उरई : राजकीय मेडिकल कालेज (जीएमसी) के लेक्चर थियेटर में विभागाध्यक्ष अस्थिरोग विभाग के निर्देशन में महात्मा गौतमबुद्ध के जीवन चरित्र पर मेडिकल एथिक्स विषयक सेमिनार का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ. द्विजेंद्र नाथ ने महात्मा गौतम बुद्ध के जीवन के बारे में बताया कि महात्मा बुद्ध का वास्तविक नाम सिद्धार्थ था किंतु गौतमी द्वारा पाले जाने के कारण उन्हें गौतम भी कहा गया। बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद उनके नाम के आगे बुद्ध उपसर्ग जोड़ दिया गया और धीरे.धीरे वे महात्मा बुद्ध के तौर पर प्रख्यात हो गए।
प्राचार्य ने संदेश दिया कि करूणा, शील एवं मैत्री जो कि गौतम बुद्ध के मुख्य सूत्र थे।
जिन पर चलकर आज विश्व की सम्पूर्ण मानवता नें अपने जीवन को प्रकाशित किया हैए हम समस्त चिकित्सक करूणा एवं शील का अनुसरण करते हुए मरीजों के साथ मधुर एवं प्रिय भाषा के साथ उनका हालचाल पूछकर उनकी आधी से ज्यादा बीमारी तकलीफ को ठीक कर सकते है।
डॉ. नकुल ने महात्मा गौतम बुद्ध की जीवन यात्रा का विस्तार से वर्णन किया। डॉ गौरव बनौरिया, डॉ पवन दामने ने कोविड.19 संक्रमण से उपचार एवं रोकथाम के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी। प्राचार्य ने समर्पित भाव से कार्य करने वाले चिकित्सकों को सम्मानित किया। इस दौरान डॉ शुभांगी, डॉ मनोज, डॉ आरएन कुशवाहा, डॉ शैलेंद्र, डॉ छवि, डॉ चरक सांगवान आदि मौजूद रहे।