अवैध हथियारों और नशीले पदार्थो की तस्करी में ड्रोन का उपयोग नई चुनौती है: श्री नायडू
BSF शांति के दुश्मनों के दुस्साहस को विफल करने में सक्षम है: उपराष्ट्रपति ने भरोसा जताया
उपराष्ट्रपति ने जोधपुर में BSF के अधिकारियों को संबोधित किया
उपराष्ट्रपति ने ICAR के जोधपुर स्थित सेंट्रल इरिड जोन रिसर्च इंस्टीट्यूट, कजारी का दौरा किया और वैज्ञानिकों से बात की
वैज्ञानिकों से किसानों की समस्याओं के नये समाधान खोजने को कहा
वैज्ञानिक वैज्ञानिक तकनीकी और पारंपरिक पद्धति दोनों को मिला कर कृषि को स्थाई और उपादेय बनाएं
लोकलुभावन घोषणाओं से किसानों की लंबित समस्याओं का दीर्घ कालीन समाधान नहीं होगा : उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने आज यहां कहा कि हमारे पड़ोस में बदलती भू राजनैतिक स्थिति हमारी सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों के लिए नई चुनौती पैदा कर रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि बीएसएफ शांति के दुश्मनों की कुटिल चालों को विफल करने में सक्षम है। उन्होंने चिंता जताई कि अवैध हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी में ड्रोन का प्रयोग एक नई चुनौती है।
वे आज जोधपुर में बीएसएफ के जोधपुर फ्रंटियर के मुख्यालय पर बीएसएफ के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि 1965 से विगत 56 वर्षों में बीएसएफ ने देश की रक्षा और सेवा में सराहनीय योगदान किया है। 1971 के भारत पाक युद्ध में बीएसएफ ने पूर्वी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर अपने शौर्य का लोहा मनवाया था।
उन्होंने कहा कि सीमावार से आतंकवादी घुसपैठ और देश के विभिन्न भागों में आतंकवादी हिंसा के खिलाफ बीएसएफ ने अपनी क्षमता का बखूबी परिचय दिया है और वर्तमान में भी ओडिशा और छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ अभियान में भाग ले रही है। उन्होंने इस अवसर पर देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलदान करने वाले बीएसएफ के साहसी जवानों को श्रद्धांजलि दी।
उपराष्ट्रपति ने प्राकृतिक आपदा के समय भी मुसीबत में फंसे नागरिकों को राहत मदद पहुंचाने में बीएसएफ की भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने बल द्वारा स्थानीय क्षेत्रों में कोविड महामारी के विरुद्ध जागृति फैलाने के प्रयासों की भी सराहना की।
उपराष्ट्रपति का ICAR CAZRI, जोधपुर का दौरा -
बाद में उपराष्ट्रपति ने जोधपुर स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के सेंट्रल एरिड जोन रिसर्च इंस्टीट्यूट (CAZRI) का भी दौरा किया और वहां के वैज्ञानिकों से मिले।
संस्थान के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि टेक्नोलॉजी सिर्फ प्रयोगशाला तक ही सीमित नहीं रह जानी चाहिए बल्कि तकनीकी जानकारी किसानों को उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होंने कृषि को उपादेय और स्थाई बनाने के लिए नई तकनीकों को पारंपरिक पद्धतियों के साथ मिलाने का आग्रह भी किया। उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि वे किसानों की जलवायु परिवर्तन और उत्पादकता बढ़ाने जैसी चुनौतियों का व्यावहारिक इनोवेटिव समाधान खोजें।
उन्होंने शुष्क इलाकों में फल और सब्जियों की खेती का इलाका बढ़ाए जाने पर बल दिया। साथ ही उन्होंने कृषि में विविधिकरण, ड्रिप और स्प्रिंकलर से सिंचाई, किसानों को समय से और सस्ती दर पर ऋण की उपलब्धता, गुणवत्ता वाले बीज, कीटनाशक दवा और उर्वरक की उपलब्धता पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि सिर्फ कर्ज माफी जैसे लोकलुभावन वादों से किसानों की लंबे समय से लंबित समस्याओं का दीर्घकालीन निदान नहीं हो सकता, उन्हें समय से सस्ते कर्ज, निर्बाध बिजली आपूर्ति, बिक्री की बेहतर सुविधाओं की जरूरत है जिससे कृषि एक लाभदायक व्यवसाय बन सके।
उपराष्ट्रपति के दौरे के दौरान उन्हें CAZRI द्वारा शुष्क क्षेत्र में कृषि, जल संरक्षण, मवेशियों की नस्ल सुधारने के लिए किए गए तथा खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में किए जा रहे अनुसंधान के बारे में जानकारी दी गई।
इन अवसरों पर उपराष्ट्रपति के साथ राजस्थान के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र, राजस्थान सरकार में मंत्री डा बी डी कल्ला, राज्य सभा सांसद श्री राजेंद्र गहलोत तथा बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी और CAZRI के निदेशक उपस्थित रहे।