जालौन: दस दिवसीय अभियान में चार लाख से अधिक बच्चों को खिलाई जाएगी दवा
बच्चों के पेट के कीड़े निकालने के लिए शुरू हुआ अभियान
संवाद सहयोगी, जालौन : प्रदेश में 19 साल तक आयु वर्ग के बच्चों के लिए कृमि (पेट के कीड़े) का संक्रमण दर 76 प्रतिशत है। पेट के कीड़ों के कारण आयु वर्ग में मानसिक और शारीरिक प्रभावित होता है। कृमि संक्रमण के कारण बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में कई बाधाएं आती है। ऐसे में शासन के निर्देश पर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति के लिए दस दिवसीय अभियान आज से शुरु हो गया है। यह अभियान 11 अगस्त तक चलेगा। यह जानकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ एसडी चौधरी ने सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित अचल प्रशिक्षण केंद्र में मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला में कही।
डॉ. चौधरी ने कहा कि इस समय कोविड संक्रमण का दौर चल रहा है। ऐसे में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद चल रहे हैं। ऐसे में आशा और आंगनबाड़ी कर्मचारी घर घर जाकर अपने सामने 0 से 19 साल तक के बच्चों को दवा खिलाएगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में चलाए गए अभियान में 419336 बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया था। इस बार भी सभी बच्चों को पेट के कीड़े निकालने की दवा एल्वेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। इसमें एक से दो साल तक के बच्चों को आधी गोली चूरा बनाकर पानी के साथ खिलाई जाएगी। जबकि दो व तीन वर्ष तक के बच्चों पूरी गोली चूरा कर पानी के साथ खिलाई जानी है। इसके बाद 3 से 19 साल तक के बच्चों को पूरी गोली पानी के साथ चबाकर खिलाई जाएगी।
डीसीपीएम डॉ. धर्मेंद्र ने बताया कि आशा और आंगनबाड़ी की एक टीम को एक दिन में 25 से तीस घरों का भ्रमण कर दवा खिलानी है। टीम को निर्देशित किया गया है कि किसी भी दशा में घरवालों को दवा न दें। अपने सामने बच्चों को दवा खिलाए। अभियान की रोजाना मानीटरिंग होगी। दवा का किसी तरह का दुष्प्रभाव होने पर नजदीकी अस्पताल जाने या एंबुलेंस की मदद लेने को कहा गया है।
कृमि होने पर यह होते है लक्षण
खून की कमी, भूख न लगना, स्कूल, पढ़ने और सीखने की क्षमता कम होना, कार्य करने की क्षमता कम होना।
इन्हें दवा नहीं खिलाई जानी है
खाली पेट, बीमार बच्चे, जुकाम, खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी, दवा खाने से मना करने पर, ऐसे बच्चे जो किसी कोविड उपचारित व्यक्ति के संपर्क में आया हो।