केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बसोहली, कठुआ में 'सुशासन सप्ताह' पर आयोजित सम्मेलन में भाग लिया
'सभी के लिए न्याय, तुष्टिकरण किसी का नहीं' मोदी सरकार का सिद्धांत है : डॉ. जितेंद्र सिंह
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि जम्मू-कश्मीर में जमीनी लोकतंत्र को मजबूत किया गया है क्योंकि जम्मू-कश्मीर में डीडीसी चुनाव कराने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई जो जम्मू-कश्मीर में कई दशकों से लंबित था।. यह इस बात का प्रमाण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के स्तंभों को मजबूती प्रदान की है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के कठुआ के बसोहली में कठुआ जिला प्रशासन द्वारा आयोजित 'सुशासन सप्ताह' पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि समावेशी विकास के मामले में एक बड़ा बदलाव अब जमीनी स्तर पर दिखाई दे रहा है जो सरकार के मंत्र 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' और ‘सबके लिए न्याय, तुष्टिकरण किसी का नहीं' के सिद्धांत को दर्शाता है। डॉ. सिंह ने कहा कि देश में एक नई राजनीतिक संस्कृति की स्थापना हुई है जो बिना किसी भेदभाव के 'सबके लिए समानता' पर आधारित है। उन्होंने कहा कि इस नई राजनीतिक संस्कृति के साथ हर स्तर पर विशेषकर शासन में सभी संवैधानिक मूल्यों और सिद्धांतों का पालन किया जा रहा है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शाहपुर कंडी बांध परियोजना में व्यक्तिगत रुचि ली है और उनके निजी हस्तक्षेप से ही 45 साल बाद इस परियोजना पर काम फिर से शुरू हुआ है जो पहले किसी न किसी कारण से रुका हुआ था. यह कहते हुए कि भारत में दुनिया की 70 प्रतिशत से अधिक युवा आबादी है, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि शासन और सिविल सेवाओं के स्तर पर नए भारत के निर्माण के लिए उनकी ऊर्जाशीलता और उत्साह की आवश्यकता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि विकास केवल कुछ स्थानों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि यह दूर-दराज के क्षेत्रों में भी होना चाहिए जहां विकास की केवल बात की जाती थी लेकिन कभी किया नहीं गया। विभिन्न विकास परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि शाहपुर-कंडी परियोजना को 40 वर्षों के बाद पुनर्जीवित किया गया है, उत्तर भारत का पहला रस्सा-धारित पुल अटल सेतु, कीड़ियां-गंडियाल में जम्मू-कश्मीर का पहला अंतर-राज्यीय पुल, उत्तर भारत का पहला बायो-टेक औद्योगिक पार्क, दिल्ली से कटरा होते हुए कठुआ तक उत्तर भारत का पहला एक्सप्रेस रोड कॉरिडोर, लखनपुर-बनी-बसोहली-डोडा से छतरगला सुरंग के माध्यम से नया राष्ट्रीय राजमार्ग, केंद्र द्वारा वित्त पोषित सरकारी मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, डिग्री कॉलेज आदि ने पहले ही कठुआ को भारत के सबसे महत्त्वपूर्ण जिलों में से एक बना दिया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने आरएमएसए के तहत सरकारी उच्च विद्यालय, बसोहली में बनने वाले 100 बिस्तरों वाले बालिका छात्रावास, पीएमजीएसवाई के तहत मशका, मंडली और केहंता में कई विकास परियोजनाओं, स्तूरा और बडाला में लंबी सड़क और माशका और घाटी में मेहराब के आकार वाले इस्पात पुलों का भी उद्घाटन किया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने लाडली बेटी योजना एवं राज्य विवाह सहायता योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को चेक वितरित किये, उद्यान विभाग के लाभार्थियों को ट्रैक्टरों की चाबी प्रदान की और जिले के कई विद्यार्थियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया और उन्हें खेल किट प्रदान की।
सम्मेलन में कठुआ जिला के बीडीसी, डीडीसी सदस्यों, सरपंचों और पंचों के अलावा डीडीसी, कठुआ के अध्यक्ष कर्नल महान सिंह, डीडीसी के उपाध्यक्ष श्री रघुनंदन सिंह बबलू और कठुआ के उपायुक्त श्री राहुल यादव शामिल हुए।