- राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत पहलों की श्रृंखला में 10 बिस्तरों वाले दस नए आयुष अस्पतालों की स्थापना, कोटद्वार में 50 बिस्तरों वाले उन्नत सरकारी आयुष अस्पताल, पिरनकलियार में 50 बिस्तरों वाले यूनानी अस्पताल शामिल है।
- राज्य में पहले से मौजूद आयुष केंद्रों के अलावा 100 नए आयुष स्वास्थ्य केंद्र बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने ये घोषणाएं उत्तराखंड राज्य सरकार की पहल आयुष संवाद कार्यक्रम में की।
आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने उत्तराखंड में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और आयुष सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदमों की घोषणा की
आयुष मंत्रालय ने आज उत्तराखंड राज्य में आयुष के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई पहलों की घोषणा की। राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) योजना के तहत घोषित इन पहलों से राज्य में आयुर्वेद, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा, हर्बल दवाओं और आयुष उद्योग के विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। उत्तराखंड में प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता रही है और उसे आयुष विधियों से इलाज की समृद्ध परंपराओं से नवाजा गया है। उत्तराखंड में इस क्षेत्र के लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों में योगदान करने की क्षमता है।
‘आयुष संवाद’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय आयुष, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्य में आयुष के बुनियादी ढांचे के विस्तार और उन्नयन के लिए कई पहलों की घोषणा की। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए श्री सोनोवाल ने कहा कि अगले दशक में उत्तराखंड में आयुष और पर्यटन क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने राज्य में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है और उत्तराखंड को एक प्रगतिशील राज्य बनाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अवसरों की भूमि है और अपनी समृद्ध जैव विविधता के कारण इसमें राज्य के समग्र विकास में योगदान करने की काफी संभावनाएं हैं। समग्र बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से, राज्य सरकार के साथ मिलकर भारत सरकार उत्तराखंड घाटी में विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिए ठोस कदम उठाएगी।
केंद्रीय मंत्री श्री सोनोवाल ने कहा, “आज घोषित की गई पहल और बढ़े हुए निवेश से आयुष क्षेत्र के विकास में तेजी लाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, प्रमुख आयुर्वेदिक शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में एक 'मर्म चिकित्सा' प्रशिक्षण केंद्र देश के लिए नोडल केंद्र के रूप में बनाया जाएगा, जो देश और दुनिया के छात्रों को आयुर्वेद में विशेषज्ञता हासिल करने में मदद करेगा। इस मंच के माध्यम से, मैं सभी लोगों से ‘एक राष्ट्र एक भारत’ के विचार को साकार करने की दिशा में काम करने का आग्रह करता हूं।”
आज की अन्य घोषणाओं में राज्य में 10 बिस्तरों वाले अस्पतालों की स्थापना, कोटद्वार में 50 बिस्तरों वाले उन्नत आयुष अस्पताल, हरिद्वार के पिरनकलियार में 50 बिस्तरों वाला यूनानी अस्पताल, दोईवाला में सरकारी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना, आम जनता के लिए आयुष सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रत्येक जिले में मोबाइल आयुष इकाइयों (आयुष रथ) का प्रावधान, जनता तक आयुष सेवाओं की पहुंच और उपलब्धता बढ़ाने के लिए पहले से मौजूद वेलनेस केंद्रों के अलावा 100 और आयुष वेलनेस (स्वास्थ्य) केंद्र स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता शामिल है।
कार्यक्रम के दौरान यह भी घोषणा की गई कि आमतौर पर उपलब्ध औषधीय पौधों के उपयोग को लोकप्रिय बनाने के लिए राष्ट्रीय औषधीय पौधा बोर्ड (एनएमपीबी) छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए 200 स्कूल हर्बल गार्डन को मदद करेगा; एनएमपीबी उत्तराखंड में किसानों को गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री प्रदान करने के लिए 13 जिलों में 13 नर्सरी की मदद करेगा; औषधीय पौधों के लिए मूल्य संवर्धन, सुखाने, भंडारण और विपणन के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए स्थानीय क्लस्टर स्थापित करने के लिए प्रति किसान समूह 15 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी और 'मर्म चिकित्सा' में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय को देश के लिए नोडल केंद्र बनाया जाएगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा कि उत्तराखंड की सरकार पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में क्षमता और संसाधनों के निर्माण और उन्हें मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन को पूरा सहयोग देगी। उन्होंने कहा कि हम उत्तराखंड का 25वां स्थापना दिवस मनाने जा रहे हैं, ऐसे में हमने राज्य के विकास के लिए एक रोड मैप तैयार किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से उत्तराखंड आयुष, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में देश के प्रगतिशील राज्यों में से एक होगा।