फाइलेरिया से बचाव को दवा का सेवन जरूरी
घर-घर जाकर इस बारे में जागरूक कर रही स्वास्थ्य विभाग की टीम
सीएमओ बोले - अपने सामने ही कराएं दवा का सेवन
नोडल अधिकारी ने कहा कि 1431 टीम लगी हैं अभियान में
जालौन : फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत चलाए जा रहे मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम के दूसरे दिन मंगलवार को घर- घर दवा खिलाने का अभियान जारी रहा। स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों को दवा के लाभ बताकर दवा खाने के लिए प्रेरित कर रही है। टीम में शामिल आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लोगों को अपने सामने दवा खिलाने का काम कर रही हैं । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. नरेंद्र देव शर्मा का कहना है कि टीम को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने सामने ही लोगों को दवा खिलाएं । किसी को हाथ में बाद में खाने के लिए दवा न दें। दवा खिलाने के बाद कुछ देर रुककर भी देख लें कि दवा का क्या प्रभाव हो रहा है।
वेक्टर बार्न डिजीज कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. एसडी चौधरी ने बताया कि सभी 1431 टीम पूरी सक्रियता से काम कर रही हैं । यह घर घर दवा खिलाने का काम कर रही हैं । दस दिवसीय अभियान में जिले की 18 लाख से अधिक आबादी को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। पहले दिन उरई शहर के बजरिया में कुछ जगह लोगों ने दवा सेवन से इंकार कर दिया था। इसके लिए उस मोहल्ले के धर्मगुरुओं से बात कर दवा खाने के लिए प्रेरित किया गया है। उन्होंने बताया कि शत प्रतिशत लोगों को दवा सेवन कराने के लिए राजनैतिक दलों के लोगों के साथ धर्मगुरुओं की भी मदद ली जा रही है। प्रधान और कोटेदार से भी कहा जा रहा है कि वह लोगों को दवा सेवन के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि पीसीआई, पाथ संस्था के प्रतिनिधि भी लोगों को दवा खिलाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। अभियान की रोजाना मानीटरिंग की जा रही है। फाइलेरिया रोग को आमतौर पर हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है। यह मच्छर के काटने से फैलने वाला रोग है। इससे पैर या अंडकोष में सूजन आ जाती है। यदि एक बार यह बीमारी हो जाती है को व्यक्ति का जीवन दुष्कर हो जाता है। बीमारी से बचाव के लिए साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करना जरूरी है। कदौरा ब्लाक के मंगराया की आशा कार्यकर्ता कैलाशी ने बताया कि लोगों को समझा बुझाकर दवा खिलाई जा रही है। कई लोग कहते है कि दवा हाथ में दे दों, बाद में खा लेंगे लेकिन अधिकारियों के स्पष्ट निर्देश है कि किसी को हाथ में दवा नहीं देनी है, लिहाजा अपने सामने ही दवा का सेवन कराया जा रहा है।