जालौन : प्रशिक्षण में सिखाया, कैसे करें, फाइलेरिया रोगियों का उपचार
जालौन : राष्ट्रीय फाइलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत पाथ संस्था के सहयोग से सीएमओ कार्यालय स्थित अचल प्रशिक्षण केंद्र में एक दिवसीय फाइलेरिया रोगियों के लिए रोगियों की संख्याप्रबंधन (मोर्बिडिटी मैनेजमेंट) कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें ब्लाक स्तरीय चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण दिया गया।
वेक्टर बोर्न के नोडल अधिकारी डा. एसडी चौधरी ने बताया कि फाइलेरिया का रोग क्यूलेक्स मच्छर से फैलने वाला रोग है। यह रोग जिसे भी हो जाता है, उसका जीवन बेहद कष्टप्रद हो जाता है लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इसके इलाज के इंतजाम किए है ताकि रोगी का जीवन कष्टकारक न हो। यह रोग हो जाने के बाद उसे समाप्त तो नहीं किया जा सकता है लेकिन रोग को कम करने में मदद की जा सकती है।
पाथ संस्था के क्षेत्रीय नोडल अधिकारी डा. मानस शर्मा ने बताया कि किसी रोगी को यदि फाइलेरिया हो जाता है तो उसे समुचित उपचार करना होता है। सबसे पहले 12 दिन का डाक्टरों द्वारा बताया गया कोर्स पूरा करें। इसके बाद जहां भी फाइलेरिया रोग सबसे ज्यादा है, उस स्थान की नियमित सफाई करें। साथ ही डाक्टरों द्वारा बताई गई व्यायाम को भी करें। जो भी दवा दी जा रही है, उसका भी समय से सेवन करें। इसमें किसीतरह की लापरवाही न बरतें।
जिला मलेरिया अधिकारी डा. जीएस स्वर्णकार ने बताया कि फाइलेरिया से प्रभावित क्षेत्रों की चिह्नीकरण हो गया है। वहां जितने रोगी मिले है, उन रोगों के इलाज और उनके रोग के प्रबंधन के लिए जल्द ही ब्लाक स्तर पर कैंप लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोगियों के लिए कैंप लगाकर किट बांटी जाएगी जबकि हाइड्रोसील वाले मरीजों के आपरेशन के लिए निशुल्क कैंप लगेंगे। इसके लिए माइक्रोप्लान तैयार किया जा रहा है।
इस दौरान फाइलेरिया निरीक्षक मैत्रेय प्रभाकर, सुरजीत सिंह, आशुतोष, जितेंद्र, रामप्रकाश, विजय, मुनीष शर्मा, विनय चतुर्वेदी के अलावा बीसीपीएम, बीपीएम आदि सुपरवाइजर मौजूद रहे। शिविर में आए दो फाइलेरिया मरीजों के उपचार का प्रबंधन भी किया गया।