीन सुरक्षित और असरदार है। सभी टीकाकरण कराए।