खान मंत्रालय ने उर्वरक और अपेक्षित खनिजों की खोज और उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया
इस वर्ष राज्य सरकारों को कुल 152 संभावित खनिज ब्लॉक रिपोर्ट सौंपी गईं
भारत की विशाल खनिज क्षमता को खोज के जरिए प्रकट करने के हिस्से के रूप में,इस वर्ष खान मंत्रालय ने अब तक विभिन्न राज्य सरकारों को 152 खनिज ब्लॉक रिपोर्ट सौंपी है। केंद्रीय कोयला,खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने कल खान और खनिज पर राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) द्वारा अनुमोदित 52 संभावित जी-4 खनिज ब्लॉक 15 राज्य सरकारों को सौंपे हैं।
खनिज ब्लॉक रिपोर्ट प्राप्त करने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश (8), छत्तीसगढ़ (6), कर्नाटक (7), महाराष्ट्र (6), ओडिशा (5), राजस्थान (5), झारखंड (5), गुजरात (2), तमिलनाडु (2), तेलंगाना (1), बिहार (1), असम (1), अरुणाचल प्रदेश (1),आंध्र प्रदेश (1)और हिमाचल प्रदेश (1) है। जीएसआई पहचान की गई खनिज क्षमता में लौह खनिजों का समूह,कीमती धातु और खनिज,अलौह और अपेक्षित खनिज,औद्योगिक और उर्वरक खनिज शामिल हैं।
जी-4 चरण के ब्लॉक टोही सर्वेक्षण के नतीजों से संचालित होते हैं और हितधारकों के समग्र भागीदारी के लिए थोक खनिजों, अपेक्षित और महत्वपूर्ण खनिजों, उत्कृष्ट धातुओं के विकास के लिए खनिज उद्योग कीमदद करते हैं। देश की कृषि अर्थव्यवस्था को मदद देने के लिए उर्वरक खनिजों की खोज और उत्पादन के लिए पोटाश और फॉस्फोराइट ब्लॉकों को बाहर लाने पर विशेष ध्यान दिया गया।
इससे पहले इस साल सितंबर महीने में खान मंत्रालय 100 संभावित खनिज ब्लॉक की रिपोर्ट विभिन्न राज्य सरकारों को सौंप चुका है। खनिज खनन तीव्र औद्योगीकरण का मार्ग प्रशस्त करता है और तीव्र गति से अवसंरचनात्मक विकास को सुगम बनाता है। भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक स्थायी खनिज खनन सेक्टर की आवश्यकता है। केंद्र सरकार ने एक प्रतिस्पर्धी और प्रगतिशील खनन क्षेत्र के निर्माण के लिएपिछले सात वर्षों के दौरान कई नवीन सुधार किए हैं।