जालौन : घर - घर चले अभियान में खोजे गए 17 नए टीबी मरीज

घर - घर चले अभियान में खोजे गए 17 नए टीबी मरीज 
अभियान के तीन चरण पूरे, चौथा चरण शुरू

जालौन : राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत चलाये गए विशेष अभियान में स्वास्थ्य विभाग की टीम  ने 17 नए टीबी रोगियों की पहचान की है। टीबी रोगियों की खोज के लिए चल रहे अभियान के तीन चरण पूरे हो गए हैं। अलग - अलग चले अभियान में 5702 लोंगो की स्क्रीनिंग की गयी,  जिसमें जांच के बाद 17 क्षय रोगियों की पहचान हुई |  इन सभी का इलाज भी शुरू कर दिया गया है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सुग्रीवबाबू ने बताया कि पहला अभियान दो  से छह सितंबर तक चला, जिसके तहत  वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, जिला जेल व अंध विद्यालय में सर्वे किया गया ।  इसमें 22 लोगों की जांच की गई थी,  जिसमें वृद्धाश्रम में एक और जेल में एक में क्षय रोग की पुष्टि हुई | इसके बाद दूसरा चरण  सात से 16 सितंबर तक चला । इस चरण में जिले के सभी ब्लाक में  अभियान चलाया गया, जिसमें कोंच ब्लाक में दो, माधौगढ़,  नदीगांव व महेबा ब्लाक में एक - एक और कुठौंद ब्लाक में तीन मरीज खोजे गए। इस अभियान में 69 लोगों की जांच की गई थी,  जिसमें आठ मरीज चिह्नित किए गए थे। इसके बाद तीसरा चरण 17  से 30 सितंबर तक चलाया गया। इस अभियान में सब्जी मंडी, फल मंडी, श्रमिक बाजार, निर्माण स्थल बाजार, ईटा भट्ठा , स्टोन क्रेशर, साप्ताहिक बाजार आदि स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने जाकर 4563 लोगों की स्क्रीनिंग की।  इसमें लक्षण वाले 129 लोगों की जांच कराई गई,  जिसमें फल मंडी व श्रमिक बाजार में दो - दो, ईट भट्ठा , स्टोन क्रेशर साइट में एक एक मरीज मिले । इस चरण में सात  मरीज मिले है।

डा. सुग्रीवबाबू ने बताया कि यह अभियान चार चरणों में चलाया जा रहा है। तीन चरण पूरे हो चुके है। अब चौथा चरण एक अक्टूबर से शुरु हो गया है और यह चरण 31 अक्टूबर तक चलेगा। इस चरण में प्राइवेट क्षेत्र के डाक्टरों व मेडिकल स्टोर पर आने वाले मरीजों को चिह्नित करने का काम होगा। चिह्नित मरीजों को विभागीय पोर्टल पर पंजीकृत करने के बाद उन्हें निक्षय पोषण योजना के तहत पांच सौ रुपये प्रतिमाह के हिसाब से पोषण धनराशि  उनके खाते में भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि किसी को दस दिन से ज्यादा समय से खांसी आ रही हो या फिर बुखार और वजन कम हो रहा हो, ऐसे लोग अपनी टीबी की जांच जरूर करा लें ताकि यदि उनमें लक्षण आ रहे हों  तो उनका समय से इलाज कर उन्हें टीबी रोग से बचाया जा सके।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS