जालौन : अपने सामने ही लोगों को खिलाएं फाइलेरिया से बचाव की दवा : डॉ. एनडी शर्मा
अब तक छह लाख से अधिक लोग कर चुके हैं फाइलेरिया की दवा का सेवन
जालौन : फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत चलाए जा रहे सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम में घर घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जा रही है। 22 नवम्बर से चल रहे कार्यक्रम के तहत अब तक छह लाख से अधिक लोगों को दवा खिलाई जा चुकी है। अभियान में लगी टीमों से कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति के हाथ में दवा न दें। अपने सामने ही दवा खिलाएं । यदि किसी टीम की यह शिकायत आती है कि उन्होंने लाभार्थी को दवा अपने सामने खिलाने में लापरवाही बरती तो संबंधित टीम के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह बात मुख्य विकास अधिकारी डा. एनडी शर्मा ने कही।
डॉ. शर्मा ने बताया कि जिले में 18.90 लाख से अधिक लोगों को दवा खिलाने के लिए 1431 टीमें लगाई गई है। 243 पर्यवेक्षक भी बनाए गए हैं। कुल 3॰16 लाख से अधिक घरों में जाकर दवा खिलाने का अभियान जारी है। एक दिसंबर तक शहरी क्षेत्र एवं सभी नौ ब्लाकों में 6॰23 लाख से अधिक लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अभियान की रोजाना मानीटरिंग की जा रही है।
वेक्टर बार्न डिजीज के नोडल अधिकारी डा. एसडी चौधरी ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करना बहुत जरूरी है। यह मच्छर काटने से फैलने वाली बीमारी है, इसमें यदि संक्रमित मच्छर किसी को काट लेता है तो उसे फाइलेरिया (हाथीपांव) की बीमारी हो जाती है। जो व्यक्तिके जीवन को दुष्कर बना देती है। इसलिए खुद और परिवार एवं समाज के बचाव के लिए फाइलेरिया की दवा का सेवन खुद करें और दूसरों को भी प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि गर्भवती और दो साल से कम उम्र के बच्चों और गंभीर रुप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर हर व्यक्ति को दवा का सेवन करना है। यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है। यदि किसी व्यक्ति को चक्कर, खुजली या जी मिचलाने की समस्या आती है तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति में माइक्रो फाइलेरिया के बैक्टीरिया थे, जो दवा के असर से खत्म हो रहे है। लिहाजा सभी को साल में एक बार दवा का सेवन करना जरूरी है।